Saturday, July 27, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutट्रेन में लगी भीषण आग तो मच गयी चीख-पुकार

ट्रेन में लगी भीषण आग तो मच गयी चीख-पुकार

- Advertisement -

300 लोगों की जिंदगी जोखिम में फंस गई थी। सुबह का सफर उनके लिए मुसीबत लेकर आने वाला है, यह नहीं पता था। अचानक चलती ट्रेन की बोगी में भीषण आग से यात्रियों के होश उड़ा दिये। ट्रेन दौराला स्टेशन पर पहुंची तो अफरातफरी मच गई। यात्री जान बचाने के लिए ट्रेन की बोगी से इधर-उधर खिड़की से कूदे, तब जाकर जान बची। इस दौरान कई यात्रियों को चोटें भी आई। इसमें कोई हताहत तो नहीं हुआ, लेकिन रेलवे की दो बोगी आग में जलकर खाक हो गई। करीब 10 करोड़ की क्षति रेलवे को पहुंची हैं। आग लगने के कारणों की जांच पड़ताल विभागीय अफसर कर रहे हैं। हालांकि प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह तथ्य सामने आया है कि शॉट सर्किट होने से आग लगी, लेकिन अभी इसकी अधिकृत पुष्टि रेलवे ने नहीं की हैं। यह पहला हादसा है जब चलती ट्रेन में भीषण आग लगी हैं। ट्रेन में आग लगने के बाद ट्रेन दौड़ते हुए दौराला स्टेशन पर पहुंची, जिसके बाद ही ट्रेन से उन बोगियों को अलग किया, जिनमें आग लगी थी। घंटे भर तक दौराला स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल बना रहा।

  • लिखी जा सकती थी द बर्निंग ट्रेन की पटकथा
  • दौराला रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में लगी आग, मचा हड़कंप

जनवाणी संवाददाता |

दौराला: दौराला रेलवे स्टेशन पर जिस तरह ट्रेन में आग लग रही थी। वह पटकथा द बर्निंग ट्रेन की लिखी जा रही थी, लेकिन इस पटकथा को अचानक चालक अनिल कुमार द्वारा ऐसा मोड़ दिया गया कि लोग सकुशल ट्रेन से बाहर निकल गए, लेकिन जिस तरह आग लग रही थी उससे साफ जाहिर हो रहा था कि इस तरह की आग पर काबू नहीं पाया जा सकता था, लेकिन समय रहते आग पर जिस तरह काबू कर लिया गया। उसके बाद ट्रेन से उतर यात्रियों के चेहरे पर रौनक लौटी।

20 3

अक्सर ट्रेन में आग लगने की आम तौर पर घटनाएं जरूर देखी और सुनी होगी, लेकिन शनिवार को जिस तरह ट्रेन में शॉट सर्किट होने से आग लगी। उससे ऐसा लग रहा था कि ट्रेन में बैठे सभी यात्री सकुशल अपने घर नहीं लौटेंगे, लेकिन द बर्निंग ट्रेन की आत्मकथा रोकने में जिस तरह चालक अनिल कुमार ने एंट्री मारकर इस पर विराम लगा दिया।

क्योकि चालक ने जैसे ही यात्रियों का शोर सुनकर ट्रेन के बाहर निकलकर देखा तो इंजन से धुआं निकला। धुआं निकलता देख तुरंत चालक ने ट्रेन की रफ्तार तेज कर ली और जिसके बाद ट्रेन दौराला रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई।
चालक ने तुरंत पहले तो यात्रियों को बाहर निकाला। इसके बाद फायर ब्रिगेड कर्मियों की मदद से आग पर काबू पाया जा सका। जिसके चलते द बर्निंग ट्रेन की पटकथा लिखने से बच गई।

मौत के मुंह से निकले तो किया भगवान का शुक्रिया

सहारनपुर से दिल्ली के लिए चलने वाली पैसेंजर ट्रेन में बैठे यात्री उस समय खौफजदा हो गए, जब ट्रेन में आग लग गई तो उसमें बैठे करीब 300 यात्री खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे। ट्रेन से सुरक्षित नीचे आने के बाद आगजनी के चश्मदीद यात्रियों ने बताया कि आज तो वह सुरक्षित परिवार के बीच नहीं पहुंच पाएंगे और चीख-पुकार के बीच उनका रोना देखा नहीं जा रहा था, लेकिन जब यात्री सकुशल ट्रेन से उतर गए और अपने आप को सुरक्षित महसूस करने लगे तो उनका दर्द सुना नहीं गया।

18 3

उन्होंने साफ कहा कि आज तो ऊपर वाले का रहम हो गया, जो बच गए, लेकिन आज तो जिंदा ही जल जाते। इस ट्रेन में सहारनपुर से लेकर दिल्ली तक नौकरी पेशा लोग सुबह के समय सवार होकर जाते हैं, लेकिन लोग मौत के मुंह से वापस लौटे।

नौकरी पेशा मोहित गुप्ता का कहना है कि शनिवार अगर वह सुरक्षित अपने घर नहीं लौट पाते तो शायद उनका परिवार बिखर जाता। क्योंकि उनके परिवार में सिर्फ वह ही ऐसे शख्स है, जो परिवार की देखरेख करते है, लेकिन वह खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। जो सही सलामत ट्रेन से उतर गए।

अभिनव मांगलिक का कहना है कि जिस तरह ट्रेन में आग लगी। उस समय ऐसा लग रहा था कि आज जान बचनी मुश्किल है, लेकिन चालक की सूझबूझ ने उनकी जान बचा दी।

शिवम का कहना है कि भगवान की कृपा से ही आज वह बचे है। अन्यथा जिंदा जलकर उनकी मौत हो जाती। परिवार में जाकर वह अपने आपको भाग्य शाली महसूस करेंगे। ट्रेन के इस दर्दनाक हादसे को देखकर ऐसा लगता है कि मौत नजदीक मुहाने पर थी।

धर्मेंद्र खतौली का कहना है कि पहली बार मौत को नजदीक से देखा है, लेकिन उनकी जान बच गई और वह अपने परिवार में सही सलामत लौट गए। इससे ऐसा लगता है कि किसी का लिया दिया आज आगे आ गया है। उन्होंने टेÑन के चालक को भी आभार व्यक्त किया है।

चालक की सूझबूझ ने बची 300 जिंदगी

ट्रेन के चालक अनिल कुमार की सूझबूझ काम आई और चालक की सूझबूझ ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचा ली। क्योंकि शॉट सर्किट होने के बाद जब ट्रेन में आग लग गई तो लोगों में शोर मच गया, लेकिन चालक ने धैर्य बनाने की अपील की और ट्रेन को तेजी के साथ भगाकर दौराला रेलवे स्टेशन पर रोक दिया।

21 4

अगर तेजी के साथ ट्रेन न चलती तो शायद तेज हवा चलने के कारण आग और फैल जाती, जिसके बाद उस पर काबू नहीं पाया जा सकता था, लेकिन चालक की सूझबूझ ने ट्रेन में बैठे यात्रियों को सुरक्षित पहुंचा दिया गया है।

पुलिस और फायर ब्रिगेड कर्मियों ने किया बेहतर काम

पुलिस और फायर ब्रिगेड कर्मियों ने भी आग को बुझाने में बेहद भ्रसक प्रयास किया। उनके प्रयास के बाद ही आग पर काबू पाया जा सका। रेलवे कर्मचारियों और ट्रेन में बैठे यात्रियों ने इनका आभार व्यक्त किया।

घटना मिनट-दर-मिनट

  • सुबह सात बजे मटौर के पास इंजन से धुआं निकलते दिखाई दिया।
  • सुबह सात बजकर 10 मिनट पर टेÑन दौराला रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तब आग की लपटे उठने लगी थी।
  • सात बजकर 15 मिनट पर यात्रियों क ो तुरंत सुरक्षित निकाला।
  • सात बजकर 30 मिनट पर दमकल कर्मियों ने आग बुझाने का कार्य आरंभ किया।
  • लगभग 10 बजे आग पर नियंत्रण पाया जा सका।
What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments