Sunday, September 8, 2024
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किशोर न्याय बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

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  • प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश एसएसपी को दिए

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: न्यायालय ने डीएम को किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों के खिलाफ दिए कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। फर्जी टीसी बनाने पर प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के एसएसपी को आदेश कातिलाना हमला करने के आरोपी को नाबालिग घोषित कराकर उसे बचाये जाने के गम्भीर मामले में न्यायालय जिला विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम प्रहलाद सिंह ने किशोर बोर्ड के दोनों सदस्यों और फर्जीवाड़ा कर आरोपी का नाबालिग होेने का प्रमाण पत्र टीसी जारी करने वाले प्रधानाचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश एसएसपी को दिये है।

पीड़ित के अधिवक्ता कुलदीप शर्मा ने बताया कि गत 31 जनवरी 2022 को थाना सरधना मेरठ में एसआई हिमांशु शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज कराई की दोपहर करीब दो बजे पीएससी फूड क्लब रोड पर गली में दो पक्षों में झगड़ा चल रहा था। जिसमें पीड़ित विनोद कुमार निवासी ग्राम कुशावली मेरठ के बेटे गोपाल सिंह को आरोपी वासु तालियान पुत्र प्रमोद कुमार निवासी ग्राम छुर्र मेरठ ने अपने साथियों के साथ मिलकर लाठी-डंडे व धारदार हथियार से जान से मारने की नीयत से रंजिश रखते हुए उस पर हमला कर दिया था।

जिससे गोपाल सिंह गम्भीर रूप से घायल हो गया था। जिसकी बाद में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी थी। मामले में आरोपी वासू कालियान पुत्र प्रमोद कुमार निवासी ग्राम छुर्र थाना सरधना जिला मेरठ के बालिग होने या नाबालिग होने की सुनवायी किशोर न्याय बोर्ड द्वारा की गयी थी। बोर्ड के समक्ष आरोपी की शिक्षा प्रमाण पत्र को लेकर प्रधानाचार्य रमन शिक्षा निकेतन मवाना मेरठ राजवीर सिंह बोर्ड के समक्ष पेश हुए और आरोपी से सम्बन्धित दस्तावेजी साक्ष्य बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किये गये।

वहीं पीडित पक्ष की प्रार्थना पत्र पर आरोपी का मेडिकल कराया गया। स्कूल के दस्तावेजी साक्ष्यों को सही मानते हुए न्याय बोर्ड के दोनों सदस्यों नीलम सक्सेना एंव महेश चंद शर्मा ने आरोपी की उम्र साढेÞ 16 वर्ष होने का निर्णय पारित किया। जबकि मुख्य प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड ने शैक्षिक दस्तावेजों पर विश्वास न करते हुए मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर 19 वर्ष की उम्र होना उल्लेखित किया। किशोर बोर्ड के दो अलग-अलग निर्णय आने पर पीड़ित और आरोपी दोनों पक्षों द्वारा न्यायालय जिला जज के यहां अपील की गयी।

न्यायालय ने प्रधानाचार्य राजवीर सिंह को न्यायालय में साक्षी के रूप में तलब कराया तथा उससे कॉलेज का रिकॉर्ड मांगा कर कॉलेज रिकॉर्ड के रजिस्टर में प्रधानाचार्य द्वारा की गई कूट रचना को पत्रावली पर दर्ज होना पाया। न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए आरोपी वासु तालियान को बालिग माना और उसे बाल सुधार गृह से तुरंत जिला कारागार में भेजने का आदेश पारित किया।

न्यायालय ने जिलाधिकारी को आदेश की प्रति भेजते हुए किशोर न्यायबोर्ड के सदस्यगण के द्वारा अलग से पारित किये गये आदेशों के सम्बन्ध में आवश्यक कार्रवाई किये जाने के आदेश दिये। वहीं, रमन शिक्षा निकेतन मवाना, मेरठ के प्रधानाचार्य राजवीर सिंह के खिलाफ कूट रचना करने के संबंध में एफआईआर दर्ज करने के आदेश एसएसपी को दिये।

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