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बाकी दो आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य एकत्र करेगी पुलिस
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पाक्सो एक्ट लगने के बाद मुश्किलें और बढ़ीं
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के वरिष्ठ वकीलों में से एक एडवोकेट रमेश चंद्र गुप्ता की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं है। एक नाबालिग युवती के द्वारा पहले अपहरण और बाद में यौन शोषण का मामला सामने आने से पुलिस ने पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब इन तीनों की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। युवती ने 164 के बयान में भाजपा नेता अरविन्द गुप्ता मारवाड़ी और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री संजीव सिक्का के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने शनिवार को आरोपी वकील की तलाश की लेकिन वो घर पर नहीं मिले।
दौराला थाने में नाबालिग युवती के भाई ने अपनी बहन के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती को गंगानगर से बरामद कर लिया गया था। युवती ने अदालत में दिये गए 164 के बयान में कहा था कि बार एसोसिएशन के चुनाव में वरिष्ठ उपाध्यक्ष का पद जीतने के बाद एक होटल में पार्टी दी गई थी। उस पार्टी में होटल के मालिक अरविन्द गुप्ता मारवाड़ी ने अलग कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया था। वहीं एक भाजपा नेता संजीव सिक्का ने लखनऊ में अपने एक दोस्त के साथ दुष्कर्म किया था। युवती ने वरिष्ठ वकील रमेश चंद्र गुप्ता पर यौन शोषण के खुलकर आरोप लगाए। गुरुवार को युवती के 164 के बयान होने के बाद शुक्रवार को दौराला थाने के दारोगा अबरार अहमद ने 164 के बयान का अवलोकन किया।
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि युवती ने 164 के बयान में वकील रमेश चन्द्र गुप्ता पर यौन शोषण का आरोप लगाया है साथ ही भाजपा नेता और महानगर महामंत्री अरविन्द गुप्ता मारवाड़ी और दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री संजीव सिक्का पर छेड़खानी आदि का आरोप लगाया है।
बाद में इस मामले के विवेचक ने युवती के भाई की तरफ से दर्ज कराए गए अपहरण के मुकदमे में पाक्सो एक्ट की धाराएं लगा दी। सीओ दौराला ने बताया कि युवती के 164 के बयान विवेचक को बीती देर रात मिले और उसने अवलोकन कर लिया है। इसके बाद अपहरण के मुकदमे में धाराएं बदल दी गई है।
पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा होने के बाद पूरे दिन कचहरी में चर्चाओं का दौर चलता रहा। हर कोई वरिष्ठ वकील के पहले वायरल हुए वीडियो के बाद अब यौन शोषण के आरोपों को लेकर चटखारे लेकर चर्चाओं में लगा हुआ था। जैसे ही नाबालिग लड़की के द्वारा यौन शोषण की बात लोगों को पता चली तो भाजपा के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई।
क्या है पाक्सो एक्ट?
पाक्सो यानी प्रोटेक्शन आॅफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल आॅफेंस एक्ट। इस कानून को 2012 में लाया गया था। ये बच्चों के खिलाफ होने वाले यौन शोषण को अपराध बनाता है। ये कानून 18 साल से कम उम्र के लड़के और लड़कियों दोनों पर लागू होता है। जिसमें बच्चों और नाबालिगों के साथ यौन-शोषण पर प्रभावी अंकुश लगाने एवं बच्चों को यौन-शोषण, यौन उत्पीड़न एवं पोर्नोग्राफी के खिलाफ असरदार तरीके से बचाव करने के प्रावधान किए गए हैं। इसमें बाल यौन-शोषण के वर्गीकरण के साथ आरोपितों को सजा के कड़े प्रावधानों की व्यवस्था है। पाक्सो एक गैर-जमानती अपराध है। इसमें दोषी पाए जाने पर कम से कम सात साल की जेल और अधिकतम उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
वकील के अश्लील वीडियो वाली युवती हुई उजागर
वरिष्ठ वकील रमेश चंद गुप्ता के वायरल वीडियो में शामिल जिस युवती को पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही थी, उस युवती ने शनिवार को एसीजेएम कोर्ट संख्या पांच में वाद दाखिल करते हुए वकील पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग युवती पर अश्लील वीडियो वायरल करने का आरोप लगाते हुए सुरक्षा का खतरा बताया है। गंगानगर की रहने वाली बीस वर्षीया युवती ने अदालत में दिये गए प्रार्थनापत्र में कहा है कि वकील रमेश चंद गुप्ता पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली युवती ने फरवरी माह में वकील को ब्लैकमेल करने की योजना बनाई थी जिसे उसने मानने से इंकार कर दिया था। इसी बात से खफा होकर उसने वकील और मेरी एडीटिड अश्लील वीडियो बनाकर वायरल कर दी। युवती ने अदालत से गुहार लगाई है कि नाबालिग युवती के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
छुट भैय्या नेताओं की हरकत और भाजपा की छवि पर सवाल
भाजपा की कैडर बेस पार्टी है। पार्टी की साफ-सुथरी छवि को कुछ छूट भैया नेता दागदार बना रहे हैं। हालांकि इनका अपना कोई वजूद नहीं है, लेकिन यौन शोषण के मामले में इन छूट भाइयों ने पार्टी की किरकिरी करा दी है। क्योंकि भाजपा कैडर बेस पार्टी है। दुनिया भर में पार्टी की छवि और दुनिया भर में साफ-सुथरी छवि का डंका बजता है, लेकिन यहां छूट भैया नेताओं ने भाजपा की छवि को खराब करने की कोशिश की है। इस मामले में पार्टी सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी गंभीर दिखाई दिए।
उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण को लेकर पार्टी हाईकमान तक बात पहुंचाई जाएगी, ताकि पार्टी की छवि को खराब होने से बचा जा सके। दरअसल, जो यौन शोषण के मामले में नामजद आरोपी बनाए गए हैं, उनमें संजीव सिक्का और अरविंद मारवाड़ी है। इन दोनों कि अपनी कोई अच्छी छवि नहीं है। पार्टी में भी इनका कोई खास वजूद नहीं है, जिसके चलते पार्टी की छवि भी इस प्रकरण से धूमिल हुई है। कैडर बेस पार्टी को इस तरह की घटनाओं से बड़ा नुकसान हो रहा है। इस बात को पार्टी हाईकमान के नेता भी जानते हैं, लेकिन फिलहाल इसमें यौन शोषण में फंसे पार्टी नेताओं के खिलाफ कोई एक्शन पार्टी ने अभी नहीं लिया गया है।
सीडीआर और लोकेशन के आधार पर होगी जांच
वरिष्ठ वकील और दो भाजपा नेताओं पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली नाबालिग युवती के आरोपों की जांच के लिये पुलिस ने रुपरेखा बना ली है। गंभीर आरोप होने के कारण पुलिस फूंक-फूंक कर कदम रखने की बात कर रही है। दौराला थाने में दर्ज अपहरण के मुकदमे में पुलिस किशोरी के सभी आरोपों को शामिल कर रही है।
अधिवक्ता ने किशोरी को कब-कब और कहां-कहां बुलाया था और कौन-कौन लड़कियां पार्टी में आती थी, इन सब पहलुओं पर भी पुलिस जांच कर रही है। जिस तरह से किशोरी ने आरोप लगाए हैं, उससे यह सामने आ रहा है कि कई युवतियां और भी थीं, जिन्हें अधिवक्ता कैंप आफिस और पार्टियों में बुलाता था। पुलिस का कहना है कि किशोरी ने आरोप लगाए हैं कि फरवरी से मई तक कई बार उसे आफिस और पार्टियों में बुलाया गया। इन सब पहलुओं पर जांच शुरू हो गई है। आरोप सही पाए जाने पर अधिवक्ता को दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आरोपों की सत्यता की जांच कराई जाएगी। कौन, किस समय कहां पर था, सीडीआर, लोकेशन और दूसरे साक्ष्य शामिल किए जाएंगे। जांच में आरोप सत्य पाए जाते हैं आगे कार्रवाई की जाएगी। -रोहित सिंह सजवाण,एसएसपी