- नियुक्ति निरस्त, नगर निगम में फर्जी तरीके से की गई 23 कर्मचारियों की नियुक्त के मामले में हुआ बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा
- शासन ने मेरठ मंडल के आयुक्त एवं नगरायुक्त को लिखा पत्र
- मामले में लिये वेतन की रिकवरी कर आख्या तत्काल शासन को भेजे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले में शासन से आये 23 कर्मचारियों की नियुक्त को निरस्त कर कर्मचारियों के प्राप्त किये गये वेतन की रिकवरी के आदेश से हड़कंप मच गया है। वर्ष 2019 में की गई शिकायत के आधार पर मुख्यमंत्री/शासन स्तर पर संज्ञान लिया गया। कई पत्र शासन से जारी होने के बाद भी निगम इस बडेÞ भ्रष्टाचार के मामले को दबाये रहा,
लेकिन लगातार पत्राचार के चलते आखिरकार शासन ने मामले में बडा संज्ञान लिया, जिसमें शासन ने आयुक्त मेरठ मंडल मेरठ एवं निगम के आयुक्त को पत्र जारी कर गलत तरीके से की गई 23 कर्मचारियों की नियुक्त को अवैध मानते हुये उन्हे तत्काल निरस्त कर अब तक जो वेतन उन्होंने प्राप्त किया है,उसकी वसूली के आदेश भी जारी किये हैं। वहीं, आदेश पर तत्काल कार्रवाई कर उसकी आख्या भी शासन ने मांगी है। जिसके बाद नगर निगम में इस बडेÞ भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद हड़कंप मचा है।
शासन से एक पत्र नगर निगम कार्यालय में पहंचा तो उसको लेकर नगर निगम में हड़कंप मच गया। यह पत्र 3 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री संदर्भ/तत्काल कार्रवाई के लिये आयुक्त मेरठ मंडल मेरठ एवं इसकी प्रतिलिपि नगर निगम के आयुक्त को भी भेजी गई। इस पत्र में नगर निगम में कर्मचारियों की नियुक्त के मामले में बडेÞ स्तर पर हुये भ्रष्टाचार के मामले में शासन ने संज्ञान लिया और तत्काल प्रभाव से इन 23 कर्मचारियों की नियुक्त को निरस्त कर उनके द्वारा अब तक लिये गये वेतन की वूसली के भी आदेश जारी किये गये हैं।
शासन से पत्रांक संख्या, 600/2021/ 251/2018-20 जारी पत्र में लिखा है,कि नगर निगम मेरठ में 23 कर्मचारियों की जो नियुक्त्त हुई है उन्हे तत्काल निरस्त कर अब तक जो वेतन इन कर्मचारियों के द्वारा लिया गया है। उसकी वसूली की जाये। जिसके बाद आयुक्त मेरठ मंडल मेरठ के पत्र पर संज्ञान लेने के लिये आयुक्त नगर निगम को लिखा गया है। जिसमें चार अक्टूबर 2019 पर कार्रवाई कर तत्काल उसकी आख्या शासन के द्वारा मांगी गई है।
जिसमें बताया गया कि तत्कालीन नगर आयुक्त डीके सिंह के द्वारा शासन को भेजा गया संबोधित पत्र संख्या-337 नगर आयुक्त कैंप/2020 दिनांक 8 नवंबर 2020 के संबध में शासन स्तर पर की गई कार्रवाई कई बार पत्राचार के बाद भी अमल में क्यों नहीं लाई गई। जिसमें शासन से प्राप्त पत्र के बाद निगम आयुक्त से नाराजगी व्यक्त करते हुये कमिश्नर मेरठ ने 1 फरवरी 2023 को अंतिम बार जारी हुये पत्र पर गंभीरता से कार्रवाई के लिये लिखा है।
जिसमें इन सभी 23 कर्मचारियों की नियुक्त को निरस्त कर तत्काल वेतन की रिकवरी के आदेश जारी किये गये हैं। शासन के इस पत्र से निगम में कर्मचारियों की नियुक्त में हुये व्याप्त भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद निगम में हड़कंप मच गया है। इस संबंध में नगरायुक्त अमित पाल शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह एक गोशाला के निरीक्षण में व्यस्त है। जैसे ही उन्हे समय मिलेगा तो वह जानकारी कर बतायेंगे, लेकिन उसके बाद उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं की, ताकि इस मामले में उनका पक्ष क्या है, वह जाना जा सके।