- साक्ष्य के अभाव में आरोपी हुए बरी, कोर्ट के सामने आरोपों से मुकर गई थी वादी
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: सास-ससुर व देवर के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने वाली एक चिकित्सक बहु के खिलाफ कोर्ट ने मुकदमा चलाने के आदेश दिये हैं। मुकदमा दर्ज कराने वाली बहु व उसका पति कोर्ट के सामने गवाही के दौरान अपने बयानों से मुकर गये थे, जिसके चलते साक्ष्यों के अभाव में ने कोर्ट आरोपियों को बरी कर दिया था।
नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के मोाहल्ला अग्रसैन विहार निवासी डा. प्रीति का विवाह 10 दिसंबर 2010 को पल्लवपुरम मेरठ के डा. सौरभ पिलानिया पुत्र रामबीर सिंह पिलानिया से हुआ था। डा. प्रीति ने 2018 में कोर्ट के आदेश पर अपने ससुर रामबीर पिलानिया, सास उर्मिला तथा देवर एवं शिपिंग कंपनी में चीफ आफिसर अभिनव पिलानिया के विरुद्ध मारपीट, धमकी देने तथा जबरन गर्भपात कराने के गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने विवेचना कर इस मामले में एफआर लगा दी थी। लेकिन डा. प्रीति ने एफआर के विरुद्ध प्रोटेस्ट दाखिल किया था। जिस पर सुनवाई कर कोर्ट ने सभी आरोपियों को तलब किया था। लेकिन कोर्ट से अंतरिम जमानत प्राप्त करने में सफल रहने के कारण आरोपी जेल जाने से बच गए थे। बावजूद कई वर्ष तक उन्हें कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े।
बाद में दोनों पक्षों में हुए समझौते के उपरांत डा. प्रीति सास, ससुर तथा देवर पर लगाए गए आरोपों से मुकर गई। इस मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या एक के जज सुमित पंवार ने सुनवाई करते हुए तीनों आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
कोर्ट ने इस मामले में वादी मुकदमा डा. प्रीति तथा उसके पति सौरभ पिलानिया एवं अन्य गवाहों के विरुद्ध झूठी गवाही देने के आरोप में मुकदमा चलाकर आवश्यक कार्रवाई का आदेश जारी किया।