Saturday, January 18, 2025
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वक्फ पर घमासान, धुलेंगे सूरमाओं के अरमान !

  • लोकसभा चुनावों से पूर्व वक्फ एक्ट की ओवर हॉलिंग की तैयारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: वक्फ अधिनियम 1995 को लेकर राज्यसभा में मचे घमासान के बीच पूरे एक्ट को ही बदले जाने की चर्चाएं हैं। एक्ट में बदलाव के मुद्दे पर ‘वक्फ सूरमाओं’ की नींदें उड़ी हुई हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार की मंशा वक्फ एक्ट की ओवर हॉलिंग की है और इसे लोकसभा चुनावों से पूर्व ही अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है।

दरअसल वक्फ प्रॉपर्टियों की ओर सरकार का ध्यान ऐसे ही आकर्षित नहीं हुआ। एक तो अरबों खरबों की सम्पत्तियां दूसरा इस पर आए दिन नाजायज कब्जों और घोटालों की खबरों ने सरकार को चौकन्ना किया। वक्फ प्रॉपर्टियों के ‘घोटालेबाज’ देश भर में मशहूर हैं। कई राज्यों में तो इनकी जड़ें और शिकंजा वक्फ बोर्ड तक कसा हुआ है।

सेंट्रल से लेकर स्टेट वक्फ बोर्ड के वजूद के चलते सरकार का ध्यान वक्फ सम्पत्तियों के संरक्षण की ओर कम ही रहा। बताय जाता है कि वक्फ बोर्ड खुद ही सभी विवादों को अपने स्तर से हल कर लेता है। अब सवाल यह उठता है कि क्या वक्फ बोर्ड वक्फ सम्पत्तियों की देखरेख करने में ‘सक्षम’ नहीं रहा जो सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार इस समय कई राज्यों में वक्फ बोर्ड ही भू-माफियाओं के शिकंजे में है।

यहां भू-माफियाओं और बोर्ड के कुछ अधिकारियों के बीच की सांठगांठ के चलते वक्फ प्रॉपर्टियों में घोटालेबाजों का बोलबाला है। कहा जा रहा है कि सरकार इन सब के चलते ही वक्फ सम्पत्तियों को अपने अधीन करना चाहती है ताकि वक्फ सम्पत्तियों की मॉनिटिरिंग हो सके और वक्फ सम्पत्तियों के घोटालेबाजों पर लगाम लग सके।

वक्फ की यह धाराएं बन रहीं विवाद की वजह !

  • वक्फ एक्ट 1995 की धारा 54 के अन्तर्गत वक्फ बोर्ड वक्फ सम्पत्तियों से अतिक्रमण हटाने को सीधे डीएम को आदेश दे सकता है।
  • वक्फ एक्ट 1995 की धारा 4 व 5 के अन्तर्गत वक्फ सम्पत्तियों के सर्वे का खर्च भी राज्य सरकारों को वहन करना पड़ता है।
  • वक्फ एक्ट 1995 की धारा 4 व 5 के अन्तर्गत ही यह भी जरुरी है कि सर्वेक्षण आयुक्त एवं सहायक सर्वेक्षण आयुक्तों की नियुक्ति भी राज्य सरकार ही करे।
  • वक्फ एक्ट 1995 की धारा 85 के अन्तर्गत वक्फ से जुड़े विवादों को सिविल कोर्ट में चेलेंज नहीं किया जा सकता है, इसकेलिए ट्रिब्यूनल में जाना होगा।
  • वक्फ एक्ट 1995 की धारा 89 के अन्तर्गत वक्फ बोर्ड के फैसले को कोर्ट ले जाने से पहले 2 महीने के नोटिस पीरियड की व्यवस्था है।
  • वक्फ एक्ट 1995 की धारा 83 के अन्तर्गत वक्फ ट्रिब्यूनल के पास सिविल कोर्ट जैसी ही पावर होगी।
  • वक्फ एक्ट 1995 की धारा 83 के अन्तगत ही ट्रिब्यूनल का फैसला अन्तिम होगा और सभी पक्षों को इसे मानना होगा।
  • वक्फ एक्ट 1995 की धारा 83 के अन्तर्गत ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती है।
  • वक्फ एक्ट 1995 की धारा 83 के अन्तर्गत सिर्फ हाईकोर्ट के पास ही ट्रिब्यूनल के फैसले को चेलेंज करने की पावर है।
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