- जिला पंचायत की बोर्ड बैठक में उठे सरधना में दूषित पानी से मौत
- लंपी बीमारी और डेंगू से रोकथाम के लिए फॉगिंग के मुद्दे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिला पंचायत सभागार में हुई बोर्ड बैठक के दौरान सरधना के मोहल्ला मंडी चमारान में दूषित पानी से हुई मौत से लेकर गोवंश में लंपी रोग ओर डेंगू के बढ़ते प्रकोप के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। पशुपालन और स्वास्थ्य विभाग से किसी सक्षम अधिकारी के न पहुंचने पर रोष प्रकट किया गया।
इस बैठक में उठाए गए एक सवाल के जवाब में जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी ने अवगत कराया कि मेरठ जनपद के हर गांव में सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी की जाएगी। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है, जिसके अंतर्गत पुलिस विभाग से सर्वे के आधार पर जिला पंचायत के खर्चे से कैमरे लगाए जाएंगे।
अध्यक्ष गौरव चौधरी की अध्यक्षता में शुरू हुई बोर्ड बैठक में 27 अप्रैल को हुई गत बैठक की पुष्टि, मेला मखदूमपुर प्रबंध समिति के सदस्यों का अनुमोदन, वर्ष 2022-23 में विभव एवं सम्पत्ति कर के आरोपण की प्रस्तावित सूची का अनुमोदन, जिला पंचायत के वित्तीय वर्ष 2022-23 के संशोधित बजट 58.42 करोड़ रुपये की स्वीकृति, जिला पंचायत की परिसम्पत्तियों के रख-रखाव एवं राजस्व अभिलेखों से जिला पंचायत सम्पत्तियों की खोजबीन के लिए एक सेवानिवृत्त लेखपाल को नियत मानदेय पर रखने के प्रस्ताव पारित किए गए।
ग्राम पंचायत ग्राम औरंगनगर रार्धना विकास खंड सरधना जनपद मेरठ में पूर्व से निर्मित जिला पंचायत के भवन कन्या पाठशाला पर संचालित आयुर्वेदिक अस्पताल के जर्जर भवन की मरम्मत कराने के लिए जिला पंचायत से अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने की स्वीकृति दी गई। बैठक में उपस्थित सदस्यों की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में डेंगू, मलेरिया व अन्य बीमारियों के चलते साफ-सफाई कराये जाने, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टरों को उपलब्ध कराते हुए समुचित उपचार कराने के प्रस्ताव रखे गए। तथा
पशुओं में फैल रही बीमारी के इलाज के लिए ग्रामीण क्षेत्र में शत-प्रतिशत टीकाकरण कराए जाने पर जोर दिया गया। जिन ठेकेदारों द्वारा समय से गुणवत्तारूप कार्य नहीं किए हैं, उनकी जमानत जब्त करते हुए काली सूची में डालने का प्रस्ताव भी लाया गया। विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि विकास कार्यों के लिए शासन से जो धनराशि जिला पंचायतों को पूर्व में 40 प्रतिशत की दर से प्राप्त होती थी, उसे घटाकर अब मात्र 15 प्रतिशत कर दिया गया है। सदन में जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग एवं विद्युत विभाग एवं अन्य विभाग के उच्चाधिकारियों के बैठक में उपस्थित न होने पर सदन द्वारा निन्दा की गई तथा
मुख्य विकास अधिकारी से सदन में अपेक्षा की गई कि सभी अनुपस्थित अधिकारियों का स्पष्टीकरण मांगा जाए। नंगलामल मिल से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी से क्षेत्र में कैंसर के रोगी बढ़ने का मुद्दा उठाया गया। मांग की गई कि संबंधित क्षेत्र के गावों में पांच साल का सर्वे कराकर देख लें, सब कुछ साफ हो जाएगा। सदस्यों का आरोप था कि केमिकल युक्त पानी को बोरिंग करके जमीन में उतार दिया जाता है।
बोर्ड बैठक में विधायक अतुल प्रधान, सीडीओ शशांक चौधरी, अपर मुख्य अधिकारी एसके गुप्ता, सदस्य जिला पंचायत कुसुम सिद्धार्थ, मुनेश, जोगिन्द्र सिंह, अजीत प्रताप सिंह, अनिकेत भारद्वाज, मीतन कुमार, अरुणा भारती, सुनील प्रधान, सम्राट, नवाजिसा, दीपक गून, अतुल पुनिया, प्रदीप कुमार, सुनील अक्खेपुर, ऋषि त्यागी, अरुण चौधरी, विकास उपाध्याय, भूदेव शर्मा, दुष्यंत कुमार, अमित कसाना, अनिता, नूसरत, श्रीमती पूनम शर्मा आदि मौजूद रहे।