- पिलोखड़ी पुल के पास सबसे ज्यादा हालात खराब
- लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद कई जगह नहीं हो पाई साफ-सफाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जून माह में भी 10दिन बीत चुके हैं और बरसात आने को हैं, लेकिन शहर के नालों की बात की जाए तो काफी हद तक अभी भी सफाई नहीं हुई है। जबकि 31 मई तक शहर के सभी नाले साफ किये जाने थे। यहां भूमिया के पुल के पास नाले क ी बात करें तो यहां से लेकर पिलोखड़ी पुल तक लोगों ने नाले के ऊपर कब्ज कर रखा है। जिस कारण यहां नाले की सफाई नहीं हो पा रही है। जिससे आने वाले दिनों में मुसीबत खड़ी हो जाएगी।
नाला सफाई को लेकर हर बार नगर निगम पर सवाल उठते हैं। समय से नाला सफाई न होने के कारण लोगों को परेशानी होती है, लेकिन इस बार नगर निगम की ओर समय पर ही योजना तो बनाई गई, लेकिन यह योजना पूरी तरह से सफी नहीं हो पाई। कई क्षेत्रों में नाला सफाई मात्र दिखावा रही। हम बात करें लिसाड़ी रोड पर कमेला नाले की तो यहां अभी तक पूरी तरह से नाला साफ नहीं हो सका है।
भूमिया के पुल से लेकर पिलोखड़ी पुल तक नाले के ऊपर चैनर डाल कर दुकानें तक बना ली गई हैं। जिस कारण यहां सफाई नहीं हो पा रही है। यह हाल इसी वर्ष का नहीं है। पिछले कई सालों से यहां ऐसे ही हालात हैं। यहां पर नगर निगम लाक कोशिशों के बाद भी नाला साफ नहीं कर पाता है। जिस कारण जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। ओडियन नाले के हालात शहर में सबसे अधिक खराब है। यहां भी लोगों ने चैनर नाले के ऊपर ही डाल रखे हैं। जिस कारण कुछ जगहों पर तो सफाई हो जाती है, लेकिन कई जगह बिना नाला सफाई के रह जाते हैं।
सूरजकुंड डिपो इंचार्ज ने की लापरवाही
शहर में तीन डिपो को नाला सफाई की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। सूरज कुंड डिपो इंचार्ज की ओर से मोहनपुरी नाला, जागृति विहार समेत कई नाले शामिल हैं, लेकिन यहां मोहनपुरी में तो नालों की सफाई कर दी गई है, लेकिन जागृति विहार नाले की सफाई मात्र कागजों में ही गई है, क्योंकि यहां अभी भी नाले कूड़े से अटे पड़े हैं। अगर यही हालात रहे तो आने वाली बरसात में सड़कें पानी से लबालब होंगी और नगर निगम कोई सुधार नहीं कर पाएगा।
सड़क टूटने का कारण भी बनता है जलभराव
अगर नगर निगम समय से नाला सफाई करे तो शहर में सड़कों पर जलभराव न हो। सड़कों पर होने वाला जलभराव ही सड़कों को जर्जर बनाता है और उन सड़कों पर पानी भरने के कारण गड्ढे हो जाते हैं। जिस कारण बनी बनाई सड़कें टूटकर क्षतिग्रस्त हो जाती है। यहां अक्सर हादसों का शिकार लोग होने लगते हैं। अगर नगर निगम नाला सफाई समय पर पूरी कर ले तो सड़कें भी न टूटे और लोग परेशान न हों।