- पटाखा बिक्री के दावों की खुली पोल, बारुद के धमाके में किशोर के उड़े चिथडे
- खुद संग लेकर चल रहा था मौत का सामान, मौत से मचा कोहराम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ/फलावदा: सकौती के गांव फिटकरी में बारूद के धमाके में किशोर के जिस्म के चिथडेÞ उड़ गए। मृतक के पिता उदयवीर उर्फ गुडडू पीएसी में कार्यरत हैं। 11 वर्षीय बेटे लड्डन की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। बारूद के धमाके का शिकार हुए किशोर के परिवार की उसकी मौत से दीपावली भी स्याह हो गयी। केवल परिवार ही नहीं पूरे गांव में इस मौत से कोहराम मचा है। लोगों के दुख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दीपावली जैसे पर्व की खुशियां मनाने से परहेज बरता गया।
मिली जानकारी के अनुसार सकौती निवासी उदयवीर का 11 वर्षीय बेटा लड्डन अपनी बहन के घर फिटकरी गया हुआ था। दीपावली का पर्व था। लड्डन की उम्र के बच्चों में रोशनी के त्योहार पर आतिशबाजी को लेकर खासा क्रेज होता है। बताय जा रहा है कि लड्डन को कहीं पटाखे नहीं मिले, इसलिए माना जा रहा है कि उसने खुद ही गंधक पोटाश लाकर पटाखे बनाने का निश्चय किया। वह एक पन्नी में गंधक व पोटाश लेकर घर पहुंचा। उसके लिए वह बारूद तैयार कर रहा था।
उसी दौरान लापरवाही के चलते तेज धमाका हुआ और पीएसी कर्मी के जीवन में अंधियारा छा गया। उसके किशोर बेटे को एक ही झपट्टे में मौत उठाकर ले गयी। बारूद से हुए धमाके में किशोर के जिस्म के हिस्से के चिथडेÞ उड़ गए। जब तक उसकी बहन व परिवार के बाकी सदस्य कुछ समझ पाते तब तक चारों ओर धुएं के अलावा कुछ नहीं था। बारूद से गंभीर घायल किशोर का परिवार वाले उठाकर तेजी से डाक्टर पहुंचे,
लेकिन तब तक काफी दे हो चुकी थी। चिकित्सक ने उसको मृत घोषित कर दिया। उसकी मौत की खबर परिवार में पहुंची तो वहां कोहराम मच गया। पूरा गांव किशोर की मौत के गम में डूब गया। परिजनों ने ब्रजघाट पर ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
पटाखा छुड़ाते हुए छाती में घुसी नाल, मौत
परतापुर: दीपावली के मौके पर रविवार को शताब्दीनगर सेक्टर ई पाकेट वन में गंधक पोटाश मिलाकर पटाखा छुटाते समय नाल ने बैक मार दिया और नाल व्यक्ति की छाती में घुस गई। जिससे व्यक्ति की मौत हो गई। शताब्दीनगर सेक्टर वन पाकेट ई निवासी 40 वर्षीय रामकुमार पुत्र शीशुपाल गंधक पोटाश मिलाकर नाल से पटाखा छोड़ रहा था। गंधक पोटाश की मात्रा ज्यादा होने के कारण नाल फट गई और रामकुमार की छाती में घुस गई।
रामकुमार की मौके पर ही मौत हो गई। घटना से घर में कोहराम मच गया। त्योहार का माहौल गम में डूब गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा भरने के बाद जैसे ही शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने लगे तो परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। एसएसआई का कहना है कि गंधक पोटाश की मात्रा अधिक होने के कारण नाल फटी है, ऐसा पटाखा छुड़ाने पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
एनजीटी की पटाखों पर रोक, बिके करोड़ों के पटाखे
क्रांतिधरा पर लोहिया नगर की घटना के साथ ही एनसीआर में लगातार प्रदूषित हो रहे वातावरण को लेकर एनजीटी द्वारा पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन त्योहार पर पुलिस प्रशासन के पटाखा बिक्री पर रोक के तमाम उन दावों की पोल खुल गई। जिससे करोड़ों के पटाखों से एनसीआर धुआं-धुआं हो गया। पटाखों की बिक्री पर पुलिस की मिलीभगत कहें या फिर अलर्ट रहने में नाकामी।
लोहिया नगर में तेज धमाकों के साथ जमींदोज हुए भवन में पांच लोगों की मौत होने के बाद एनजीटी की गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन कराने को पटाखों की बिक्री पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाने का दावा किया गया था। पुलिस-प्रशासन को एनसीआर क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा देने के वह सब दावे दिवाली की रात्रि में पूरी तरह से हवा हवाई साबित हुए।
आखिर पटाखे कहां पर बने और कहां से सप्लाई हुई और किन-किन जगहों पर ब्रिकी हुई। उन सबकी जानकारी पुलिस के पास थी, लेकिन मजबूत सेटिंग के कारण उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी। आखिर एनसीआर में पुलिस प्रशासन द्वारा एनजीटी की गाइड लाइन का पालन कराने के लिए पूरी तरह से अलर्ट रहने की बात ही गई हो वह पूरी तरह से विफल रही।