- दौराला रेलवे फाटक के गेट नंबर-35 ट्रैक पर बैरियर लगाकर चल रहा कार्य,
- कर्मचारियों और गार्ड की लापरवाही आई सामने
जनवाणी संवाददाता |
दौराला: रेलवे फाटक के गेट नंबर-35 पर शुक्रवार को एक बड़ा हादसा होने से टल गया। इलाहाबाद जा रही नौचंदी ट्रेन कर्मचारियों व गार्ड की लापरवाही के कारण पलटने से बाल-बाल बच गई। जिसके चलते वहां अफरातफरी मच गई। ट्रेन के लोको पायलट की सुझबुझ से बड़ा हादसा होने से टल गया।
हुआ यूं कि दौराला के रेलवे फाटक के गेट नंबर-35 पर बैरियर बदलने का कार्य चल रहा है। शुक्रवार को गार्ड सत्यम की ड्यूटी लगी थी। शाम सात बजे नौचंदी एक्सप्रेस इलाहाबाद के लिए जा रही थी। इस दौरान एक बैरियर टैÑक पर पड़ा हुआ था। न तो गार्ड ने ध्यान दिया और न ही वहां काम कर रहे कर्मचारियों ने। परंतु, इसी बीच लोको पायलट की नजर टैÑक पर पड़े बैरियर पर पड़ गई।
जिसके बाद उसने सूझबूझ से कार्य करते हुए ट्रेन की गति को धीमा कर दिया। परंतु, इसके बाद भी ट्रेन बैरियर से टकरा गई। ट्रेन से उतरकर लोको पायलट ने गार्ड और कर्मचारियों पर जमकर फटकार लगाई और सभी के नाम लिखकर ट्रेन को वापस लेकर चला गया। लोको पायलट की सूझबुझ के चलते एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
स्टेशन मास्टर रविंद्र का कहना है कि मरम्मत का कार्य चलने के कारण 30 की गति से ट्रेन चलने के लिए स्पीड क्रेशर लगा रखा है। जिस कारण सभी ट्रेन 30 की स्पीड से गुजर रही है। 30 की स्पीड के चलते नौचंदी एक्सप्रेस ट्रेन का पायलट भी गति को काबू में कर सका।
मचा हड़कंप
इस हादसे के कारण आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। जिसके चलते कर्मचारियों में भी सनसनी फैल गई। हालांकि बाद में जब हादसा होने से बच गया। उसके बाद ही राहत की सांस ली।
लापरवाही हुई उजागर
रेलवे के कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। फाटक के बैरियर को उतारकर रेलवे लाइन पर ही रख दिया। उसी ट्रैक पर ट्रेन आ गई। स्पीड के लिए जरूर संकेतक लगा रखा था कि स्पीड 30 किमी प्रतिघंटा की है।
नौचंदी ट्रेन सहारनपुर से मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़, गढ़, मुरादाबाद, शाहजहांपुर होकर लखनऊ के रास्ते प्रयागराज तक जाती है। मेरठ के दौराला में साढ़े 7 बजे ट्रेन पहुंची थी।
पहले भी हुई लापरवाही
22 जून को कर्मचारी दौराला फाटक पर कार्य करते हुए नजर आ रहे हैं। रेलवे के कर्मचारियों की 22 जून की भी इसी फाटक पर लापरवाही सामने आई। जब दोनों तरफ लाल कपड़ा लेकर ट्रेन रोकने के लिए गार्ड खड़े कर दिए। वहीं 10 से अधिक कर्मचारी पटरी काटकर उन्हें जोड़ने का काम कर रहे थे। पटरी के गार्डर ट्रैक पर ही रखे हुए थे।