- सड़कों पर दिखा प्रशासन, विरोध में कुछ बाजार रहे बंद
- भारत बंद का स्टेटस लगाने पर पांच के खिलाफ मुकदमा
- कोतवाली सर्किल में डीएम और एसएसपी ने डाला डेरा
- कमिश्नर और आईजी भी सड़कों पर मुस्तैद रहे
- सोशल मीडिया पर पुलिस प्रशासन का रहा कड़ा पहरा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: तीन जून को कानपुर में भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान के बाद हुई हिंसा के बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिये पुलिस और प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। दो दिन पहले शांति समिति की बैठक में जिस तरह से प्रशासन ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। उसको देखते हुए जुमे की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हुई।
शहर के मुस्लिम इलाकों के कुछ बाजारों में दुकानदारों ने विरोध प्रकट करते हुए दुकानें बंद रखी जो नमाज के बाद खोल दी गई। कोतवाली सर्किल में जहां डीएम और एसएसपी ने डेरा जमाये रखा। वहीं, कमिश्नर और आईजी पूरे समय सड़कों पर ही दिखे। वहीं पुलिस ने भारत बंद का स्टेटस लगाने वाले पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन किसी भी ढिलाई के मूड में नहीं था। यही कारण है कि पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी नमाज पूरी होने तक हर स्थिति पर नजर बनाए रहे। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह व आईजी प्रवीण कुमार लगातार मॉनिटरिंग करते रहे। हापुड़ रोड से लेकर वह शहर के विभिन्न इलाकों में गए और सुरक्षा व्यवस्था को परखा।
इस दौरान उन्होंने अपने अधीनस्थों को निर्देश दिए कि वो किसी भी सूरत में सड़कों पर नमाजियों को न आने दें और यदि कहीं भी कोई विरोध होता दिखे तो तत्परता दिखाएं। इस दौरान कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने भी सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि कोई भी व्यक्ति माहौल बिगाड़ने का जरा भी प्रयास करे चाले वो किसी भी समुदाय का हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
उधर, जिलाधिकारी दीपक मीणा व एसएसपी प्रभाकर चौधरी शहर के अंदरुनी हिस्सों में मॉनिटरिंग करते रहे। उन्होंने घंटाघर व उसके आसपास के इलाकों में घूमकर चौकसी बरती। इसके अलावा सभी सीओ व थानेदार अपने अपने इलाकों में नमाज को लेकर चौकन्ने रहे। जुमे की नमाज शांतिपूर्वक ढंग से सम्पन्न होने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
दुकानें बंद होने से अफवाहों का बाजार गर्म
जुमे की नमाज से पूर्व घंटाघर क्षेत्र की दुकानें अचानक बंद होेने से शहर में अफवाहों का बाजार गर्मा गया। लोग एक दूसरे को फोन कर शहर के हालात जानने को उत्सुक दिखे। हालांकि इस क्षेत्र में बंद हुर्इं अधिकतर दुकानें नमाज के बाद खुल गर्इं। यही हाल खैरनगर, इंदिरा चौक और गोलाकुआं के आसपास भी देखा गया।
दरअसल, दो दिन से सोशल मीडिया पर जुमे को भारत बंद की सूचना वायरल हो रही थी। इसको लेकर मुसलमानों में भ्रम फैला हुआ था। बंद की अफवाहों को लेकर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट था। इसी को लेकर प्रशासन ने दो दिन पूर्व धार्मिक गुरुओं की बैठक भी बुलाई थी और कई उलेमाओं ने अपने स्तर से बंद को भ्रामक बताते हुए अपीलें भी जारी कर इन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था।
इस सब के बाद जुमे को वैसे तो कहीं पर भी बंद का कोई असर नहीं दिखा, लेकिन नमाज से पूर्व घंटाघर क्षेत्र की कई दुकानें अचानक बंद हो गर्इं और इसे लेकर अफवाहों का बाजार गर्म हो चला। वैसे शहर के सभी मुस्लिम बाहुल्य इलाके खैरनगर, गुदड़ी बाजार, इस्लामाबाद, गोला कुआं, शाहगासा, इमलियान, गोला कुआं, तारापुरी, रशीद नगर व सद्दीक नगर सहित सभी जगहों पर दुकानें पूर्व की भांति खुली रहीं।
इमलियान मस्जिद पर रहा अधिकारियों का फोकस
शुक्रवार को जुमे की नमाज के दौरान हालांकि प्रशासन की निगाहें हर संवेदनशील स्थान पर रहीं, लेकिन लिसाड़ी गेट, दिल्ली गेट, ब्रह्मपुरी व कोतवाली क्षेत्रों पर विशेष फोकस रहा। नमाज से पूर्व मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह व पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार खुद हापुड़ रोड स्थित इमलियान मस्जिद पर पहुंचे और निगरानी की।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए इन दोनों अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और बखूबी अपना काम कर रहा है। इसके अलावा सीओ कोतवाली अरविंद चौरासिया के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स यहां तैनात रहा। सीओ अमरदीप भी यहां मौजूद थे।
इसके अलावा मस्जिद कमेटी के कई पदाधिकारी भी पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ लगातार तालमेल बनाए हुए थे। मस्जिद कमेटी के मुतवल्ली हाजी शमशाद, अध्यक्ष हाजी इरशाद, नईम अहमद, हाजी तनसीर, हाजी शहजाद, हाजी नौशाद व मो. एहसान सहित मस्जिद कमेटी के कई सदस्य मौजूद थे।
पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा
भारत बंद को स्टेटस पर डालने वाले पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी ने बताया कि मवाना समेत तमाम थानों में मुकदमे दर्ज किये गए हैं।