Friday, March 29, 2024
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गांधी आश्रम पर प्रशासन को रखा जा रहा अंधेरे में

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  • अब प्रशासन से चोरी-छिपे सामान हटाने में जुटे

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: प्रशासन की तमाम सतर्कता के बाद गांधी आश्रम में दबंगई चल रही है। प्रशासन से चोरी-छिपे किस तरह से गांधी आश्रम की जिस जमीन को लेकर बवाल मचा हुआ है, वहां बिल्डिंग के अंदर प्राचीन किताबे, महात्मा गांधी के समय का फर्नीचर तक गायब किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि महात्मा गांधी जब यहां पर आये थे, उस दौरान का फर्नीचर यहां से गायब किया जा रहा है। पहले ये काम खुलेआम किया जा रहा था, लेकिन अब यह सब काम चोरी-छिपे चल रहा है।

‘जनवाणी’ फोटो जर्नलिस्ट ने शनिवार को यह सब कैमरे में कैद कर लिया। यह सब छुपाया जा रहा था। फर्नीचर कहां ले जाया जा रहा है? यह कोई बताने को तैयार नहीं हैं? आखिर महात्मा गांधी के समय का प्राचीन फर्नीचर को कहां गायब किया जा रहा हैं? आखिर इस फर्नीचर को गायब करने का अधिकार किसने दिया?

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किताबे भी व्यापक स्तर पर यहां रखी हुई थी, जिनको खुर्द-बुर्द किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यहां सिर्फ सफाई चल रही हैं, लेकिन यह सब जगजाहिर है कि सफाई के नाम पर बड़ा खेल किया जा रहा है। आखिर चल रहे इस खेल को क्या प्रशासन रोक पायेगा या फिर इसी तरह से महाखेल चलता रहेगा।

दरअसल, गांधी आश्रम की करीब 400 करोड़ की सम्पत्ति को कब्जाने का ही खेल चल रहा है। कभी लीज कर दी जाती है तो कभी आयोग के अधिकारी इस लीज को निरस्त कर दे रहे हैं, लेकिन फिर भी जो तोड़फोड़ चल रही है, उसे प्रभावी तरीके से नहीं रोका जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोतीगंज में चोरी के वाहनों के कटाने का तो मंच से बात करते हैं, लेकिन गांधी आश्रम की 400 करोड़ की सम्पत्ति पर किस तरह से कब्जा किया जा रहा है, यह किसी को दिखाई नहीं दे रहा हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इसकी शिकायत की गई, मगर अभी तक इसकी जांच पड़ताल भी आरंभ नहीं हुई। गांधी आश्रम प्राचीनता से जुड़ा हैं। ऐसे में उसकी सम्पत्ति को कैसे खुर्द-बुर्द किया जा सकता हैं? उधर, ग्रामोद्योग आयोग के डायरेक्टर राजेश कुमार श्रीवास्तव ने इस पूरे मामले को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार मुंबई हेडक्वाटर को भेज दी हैं।

इसमें जमीन पर किस तरह से कब्जे के प्रयास किये जा रहे हैं, उसका उल्लेख किया गया है। गांधी आश्रम समिति के पदाधिकारियों की घिनौनी चेष्टा को लेकर भी लिखा गया है। कहा गया है कि गांधी आश्रम की प्राचीन बिल्डिंग को क्षति पहुंचाई जा रही हैं। इसमें कार्रवाई करने की मांग की गई। फिलहाल इस पत्र को आयोग के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया हैं।

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