Thursday, January 16, 2025
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आंदोलनकारियों का कलक्ट्रेट पर कब्जा

  • अफसरों की पार्किंग में प्रदर्शनकारियों के ट्रैक्टरों का कब्जा, धरनास्थल पर गुड़गुड़ाया हुक्का

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: ट्रैक्टर-ट्राली और उसमें भरी पुआल, सरकंडों के मूढेÞ उस पर बैठे एक बुजुर्ग किसान जिनके हाथ में लाठी और बगल में हुक्का, जिसको गरम करने की तैयारी चली रही थी। गांव व घेर में कुछ ऐसा ही नजारा तो होता है। दरअसल, सोमवार को आमरण अनशन की घोषणा करने वाले विधायक अतुल प्रधान का समर्थन करने पहुंचे किसानों ने कलक्ट्रेट में ही गांव बसा दिया। अतुल प्रधान के लिए अच्छी बात यह रही कि जितनी बड़ी संख्या में किसान उनके समर्थन को पहुंचे थे, उतनी ही बड़ी तादात में शहर के तमाम हिस्सों से सपा के कार्यकर्ता भी पहुंचे थे।

दिन चढ़ते ही तैयारियां

आमरण अनशन के ऐलान के बाद समर्थकों ने दिन कलक्ट्रेट स्थिति धरना स्थल पर तैयारियां शुरू कर दी थीं। उन्हें पता था कि पहला दिन है और बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे। जो लोग आएंगे उनके खाने आदि का भी इंतजाम करना होगा। सो पहला काम तो हलवाई बैठाने का किया। धरना स्थल पर जहां विधायक के लिए टेंट लगवाया, उसके पीछे ही हलवाई को बैठा दिया। वहां पर भट्टी चढ़ा दी गयी। समर्थकों के लिए खाने आदि का इंतजाम कर दिया गया।

ट्रैक्टरों की कलक्ट्रेट पर से दी चढ़ाई

दोपहर को जब विधायक दर्जनों समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे तो कुछ देर बाद ही वहां ट्रैक्टर-ट्रालियों का रेला पहुंचना शुरू हो गया। इन पर किसान सवार थे। कलक्ट्रेट गेट पर यूं तो भारी पुलिस फोर्स तैनात था, लेकिन किसानों के ट्रैक्टर-ट्रालियों को फोर्स ने रोकने की कोशिश या हिम्मत नहीं की। एक बारंगी तो किसानों ने कलक्ट्रेट में टैÑक्टर दौड़ा दिए।

हालांकि बाद में सपा नेताओं ने किसी प्रकार समझा-बुझाकर उन्हें ऐसा न करने को कहा। जब टैÑक्टर दौड़ाए गए तो वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि कलक्ट्रेट में जहां डीएम कार्यालय है, उससे कुछ पहले ही सारे ट्रैक्टर धरना स्थल के चारों ओर खडेÞ कर दिए गए। कुल मिलाकर वहां ट्रैक्टर-ट्रालियों से चारों ओर दीवार बना दी गयी।

हुक्का गुड़गुड़ाते ली एंट्री

ट्रैक्टर-ट्रालियों पर जो भी किसान सवार होकर पहुंचे थे, उनमें से कई ऐसे थे जिन्होंने जैसे घेर में मूढेÞ लगा दिए जाते हैं और बीच में हुक्का रख दिया जाता है और चारों ओर बैठने वाले हुक्का गुड़गुड़ाते रहते हैं, कुछ इसी अंदाज में किसानों ने भी आज कलक्ट्रेट में एंट्री ली।

उन्होंने यह जताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी कि वो वापस लौटने की जल्दबाजी में कतई नहीं है और पूरी तैयारी व इंतजाम के साथ आए हैं। दरअसल कुछ ट्रÑालियों पर गद्दे व रजाइयों भी लदी थीं। हालांकि आयोजन स्थल पर तैयारियों में लगे कार्यकर्ताओं ने भी अपनी ओर से इंतजाम किए हुए थे।

सिविल लाइन इलाके में सुरक्षा का भारी बंदोबस्त

सपा विधायक के आमरण अनशन के मद्देनजर भारी संख्या में समर्थकोें के पहुंचने की खबरों के चलते प्रशासन की ओर से सिविल लाइन इलाके में सुरक्षा का भारी बंदोबस्त किया गया था। सीओ स्तर के अधिकारी के अलावा थाना सिविल लाइन व थाना लालाकुर्ती प्रभारी धरना स्थल पर मुस्तैद रहीं। कमिश्नरी चौराहे से लेकर सिविल लाइन के सर्किट हाउस चौराहे तक के रास्ते पर जगह-जगह पुलिस फोर्स लगायी गयी थी।

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एसएसपी कार्यालय के गेट और दीवार के बाहर वाले हिस्से पर भी काफी पुलिस फोर्स तैनात की गयी थी। कलक्ट्रेट में धरना स्थल पर जहां टेंट लगाया गया है, वहां भी रिजर्व फोर्स के जवान तैनात किए गए। डीएम कार्यालय के बाहर भी फोर्स का अच्छा खासा इंतजाम किया गया। यहां सादवर्दी में भी पुलिस वाले नजर आए। इसके अलावा कचहरी परिसर के भीतर भी पुलिस की पूरी चाकचौबंद व्यवस्था नजर आयी।

चौराहों पर फोर्स ही फोर्स

कलक्ट्रेट और कचहरी जाने वाले रास्तों पर विधायक समर्थकों के वाहनों की वजह से जाम न लगे इसके लिए खास इंतजाम किए गए थे। एसपी ट्रैफिक जितेन्द्र्र श्रीवास्तव ने बताया कि सभी चौराहों पर पर्याप्त स्टाफ लगाया गया है। कचहरी के समीप कोआपरेटिव बैंक वाले चौराहे पर सुबह से ही टैÑफिक स्टाफ मुस्तैद नजर आया। इसी तरह से मोहनपुरी नाला कब्रिस्तान वाले चौराहे पर भी यातायात जाम से निपटने क लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

कचहरी के सामने अंबेडकर चौराहे पर टैÑफिक पुलिस का पर्याप्त स्टाफ था। हालांकि ज्यादातर विधायक समर्थकों का काफिला इसी रास्ते से पहुंचा था, इसके बाद भी वहां जाम नहीं लगाने दिया गया। कमिश्नरी चौराहा और कार्यालय के गेट पर भी पुलिस फोर्स मुस्तैद नजर आया। बाकी दिनों के मुकाबले आज पूरे सिविल लाइन में पुलिस के इंतजाम अधिक चाकचौबंद नजर आए। वहीं दूसरी ओर सीओ खुद भी पूरे दिन धरना स्थल के सामने डटे रहे।

कमोवेश उन्हीं की भांति एसओ लालकुर्ती भी शाम तक मोर्चा संभाले रहीं। हालांकि केवल बार को यदि अपवाद मान लिया जाए जब एक दारोगा से विधायक अतुल प्रधान की कुछ गरमा-गरमी हो गयी तो आमने सामने आने का कोई मौका किसी ने भी भी एक-दूसरे को नहीं दिया। शाम ढलने के साथ ही धीरे-धीरे दिन का फोर्स हटाकर उनकी जगह दूसरा फोर्स कलक्ट्रेट में लगाया गया।

इस दौरान एलआईयू का पूरा स्टाफ दिन भर मुस्तैदी से डटा नजर आया। एसपी सिटी पीयूष कुमार लगातार धरना स्थल का अपडेट ले रहे थे। पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों की भी दिन भर कलक्ट्रेट पर ही नजर लगी रही। यह भी जानकारी मिली है कि प्रशासन की ओर से शासन को भी यहां से लगातार अपडेट दी जाती रही।

ऐलान-ए-हड़ताल! मरीजों को न इलाज, न आपरेशन

बात से बात नहीं बनी तो बुधवार को ना तो मरीजों को इलाज मिलेगा और न ही किसी का आपरेशन होगा। मरीजों के साथ यदि कुछ भी अप्रिय होता है तो उसके लिए पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। यह चेतावनी आज मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुडेÞ शहर के तमाम डाक्टरों की ओर से दी गयी है। इससे पहले बच्चापार्क स्थित आईएमए सभागार में बुलायी गयी एक इमरजेंसी बैठक में आईएमए व मेरठ नर्सिंगहोम एसोसिएशन के पदाधिकारियों न्यूटिमा को लेकर जारी किए गए नोटिस पर हैरानी जताते हुए प्रशासन से महज सात दिन का वक्त दिए जाने की मांग की गयी।

आईएमए के अध्यक्ष डा. संदीप जैन व मेरठ नर्सिंगहोम एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. शिशिर जैन ने बताया कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसकी जानकारी प्रशासन को दे दी गयी है। यदि हाईकोर्ट से कोई रियायत नहीं मिलती है तो फिर प्रशासन कोई भी कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होगा।

नहीं करेंगे इलाज, सौंप देंगे चाबियां

आईएमए की ओर से मीडिया को जारी किए गए प्रेस नोट में बताया गया है कि यदि उनकी बात नहीं मानी गयी और प्रशासन जिद्द पर अड़ा रहा तो फिर पूरे शहर में कोई भी डाक्टर किसी का भी इलाज नहीं करेगा। शहर भर के डाक्टर अपने क्लीनिक व नर्सिंगहोमों पर ताले डालकर चाबियां प्रशासन को सौंप देंगे। किसी भी हालात के लिए पूरी तरह से प्रशासन जिम्मेदार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सूरत में न्यूटिमा को सील नहीं होने दिया जाएगा। बुधवार सुबह से ही तमाम डाक्टर न्यूटिमा पर जमा होंगे। उसके बाद जो होगा देखा जाएगा।

हैरान भी और परेशान भी

सील किए जाने का नोटिस मिलने के बाद आईएमए व नर्सिंगहोम एसोसिएशन हैरान भी है और परेशान भी। उनका कहना है कि वो लगातार तमाम अफसरों के संपर्क में हैं। उसके बाद भी यह उकसाने वाली कार्रवाई सही नहीं ठहरायी जा सकती। वहीं दूसरी ओर बताया गया है कि किसी भी प्रकार की रियायत देने से अधिकारियों ने साफ इंकार कर दिया है।

भाजपा नेताओं से संवाद

सील के नोटिस के बाद आईएमए ओर नर्सिंगहोम एसोसिएशन के पदाधिकारी लगातार भाजपा नेताओं से संपर्क बनाए हुए हैं। नाम न छापे जाने की शर्त पर एक सूत्र ने जानकारी दी कि सत्ताधारी दल के सांसदों व विधायकों से लगातार बात की जा रही है। सांसद और विधायक भी प्रशासन के आला अधिकारियों से बात कर चुके हैं, लेकिन फिलहाल राहत की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है। बताया गया है कि लखनऊ से भारी दबाव है, इसलिए मेरठियों का दबाव काम नहीं कर पा रहा है।

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