Wednesday, April 17, 2024
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सीबीआई ने मांगे चार हजार कागजों के दस्तावेज

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  • अवैध निर्माण और 22-बी से जुडेÞ दस्तावेज

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सीबीआई ने अवैध निर्माण को लेकर कैंट बोर्ड के इंजीनियरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सीबीआई ने करीब एक हजार से ज्यादा अवैध निर्माणों की फाइलें मांगी है। पिछले 10 दिन से कैंट बोर्ड में अवैध निर्मार्णों से संबंधित फाइलें ही तैयार की जा रही है, जिसमें करीब चार हजार से ज्यादा पृष्ठों की अलग-अलग फाइलें दस्तावेज के रूप में तैयार की गई है। इन सभी पर टैग लगाए गए हैं। किसी पर लाल तो किसी पर पीले, अन्य कलर के टैग भी लगाए गए हैं।

दरअसल, पिछले दिनों कैंट बोर्ड आॅफिस में सीबीआई की टीम पहुंची थी, जिसमें सीबीआई ने लगातार दो दिनों तक अवैध निर्माण और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के मामले को लेकर दस्तावेजों को खंगाला था। अब सीबीआई की टीम तो लौट गई, लेकिन सीबीआई की तरफ से एक पत्र कैंट बोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार को जारी हुआ है, जिसमें बाकायदा अवैध निर्माणों का उल्लेख भी किया गया है

तथा कहा गया है कि इनसे संबंधित तमाम फाइलों को सीबीआई के आॅफिस में भिजवा आ जाए। अब सीबीआई की टीम लौटने के बाद कैंट बोर्ड के इंजीनियर और अधिकारी अवैध निर्माण से संबंधित तमाम दस्तावेजों को इकट्ठा कर फाइल तैयार कर हे हैं। ये तमाम फाइलें सीबीआई के आॅफिस गाजियाबाद भेजी जाएंगी। सीबीआई को जाने वाली फाइलों की तस्वीर को ‘जनवाणी’ ने भी कैमरे में कैद कर लिया।

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कहा जा रहा है कि अवैध निर्मार्णों को लेकर निश्चित रूप से इंजीनियरों की गर्दन फस रही है। अब इंजीनियरों की तरफ से कहा जा रहा है कि इसमें अवैध निर्माण को लेकर कैंट बोर्ड की तरफ से नोटिस दिए गए। नोटिस के बाद भी निर्माण हुआ, जिसके बाद ध्वस्तीकरण के भी आदेश हुए, उन मामलों को लेकर अवैध निर्माण कर्ता को हाईकोर्ट जाने का पूरा मौका दिया गया। अब इस मामले की जांच पड़ताल सीबीआई की टीम करेगी तथा

इसके अवैध निर्माण कराने वालों के जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई करती है? यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन कैंट बोर्ड के इंजीनियर और अन्य अधिकारियों की सांसें फूली हुई है। यही नहीं, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के मामले में भी तत्कालीन सीईओ की गर्दन भी फंस सकती है। क्योंकि उन्होंने बिना बोर्ड बैठक किए ही कंपनी को लाभ पहुंचाने का काम किया, जबकि कोई भी निर्णय बोर्ड बैठक में लिया जाता है।

उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होती है, लेकिन सीईओ ने अपने स्तर से ही धनराशि कंपनी को वृद्धि कर दे दी। इसी तरह का मामला है 22 बी का है। 22-बी में अवैध निर्माण का मामला चल रहा है। इसको लेकर भी सीबीआई ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आखिर इतना बड़ा निर्माण लगातार होते चला गया, लेकिन कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने इस बिल्डिंग का ध्वस्तीकरण क्यों नहीं किया? यह बड़ा सवाल है।

हाईकोर्ट से बड़ा हो गया कैंट बोर्ड

एक पखवाड़ा पहले हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने कैंट बोर्ड के बर्खास्त चल रहे इंजीनियर अनुज सिंह को लेकर एक आदेश पारित किया था, जिसमें उन्हें बहाल करते हुए जॉइनिंग के कैंट बोर्ड अधिकारियों को आदेश दिए थे, लेकिन पिछले 15 दिन से अनुज सिंह प्रतिदिन कैंट बोर्ड जाते हैं और शाम को लौट जाते हैं,

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लेकिन उन्हें कैंट बोर्ड अधिकारियों ने विधिवत रूप से जोइनिंग नहीं कराई। इस तरह से हाईकोर्ट के आदेश से भी कैंट बोर्ड बड़ा हो गया। उधर, अनुज सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर चले गए हैं। वहीं, कैंट बोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार ने बताया कि दो मई को आपात बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसमें निर्णय लिया गया कि अनुज सिंह के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ डबल बेंच हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।

दरअसल, अवैध निर्माणों के मामले को लेकर कैंट बोर्ड के इंजीनियर अनुज सिंह को बर्खास्त कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ अनुज सिंह हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में चले गए थे, जहां करीब एक वर्ष बाद इस मुद्दे को लेकर सुनवाई हुई, इसमें हाईकोर्ट के न्यायधीश ने स्पष्ट आदेश किया है कि अनुज सिंह के खिलाफ कैंट बोर्ड के अधिकारी कोई भी भ्रष्टाचार का सबूत नहीं दे सके।

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इसलिए उनको बहाल किया जाता है। यही नहीं, उनको बर्खास्तगी के दौरान काटी गई पूरी वेतन भी देने के आदेश दिए थे। इस आदेश की प्रति अनुज सिंह ने कैंट बोर्ड के सीईओ को उपलब्ध कराई और उसी दिन से हर रोज कैंट बोर्ड आॅफिस जाते है और शाम को लौट जाते हैं, लेकिन कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने विधिवत रूप से अनुज सिंह को जॉइनिंग नहीं दी।

अनुज सिंह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। अनुज सिंह ने वहां पर केविएट दाखिल किया है। उधर, कैंट बोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार ने बताया कि दो मई को बोर्ड की आपात बैठक हुई थी, जिसमें हाईकोर्ट के अनुज सिंह को लेकर दिए गए आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की डबल बेंच में जाने का निर्णय लिया हैं। इसके लिए डबल बेंच में अपील की जाएगी।

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