Saturday, July 27, 2024
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अपहृत बच्चा बरामद मामा और मामी गिरफ्तार

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  • मेरठ से एसओजी ने पकड़ा, सात लाख की फिरौती मांगी थी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो कोई क्या कर सकता है। ऐसा ही कुछ गाजियाबाद के लोनी में रहने वाले एक बच्चे के साथ हुआ। आपसी रंजिश के कारण मामा और मामी ने गाजियाबाद थाना लोनी के दिव्या भारती पब्लिक स्कूल से भांजे का अपहरण कर लिया।

गाजियाबाद पुलिस ने लालकुर्ती के जाफराबाद इलाके में दबिश दी, लेकिन बच्चे का पता नहीं चला। पुलिस ने एक युवक को हिरासत में ले लिया है। बाद में एसओजी की टीम ने मेरठ से बच्चे को बरामद करते हुए मामा और मामी को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है बच्चे के अपहरण के बाद सात लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी।

इंस्पेक्टर लालकुर्ती ने बताया कि लालकुर्ती के जाफराबाद में रहने वाले लाइनमैन सचिन और उसकी पत्नी ने बच्चे को गाजियाबाद स्कूल से अपहरण किया है। बच्चे का नाम विहान बताया जा रहा है जिसकी उम्र सात साल है। बच्चे के पिता का नाम अजय कुमार है। गाजियाबाद पुलिस ने लालकुर्ती क्षेत्र के जाफर वाले बाग में मामा-मामी के घर पर दबिश दी, मगर वह दोनों फरार हो गए।

अपहरण करने वाला सचिन मेरठ में बिजलीघर पर लाइनमैन के पद पर कार्यरत है और उसकी पत्नी का नाम शोभा बताया जा रहा है। घटना में उपयुक्त कार अजय के साले की बताई गई है। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पकड़ा गया साले का नाम आकाश है। वह सदर पत्ते मोहल्ले में रहता है। पुलिस को सर्विलांस से जानकारी मिली थी कि मामा और मामी की लोकेशन सदर से मिली है। पुलिस ने वहां जाकर पकड़ लिया।

हत्यारोपी की जमानत खारिज

न्यायालय जिला जज मेरठ ने हत्या के आरोप में आरोपी विक्की ठाकुर पुत्र हरकेश निवासी सरधना जिला मेरठ का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।डीजीसी क्रिमिनल ब्रज भूषण गर्ग ने बताया कि वादी मुकदमा ने थाना सरधना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके भाई गोपाल को आरोपी ने फोन कर फूड क्लब सरधना बुलाया और आरोपी की महिला दोस्त के कारण मृतक भोपाल से रंजीत दुश्मनी मानता था।

जिसके चलते उसने गत 31 जनवरी 2022 को बुलाकर साथियों के साथ मिलकर सूएं से गोपाल के सिर पर हमला कर दिया। जिससे गोपाल बुरी तरह से घायल हो गया और इलाज के लिए डॉक्टरों ने दिल्ली रेफर कर दिया गया था। जहां तीन दिन बाद गोपाल की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ कर जेल भेज दिया। आरोपी ने न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि उसे गलत फंसाया जा रहा है। जिसका सरकारी अधिवक्ता ने कड़ा विरोध किया न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।

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