Tuesday, July 8, 2025
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अग्निवीर योजना खिलाड़ियों से मजाक, सरकार के फैसले से नाराजगी

  • केन्द्र सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर युवा खिलाड़ियों में आक्रोश
  • सेना में भर्ती के लिए पसीना बहाने वाले खिलाड़ियों ने सुनाई पीड़ा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: केन्द्र सरकार ने युवाओं के लिए 10 लाख नौकरी देने की घोषणा की है। जिसका नाम अग्निवीर योजना दिया गया है, लेकिन नौकरियों का पिटारा खुलने से पहले ही इसका विरोध शुरू हो गया है। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में पिछले कई सालों से सेना में भर्ती पाने के लिए पसीना बहाने वाले खिलाड़ियों ने इसे अपने साथ मजाक बताया। साथ ही इस योजना का विरोध करने की भी बात कही है। कुल मिलाकर केन्द्र सराकर की इस योजना को धरातल पर उतरने से पहले ही युवा खिलाड़ियों में गहरा रोष नजर आ रहा है।

अभिषेक: किठौर के रहने वाले खिलाड़ी ने बताया कि 2017 में स्टेडियम ज्वाइन किया था उस समय उम्र कम थी, तभी से रोज स्टेडियम प्रैक्टिस करने आते है। सुबह चार बजे आते है इसके बाद दोपहर एक बजे चले जाते है, फिर शाम के समय चार बजे आते है और रात को वापस लौटते है।

21 साल की उम्र वाले खिलाड़ियों को नौकरी देने की बात कही जा रही है, लेकिन वह इस उम्र को पार कर चुके है। इस योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल सकेगा। चार साल के लिए नौकरी है जिसमे पेंशन भी नहीं दी जा रही है, चार साल के समय में ट्रेनिंग भी होनी है उसमे हम क्या कर लेगें।

विशाल अत्री: मवाना के खिलाड़ी 2017 से प्रैक्टिस करने आते है, 15 सौ मीटर के एथलीट है। पांच साल हो गए तैयारी करते हुए अब नौकरी निकाली है केवल चार साल के लिए। 21 हजार के लिए कौन देश की सेवा करने जाएगा, बार्डर पर गोली कौन खाएगा।

अगर चार साल के लिए ही करनी है तो सभी के लिए की जाए, चाहे उसमे नेता हो, अभिनेता या फिर कोई भी। सभी अधिकरियों के लिए भी लागू की जाए, एनडीए, सीडीएस जो भी भर्ती होती है सभी के लिए की जाए। पेंशन खत्म कर दी, हॉस्पिटल की सुविधाएं समाप्त कर दी, कैंटीन की सुविधाएं खत्म कर दी गई। 21 हजार तनख्वाह में से भी 30 प्रतिशत सरकार खुद रख रही है जो बाद में दिया जाएगा।

राहुल धामा: मवाना से आने वाले 15 सौ मीटर एथलेटिक्स खिलाड़ी ने कहा कि पिछले सात सालों से प्रैक्टिस करने आ रहे है। चार साल की नौकरी निकली है, सात साल से प्रैक्टिस कर रहे है यह कहां का इंसाफ है। सात साल से भाग रहे है अब चार साल बाद यह घर भेज देगें, इससे क्या लाभ होगा। इससे तो अपने घर ही रहकर खेती कर लेगें वही सही है। हम इस योजना का विरोध करते है सरकार को इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए, यह हम जैसे लाखों खिलाड़ियों के साथ मजाक है।

संगम मलिक: जमालपुर के रहने वाले एथलीट का कहना है कि हमने तीन साल की एनसीसी भी कर रखी है। अब सरकार ने महज चार सालों के लिए फौज में नौकरियां निकाली है, इसका क्या फायदा। पांच सालों से स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे है, सेना में जाने का सपना देखा था जो अब टूटनें की कगार पर आ गया है।

जितने भी युवा स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहे है सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अगर सेना की नौकरी की सीमा कम कर दी है तो प्रधानमंत्री का कार्यकाल भी तीन साल का कर दिया जाना चाहिए। हम इस बार बीजेपी को हटाने की कोशिश करेगें, हम इस योजना का बिल्कुल समर्थन नहीं करते है। सरकार को अपना फैसला वापस लेना होगा, वर्ना हम आंदोलन करेगें।

हर्षित पंवार: पिछले पांच सालों से सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहे है। पहले से ही कोई भर्ती नहीं निकली अब निकाली है तो वह भी केवल चार सालों के लिए। सरकार की इस योजना से देश की सेना भी कमजोर हो जाएगी, इससे देश की सुरक्षा को लेकर भी खतरा मंडराने लगेगा। छह माह की ट्रेनिंग होगी, इतने में जवान को क्या एक्सपीरियंस होगा बार्डर का।

आठ सालों से रेस लगाने वाले खिलाड़ियों को इससे कोई लाभ नहीं होने वाला है। जितनी तनख्वाह देने की बात कही जा रही है, उतना तो पूरे साल में खिलाड़ी अपनी खुराक पर ही खर्च कर देता है। चार साल बाद महज 25 प्रतिशत बच्चों को आगे बढ़ाया जाएगा, 75 प्रतिशत को तो बाहर निकाल दिया जाएगा। अब बच्चों की उम्र निकलती जा रही है, ऐसे में इस योजना का कोई लाभ नहीं है।

आकाश चौधरी: सकौती के रहने वाले खिलाड़ी का कहना है कि पिछले दो सालों से स्टेडियम में रूम लेकर रह रहे है। किसान परिवार से है, सेना में जाने की तैयारी कर रहे है। उम्र निकल गई है, टेÑेडमेन की भर्ती खत्म कर दी गई है। 17 से 21 उम्र सीमा तय की गई है, लेकिन इसमे यह नहीं पता कि यह जीडी भर्ती है या ट्रेडमैन की है। तीनों सेनाओं में मात्र 46 हजार वेकेंसी निकाली है इसमें हम क्या करे।

टीओडी से हम बिल्कुल खुश नहीं है, इसे तुरंत वापस लेना चाहिए। जिस तरह से पहले भर्ती होती थी इसी तरह होनी चाहिए। कई युवाओं ने आत्महत्या कर ली है उनका कौन जिम्मेदार होगा। हम सरकार की इस योजना का विरोध करते है, अगर इस योजना को वापस नहीं लिया गया तो हम भूख हड़ताल करेगें।

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