- सभापति से उठाई पेड़ों के कटान की जांच कराने की मांग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सरधना विधायक अतुल प्रधान ने गुरुवार को विधानसभा में गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर पेड़ों के कटान का मुद्दा उठाया। उन्होंने मंत्री पर सदन को पेड़ों के कटान के बारे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। उन्होंने सभापति से पेड़ों के कटान की जांच कराने की मांग की। अतुल प्रधान ने सदन में कहा कि चौधरी चरण सिंह गंगनहर कांवड़ पटरी मार्ग पर रोड को पांच मीटर से बढ़ाकर साढ़े सात मीटर चौड़ा किया जा रहा है। इसका हम स्वागत करते हैं, लेकिन सड़क निर्माण की आड़ में हम अंधाधुंध पेड़ों की कटाई का विरोध करते हैं। उस पर पेड़ लगे हैं 1.12 लाख पेड़ लगे हैं।
वहां ढाई मीटर और चौड़ी सड़क होनी है, लेकिन 40 मी. गहराई तक पेड़ों को काट दिया गया। सौ-सौ साल पुराने पेड़ इनकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं। आज जो सूचना आई है गाजियाबाद में 206, मेरठ में 9423, मुजफ्फरनगर में 5245 पेड़ काटे गए। यह गलत सूचना दी गई। मेरठ में पेड़ काटे गए और सोनभद्र में पेड़ लगाए जाएंगे। आज ग्लोबल वार्मिंग की वजह से 52 डिग्री तक तापमान पहुंच गया है। पेड़ों के कटान की वजह से वायनाड में इतनी बड़ी त्रास्दी आई। उन्होंने सभापति से पेड़ों के कटान की जांच कराने की मांग की।
फौजी से मारपीट के आरोपियों को फिर सीट पर बैठाया
मेरठ: नगर निगम के जन्म मृत्यु पंजीयन अनुभाग में सेना के जवान से मारपीट के मामले में अनुभाग के प्रभारी डा. गजेन्द्र सिंह आरोपी कर्मचारियों की पीठ पर आ गए हैं। उन्होंने सेना के जवान पर मारपीट की शुरुआत करने का आरोप लगाया। उन्होंने अनुभाग में कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था न होने व सीसीटीवी कैमरे ठप पड़े होने को लेकर विभाग की अव्यवस्था पर सवाल खड़े किए। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे ठीक कराने व दो होमगार्ड की तैनाती की मांग की। 24 घंटे बाद ही दो आरोपी कर्मचारियों को पुन: सीट पर बैठा दिया गया।
मंगलवार को नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र में संशोधन कराने के लिए चक्कर काट रहे सेना के जवान के साथ जन्म मृत्यु अनुभाग में कर्मचारियों द्वारा मारपीट की गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। मामला डीएम तक पहुंचा। नगरायुक्त अमित पाल शर्मा ने इस मामले की जांच अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार व प्रमोद कुमार को सौंपी। आनन-फानन में तीनों आरोपी कर्मचारियों को सीट से हटा दिया गया था।संशोधित जन्म प्रमाण पत्र सेना के जवान को उनके मोबाइल पर पीडीएफ बनाकर भेज दिया गया।
उधर, अभी जांच रिपोर्ट नगरायुक्त को नहीं दी गई, लेकिन इसी बीच जन्म मृत्यु पंजीयन अनुभाग के प्रभारी डा. गजेन्द्र सिंह मारपीट करने के आरोपी कर्मचारियों की पीठ पर आ गए। उन्होंने दो कर्मचारियों को पुन: सीट पर बैठा दिया, जबकि एक आरोपी कर्मचारी को अभी इधर उधर कर रखा है। डा. गजेन्द्र नगरायुक्त को बताया कि इस अनुभाग में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। कोई पुलिस या प्रवर्तन दल का कर्मचारी तैनात नहीं रहता। कोई भी अनुभाग के कक्ष में घुस जाता है और कोई भी उनके कक्ष में घुस जाता है। उनके कक्ष में लोगों की हर समय भीड़ लगी रहती है।
लोग उन्हें और कर्मचारियों को काम नहीं करने देते। अनुभाग में सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं। डीवीआर में रिकार्डिंग नहीं होती। उन्होंने अनुभाग में दो पुलिसकर्मियों की तैनाती कराने व सीसीटीवी कैमरे ठीक कराने की मांग की। डा. गजेन्द्र का कहना है कि कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि सेना के जवान ने कर्मचारियों को अपना परिचय नहीं दिया और उनके साथ अभद्रता की। जब कर्मचारियों ने विरोध किया तो जवान ने कर्मचारी पर कुर्सी मारने का प्रयास किया।
शीघ्र दी जाएगी जांच रिपोर्ट: पंकज
अपर नगरायुक्त पंकज कुमार का कहना है कि मामले की शीघ्र जांच पूरी करके सौंपी जाएगी। जांच के बाद की कार्रवाई नगरायुक्त द्वारा की जाएगी।
वेबसाइट अपग्रेड करने से हुई समस्या
जन्म मृत्यु पंजीयन की वेबसाइट को 16 जून को अपग्रेड किया गया। इसमें यदि नाम में दो बार परिवर्तन किया जाना है तो दो बार ओटीपी प्रभारी अधिकारी के पास आता है। वह कर्मचारी को बताते हैं, इसके बाद ही उसमें संशोधन होता है। जब से वेबसाइट अपग्रेड हुई, तभी से वेबसाइट या तो बहुत धीमी गति से चल रही है, या बंद हो जाती है। इसी वजह से कार्य नहीं हो पा रहा। दिन ब दिन काम की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है।