- गीत ग़ज़ल एकेडमी की नशिस्त हुयी
जनवाणी संवाददाता |
नजीबाबाद: गीत गज़ल संगम एकेडमी के तत्वाधान में तरही शेरी, नातिया नशस्ति में शायरो ने उम्दा कलाम पेश कर खूब दाद पाई। मौहल्ला वाहिद नगर में कांग्रेस अल्पसंख्यक सैल के जिला चेयरमैन अनीस विशाल अंसारी के आवास पर आयोजित शेरी तरही नशिस्त में नूर है जा बजा मोहम्मद का, मिसरे पर शायरो ने उम्दा कलाम पेश किये।
नशिस्त का आगाज हाफिज शादाब की तिलावते कलाम पाक से किया गया। कारी शुऐब नफीस ने मोहम्मद साहब के जीवन पर रोशनी डालते हुए कहा कि मौहम्मद सल्ल. पूरे आलम के रहमत बनकर आये। अनीस विशाल अंसारी ने उर्दू अदब की खिदमत के अपना पूर्ण सहयोग देने का विश्वास दिलाया।
इस मौके पर शायर महेन्द्र सिंह अश्क ने अपना कलाम सुनाते हुए कहा कि-जिनसे है सिलसिला मोहम्मद का, पूछ लूंगा पता मोहम्मद का। शनावर किरतपुरी ने कहा-दुशमनो का भी ऐहतराम किया, ऐसा शैबा रहा मोहम्म्द का। डा. आफताब नोमानी ने अपना कलाम सुनाते हुए कहा-कुफ्र की इतनी तेज आंधी में, जल रहा दिया मोहम्मद का।
सरफराज साबरी ने कहा- है बड़ा मरतबा मोहम्मद का, खुद है शैंदा खुदा मोहम्मद का। कारी शाकिर रिजवी ने खूबसूरत कलाम सुनाते हुए कहा- कौन होते है पूछने वाले, क्या खुदा का है क्या मोहम्मद का। अख्तर मुल्तानी ने कहा- क्यों टलेगा कहा मोहम्मद का, वो खुदा के खुदा मोहम्मद का। कारी शुएब ने कहा बा अदब हो गये फरिश्ते भी, जि़क्र जब छिड़ गया मोहम्मद का। मास्टर ताबिश रिहान ने कहा- शेख दो ज़ख से ना डरा मुझको, मुझ से है राब्ता मोहम्मद का। महेन्द्र अश्क की अध्यक्ष्ता व कारी शुऐब के संचालन में आयोजित नशिस्त में नौशाद अहमद शाद, मतलूब अहमद, इरफान अंसारी, शादाब, जहीर आदि मौजूद रहे।