- जांच के लिए एसडीएम का खनन अधिकारी को पत्र
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: खरखौदा के गांव गोविंदपुर में अटल भूगर्भ योजना को कुछ लोगों ने कमाई का जरिया बना लिया है। इसकी शिकायत मंडलायुक्त व जिलाधिकारी से भी की गयी है। वहीं, दूसरी ओर इस मामले को लेकर एसडीएम सदर ने खनन अधिकारी को जांच के लिए पत्र लिखा है। गांव वालों का यह भी कहना है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर चलायी जा रही अटल भूगर्भ परियोजना के तहत खोदे जा रहे तालाब की मिट्टी लाखों में बेची जा रही है। इससे पहले भी गांव में एक अन्य तालाब की खुदाई की मिट्टी बेची जा चुकी है।
ये है मामला
खरखौदा के गोविंदपुर गांव में तीन तालाबों की खुदाई की स्वीकृति प्रशासन से मिली है। एक तालाब की खुदाई का काम हो चुका है। दूसरे तालाब की खुदाई गांव के बीचों बीच करायी जा रही है। इसके अलावा भी एक और तालाब की खुदाई प्रस्तावित है। इस बात को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि किसी गांव में एक भी तालाब नहीं और किसी गांव में अधिकारियों ने तीन-तीन तालाब दे दिए। ऐसा कैसा हुआ यह भी जांच का विषय है।
मानक ताक पर किया जा रहा अंधाधुंध खनन
गोविंदपुर के पूर्व प्रधान उमर ने मंडलायुक्त व जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सरीखे अधिकारियों से मिलकर खनन के नाम पर कथित कमाई के खेल को बेपर्दा करने के लिए पत्र लिखा है। शुक्रवार को वह कलक्टेÑेट व पुलिस कार्यालय पहुंचे और शिकायती पत्र दिया। उन्होंने बताया कि तालाबों की खुदाई के लिए मिट्टी के खनन के लिए जो मानक तय किए गए हैं, वो ताक पर रखकर गांव की प्रधान के पति अंधाधुंध खनन कराने में लगे हैं। इतना ज्यादा खनन कराया जा चुका है कि उसमें यदि कोई गिर गया तो उसके बेचने की कोई उम्मीद नहीं।
बेच डाली लाखों की मिट्टी
गांव में एक तालाब पहले बन चुका है, दूसरे के लिए खुदाई जारी है। पूर्व प्रधान उमर का आरोप है कि तालाबों की खुदाई के लिए जो खनन कराया जा रहा है प्रधान पति उसकी मिट्टी बेचकर अब तक लाखों का घोटाला कर चुके हैं। जबकि नियम यह है कि जो भी मिट्टी निकाली जाए वह गांव में सार्वजनिक स्थलों पर प्रयोग में लायी जाए ना कि उसको बेचा जाए।
उन्होंने बताया कि जो पहले तालाब खुदा गया था, उसकी मिट्टी कहां बेची गयी इसकी जांच करायी जानी चाहिए और जो अब खनन कराया जा रहा है उसकी मिट्टी कहां ठिकाने लगायी जा रही है, इसकी भी प्रशासन जांच कराए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। खनन के इस घोटाले में प्रधान पति के अलावा ठेकेदार व जेई आदि भी बराबर के हिस्सेदार हैं।
आपराधिक हैं पृष्ठभूमि
पूर्व प्रधान ने आरोप लगाया कि प्रधान पति के सामने गांव में लोग मुंह खोलने से डरते हैं। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि प्रधान पति खरखौदा थाना के टॉप टेन में शुमार हैं। उमर का कहना है कि उन्होंने खनन घोटाले की शिकायत करने की जब हिम्मत दिखाई तो गांव के तमाम लोग उनके पीछे हो लिए और आज कलक्ट्रेट भी उनके साथ पहुंचे।
- करायी जा रही है जांच
खरखौदा के गोविंदपुर में तलाब की खुदाई को लेकर पूर्व प्रधान की शिकायत की जांच के लिए खनन अधिकारी को पत्र लिखा गया है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। -कमल किशोर देशभूषण, एसडीएम सदर, मेरठ