- खतरनाक है शहर की हवा 367 दर्ज किया एक्यूआई
- कम नहीं हो रहा प्रदूषण, आंखों में जलन, गले में हो रही दिक्कत
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: इस समय जो प्रदूषण का लेवल चल रहा है। उससे आंखों में जलन और गले में दिक्कत बढ़ती जा रही है। लाल श्रेणी में मेरठ का प्रदूषण चल रहा है। एनसीआर में दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर मेरठ का प्रदूषण रहा है, जोकि खतरनाक स्तर पर है। मेरठ का एक्यूआई 367 दर्ज किया गया।
जिला प्रशासन द्वारा बनाई गई प्रदूषण को रोकने के लिए टीमे का असर नहीं दिख रहा है। जगह-जगह कूढ़े जलाए जा रहे हैं और निर्माण के कार्य खुलेआम चल रहे हैं। जिस कारण से प्रदूषण पर रोकथाम नहीं है। प्रदूषण में तेजी से बढ़ोतरी के चलते शहरवासी परेशान है। अभी आगे भी राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं।
बुधवार को दिल्ली का एक्यूआई 395 और मेरठ का 367 दर्ज किया गया, जो एनसीआर में दूसरे नंबर पर रहा है। शहर में सबसे ज्यादा प्रदूषित पल्लवपुरम रहा है। यहां एक्यूआई 397 दर्ज किया। जयभीमनगर 332, गंगानगर 372 दर्ज किया गया है।
बारिश से कम होगा प्रदूषण
सर्दी के सीजन में तेजी से बढ़ता प्रदूषण को प्रशासन कम नहीं कर पा रहा है। कमेटी कागजों मेंं काम कर रही है और धरातल पर प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इस समय बारिश अगर हो जाए तो प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है। नौ नवंबर को बूंदाबांदी एयर क्वालिटी इंडेक्स गिरते हुए 181 पर पहुंच गया था। दीपावली के बाद फिर तेजी से बढ़ोतरी हुई और अभी तक कम नहीं हुआ है।
दिन का तापमान गिरा
सर्दी का असर धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, तापमान गिर रहा है। रात में भी मौसम सर्द बना हुआ है। बुधवार को भी दिन में भी मौसम में ठंडी दिखाई दी। जिस कारण से एक डिग्री तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 25.3 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमान 13.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
अधिकतम आर्द्रता 67 और न्यूनतम आर्द्रता 42 दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि अभी तीन दिन चार दिन में तापमान दो से तीन डिग्री गिरेगा। स्मॉग का असर अभी बना रहेगा और हवा के चलने से रात में मौसम ठंडा होगा।
परिचालक के पक्ष में 33 साल बाद आए फैसले से हड़कंप
मेरठ: वर्ष 1990 में मार्ग पत्रों में कटिंग व ओवर राइटिंग कर निगम धन गबन करने संबंधी भ्रष्टाचार प्रकरण में 33 साल बाद हाईकोर्ट का फैसला परिचालक के पक्ष में आने के बाद आरएम कार्यालय में हड़कंप मच गया है। इस संबंध में प्रभारी आरएम लोकेश राजपूत की ओर से सहायक महाप्रबंधक उत्तराखंड परिवहन निगम रुड़की डिपो को पत्र प्रेषित किया गया है। जिसमें उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के क्रम में माया शंकर दूबे पुत्र सभाजीत दूबे परिचालक रुड़की डिपो के समस्त सेवा निवृत्तिक लाभों का गणना चार्ट एवं समस्त मूल सेवा अभिलेख विधि अनुभाग को एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
आरएम कार्यालय के विधि अनुभाग में सेवारत एएलओ विक्रांत पंवार ने अवगत कराया कि वर्ष 1990 में उत्तराखंड के अलग राज्य बनने से पूर्व रुड़की डिपो मेरठ परिक्षेत्र के अंतर्गत आता था। उस समय रुड़की डिपो में तैनात परिचालक माया शंकर दूबे पुत्र सभाजीत दूबे को मार्ग पत्रों में कटिंग व ओवर राइटिंग कर निगम का धन गबन करने संबन्धी भ्रष्टाचार प्रकरण में दोषी पाते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक (कार्मिक) उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के पत्रांक संख्या 3257, 27 सितंबर 1990 के माध्यम से बर्खास्त कर दिया गया था। इस आदेश के विरुद्ध माया शंकर की ओर से अपील प्रस्तुत की गई, जिसे सामान्य प्रबंधक ने प्रत्यावेदन बलहीन होने के कारण अस्वीकार कर दिया गया था।
जिसके बाद माया शंकर ने सेवा पृथक आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर की। जिसे उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने 17 जुलाई 2013 को जारी आदेश में निगम पक्ष में निरस्त कर दिया। माया शंकर ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद के उक्त आदेशों के विरुद्ध स्पेशल अपील योजित की, जिसमें उच्च न्यायालय इलाहाबाद की ओर से अपने अंतिम आदेश सात नवंबर 2023 को पारित करते हुए माया शंकर का सेवा पृथक आदेश 27 सितंबर1990 को अवैधानिक माना है।
तथा माया शंकर की सेवा निवृत्ति आयु पूर्ण होने के कारण सेवा से बाहर की अवधि के लिए 10 लाख रुपये देने एवं समस्त सेवानिवृत्तिक लाभ तीन माह के भीतर देने के आदेश जारी किए हैं। एएसओ विक्रांत पंवार ने बताया कि रुड़की डिपो से माया शंकर दूबे के समस्त सेवा निवृत्तिक लाभों का गणना चार्ट एवं समस्त मूल सेवा अभिलेख विधि अनुभाग को एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने को कहा गया है। जिसके बाद यह प्रकरण लखनऊ मुख्यालय भेजकर अग्रिम आदेश प्राप्त किए जाएंगे।