- लार्वा मिलने पर जुर्माना का कानून बनाने की अभी तक नहीं फुर्सत
- संचारी रोग रोकथाम को बुलायी बैठक में बार-बार आग्रह कर चुके हैं डीएमओ
- जहां-जहां मिल रहे डेंगू के केस अभी सिर्फ वहीं पर चलाया जा रहा अभियान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मच्छरों को लेकर जो हालात बने हैं तथा मेडिकल व जिला अस्पताल की ओपीडी में जितनी बड़ी तादात में बुखार के मरीज पहुंच रहे हैं उसके चलते विशेषज्ञों को आशंका है कि अभी डेंगू की बड़ी लहर आना बाकी है। तीन दिन के केसों की यदि बात की जाए तो आईजीएम एलिसा व एनएस1 एलिसा कुल मिलाकर तीन दिन में 54 केस आए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात कितने गंभीर है और लोगों को खुद सावधानी बरतनी होगी तथा मच्छरों से निपटने के उपाय भी करने होंगे।
डेंगू का मच्छर लार्वा से पनपता व पैदा होता है। जिन इलाकों में केस मिल रहे हैं वहां लार्वा पाया जा रहा है, इसके लिए वहां रहने वाले जिम्मेदार हैं। आईएमए के अध्यक्ष डा. संदीप जैन का कहना है कि लोगोें को सफाई के प्रति जागरूक होना होगा। कहीं भी पानी जमा नहीं होने देना है। वहीं, दूसरी ओर डीएमओ सत्यप्रकाश ने बताया कि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए होने वाली बैठकों में उन्होंने नगर निगम व अन्य विभाग के अफसरों से बार-बार आग्रह किया है कि लोगों को जागरूक करने के लिए कुछ कायदे कानून बनाए जाने जरूरी है।
जहां भी लार्वा मिले वहां कुछ कठोर प्रावधान किए जाने चाहिए जैसे जुर्माना आदि लगाया जाए, लेकिन लगता है कि अभी नगर निगम के पार्षदों को इस ओर ध्यान देने की फुर्सत नहीं मिल रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। इसमें लापरवाही उचित नहीं है। वहीं दूसरी ओर डीएमओ ने बताया कि जहां-जहां डेंगू के केस मिल रहे हैं वहां पर उनका विभाग अभियान चला रहा है।
इस अभियान में गांव के प्रधानों का भी सहयोग मिल रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने लोगों से आग्रह किया है कि मच्छरों से बचाव के लिए हर संभव उपाय करें। स्वास्थ्य विभाग के जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान का कहना है कि सावधान रहे, लेकिन घबराए नहीं। जिला अस्पताल, एलएलआरएम मेडिकल के अलावा जनपद की सभी सीएचसी व पीएचसी में दवाओं व डाक्टरों की कोई कमी नहीं है। लेकिन बीमारी में सबसे बेहतर चीज बचाव होता है।