Thursday, September 19, 2024
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न्यूटिमा के खिलाफ चढूनी भी मैदान में

  • सरधना विधायक अतुल प्रधान चार दिसंबर को कलक्ट्रेट में न्यूटिमा हास्पिटल के खिलाफ बैठेंगे अनशन पर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सपा विधायक अतुल प्रधान आगामी चार दिसंबर को कलक्ट्रेट में न्यूटिमा हॉस्पिटल के खिलाफ अनशन पर बैठेंगे। इस अनशन को बड़ा रूप देने के लिए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। कलक्ट्रेट में जो अनशन होगा, उसमें किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचेंगे। दरअसल, सपा विधायक अतुल प्रधान अपने इस आंदोलन को बड़ा मुद्दा बनाने में कामयाब हो गए हैं। विपक्षी नेता भी यही चाहते थे कि पश्चिमी यूपी में उन्हें कोई मुद्दा मिले। पहले गन्ना भुगतान का मुद्दा था,

जिसमें सरकार ने गन्ना भुगतान ज्यादातर कर दिया हैं। अब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं था। प्रशासन ने एक तरह से विपक्ष को ये मुद्दा देकर प्रकरण को बड़ा तूल दे दिया हैं। पहले तो ये मामला सपा विधायक अतुल प्रधान तक ही सीमित था, लेकिन अब इसमें किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी भी कूद गए हैं। इस तरह से ये आंदोलन बड़ा रूप लेता दिखाई दे रहा हैं। अधिवक्ता भी इसमें पहले ही कूदने का ऐलान कर चुके हैं।

टकराव के बन रहे हैं हालात

वहीं, दूसरी ओर सपा विधायक अतुल प्रधान और न्यूटिमा के मुद्दे को लेकर टकराव के हालात बनते जा रहे हैं। हालांकि आईएमए से विधायक की बातचीत के बाद इस मामले के निपटने की बात कही जाने लगी थी, लेकिन शाम होते होते मामला पूरी तरह से उलट गया। विधायक के पक्ष में छात्र संगठनों व वकीलों के उतर आने के बाद मामला पूरी तरह से उलट गया। आईएमए ने भी साफ कर दिया कि विधायक के खिलाफ करायी गयी एफआईआर वापस लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

इतना ही नहीं न्यूटिमा व विधायक के बीच जो विवाद है, उसमें भी आईएमए पक्ष नहीं बनेगा। आईएमए केवल डाक्टरों व निजी अस्पतालों को लेकर जो हमले विधायक पक्ष से किए जा रहे हैं उनके विरोध में है। वहीं, दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल इस मामले में विधायक के खिलाफ मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट की धाराएं लगा दी गयी हैं,

जो राजनीतिक सेहत के लिए कतई भी मुफदी नहीं मानी जा सकती। दरअसल, मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट में तीन साल की सजा का प्रावधान है। यदि ऐसा होता है तो फिर अतुल प्रधान को विधायकी से हाथ धोना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि इस पूरे प्रकरण के पीछे सरधना क्षेत्र के एक परिवार के साथ न्यूटिमा का विवाद है। जिसमें मरीज को भारी भरकम बिल जमा करने व दवाएं नर्सिंगहोम में बने मेडिकल स्टोर से खरीदने का जोर डाले जाने का आरोप है।

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