- सड़कों पर कम हो जाएगा र्इंधन वाले वाहनो का बोझ
- आने वाले समय में पांच करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन होंगे सड़कों पर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भले ही आप इस समय प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हों। आपकी सांसों पर वायू प्रदूषा का पहरा हो, लेकिन बहुत आने वाले कुछ समय में आप पॉल्यूशन फ्री जोन के नागरिक कहलाएंगे। दरअसल, एक सलाहकार फर्म (केपीएमजी) की रिपोर्ट के अध्ययन में एक बात सामने आई है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है और सन् 2030 तक भारत की सड़कों पर लगभग पांच करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की भरमार होगी।
इस फील्ड से जुड़े जानकारों के अनुसार जब भारत की सड़कों पर पांच करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ेंगे तो जाहिर बात है कि लगभग चार से साढ़े चार करोड़ र्इंधन वाले वाहन खड़े हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में र्इंधन वाले वाहनों से हो रहा प्रदूषण भी कम होगा और लोग साफ हवा में सांस ले सकेंगे। ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) बाजार से जुड़े सूत्रों के अनुसार ऐसी स्थिति में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग कम्पनियों की भी बल्ले-बल्ले होगी।
ईवी बाजार के बढ़ने से इन कम्पनियों के लिए बड़े अवसर पैदा होंगे। ईवी से संबंधित जो सर्वे रिपोर्ट है उसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे ज्यादा मांग टू व्हीलर की होगी जबकि दूसरे नंबर पर तिपहिया वाहन होंगे। इलेक्ट्रिक बसों की भी अच्छी खासी मांग दर्शायी गई है। बताते चलें कि वर्तमान में भारतीय सड़कों पर लगभग 10 से 12 लाख इलेक्ट्रिक वाहन दौड़ रहे हैं और इनके लिए लगभग 1700 चार्जिंग स्टेशन काम कर रहे हैं।
बाजार के जानकार बताते हैं कि यदि 2030 को आधार माना जाए तो उस समय इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों में 50 से 60 फीसदी इजाफा होना चाहिए तब कही जाकर इन वाहनों को चार्ज किया जा सकता है। बताया जाता है कि एक उद्योग समूह की रिपोर्ट भी इस संबध में प्रकाशित हुई है जिसमें भारतीय बेरोजगारी ग्राफ को कम करने का तरीका सुझाते हुए कहा गया है कि भविष्य में युवा इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों को भी अपने रोजगार से जोड़ सकते हैं।