Friday, April 25, 2025
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कोरोना के खतरे से सावधान हुई केंद्र, सेकेंड बूस्टर डोज पर बैठकें शुरू

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: चीन समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना के तेज प्रसार को देखते हुए भारत सरकार भी सतर्क हो गई है। सरकार द्वारा इसकी रोकथाम के लिए लगातार दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री अपने अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें भी कर रहे हैं। इस बैठक में कोरोना जांच, क्वारंटीन की सुविधा, टीकाकरण से लेकर अस्पतालों की व्यवस्था पर चर्चा की जा रही है।

लेकिन इस बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा बूस्टर के दूसरे डोज को लेकर हो रही है। हालांकि, सरकार का यह फैसला थोड़ा हैरान करने वाला भी है क्योंकि अभी बूस्टर का पहला शॉट भी केवल 28 फीसदी आबादी को ही लगाया गया है। बता दें कि भारत में जनवरी 2022 से बूस्टर खुराक देने की शुरुआत की गई। जिसमें पहले बुजुर्गों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को देने की घोषणा गई लेकिन बाद में फिर सभी के लिए उपलब्ध करा दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तकनीकी समूह के सदस्यों के बीच दूसरे बूस्टर डोज को लेकर चर्चा शुरू हो गई है क्योंकि एक वर्ग है जो एक और बूस्टर खुराक की अनुमति देने के लिए उत्सुक है। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह या NTAGI की समितियों में से एक के एक विशेषज्ञ ने नाम न छापने की शर्त पर कहा। कोई भी सिफारिश करने से पहले वे सभी वैज्ञानिक डेटा के सूक्ष्मता से अध्ययन करेंगे।

अध्ययनों से पता चला है कि वैक्सीन शॉट से प्राप्त प्रतिरक्षा आमतौर पर चार से छह महीनों में कम हो जाती है। इस अध्ययन में बताया गया है कि एक चौथा शॉट गंभीर बीमारी को दूर करने में मदद करता है, हालांकि विशेषज्ञ अब चौथे बूस्टर के रूप में द्विसंयोजक शॉट्स की सिफारिश कर रहे हैं।

कुछ डॉक्टरों ने चौथी खुराक शुरू करने का अनुरोध किया गया है, कम से कम उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों, बुजुर्गों और कॉमरेडिटी से पीड़ित लोगों के लिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने 26 दिसंबर को एक बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से अतिरिक्त खुराक की अनुमति देने के लिए कहा। बता दें कि स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए तीसरी खुराक करीब एक साल पहले दी गई थी।

एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल ने कहा कि हमने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया है कि वे लोगों, विशेष रूप से डॉक्टरों, नर्सों, अस्पताल के अन्य कर्मचारियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के लिए चौथी एहतियाती खुराक पर विचार करें, जिन्हें उच्च जोखिम में रोगियों का प्रबंधन करना पड़ता है।

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