- पांच प्रतिष्ठानों पर की गई सील की कार्रवाई
- गत 15 वर्षों में निगम का बकायेदारों पर 200 करोड़ गृहकर बकाया
- उक्त साल में निगम द्वारा 30 प्रतिशत में 60 करोड़ की रिकवरी हुई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सख्ती का नाटक करने वाले नगरायुक्त आखिर आईआईएमटी को लेकर बैकफुट पर कैसे आ गए ? दल-बल के साथ निगम की टीम आईआईएमटी पहुंची। बकाया लेने के लिए एलाउंस भी किया, लेकिन फिर देखते ही देखते बैकफुट पर आ गई। पहले सख्ती की, फिर ऐसा क्या हुआ कि आईआईएमटी को तीन दिन का समय दे दिया। नगरायुक्त द्वारा सख्ती का नाटक किस वजह से किया गया? जब पहले ही तीन दिन की मोहलत देनी थी तो फिर टीम ने आईआईएमटी ने जाकर ये ड्रामा क्यों किया?
नगर निगम के जोनल अधिकारी के नेतृत्व में मंगलवार को परिर्वतन दल, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी एवं कर अधीक्षकों ने संयुक्त रूप से जिले के बड़े गृहकर बकायेदारों के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर सील की कार्रवाई की है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार गत 15 सालों से निगम का करीब 200 करोड़ का गृहकर बकाया चला आ रहा है। संयुक्त टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में जिले के पांच बड़े बकायेदारों के प्रतिष्ठानों पर सील की कार्रवाई की है। इससे जिले में बकायेदारों में अफरातफरी का माहौल बना रहा।
नगर निगम की टीम गंगानगर स्थित आईआईएमटी विवि पर निगम का करीब 1 करोड़ 75 लाख रुपये बकाया चला आ रहा है, लेकिन इस पर निगम की टीम ने सील की बड़ी कार्रवाई करते हुए विवि के मुख्य गेट पर सील लगा दी है, जिसके कारण विवि में बड़े वाहनों का प्रवेश नहीं हो सकेंगा। वहीं विवि प्रशासन ने टीम से कार्रवाई न करने की मांग की लेकिन, टीम ने भुगतान होने तक सील लगी रहने की हिदायत दी है, जिसके चलते विवि प्रशासन की नगरायुक्त से लगातार फोन पर आखिर क्या बातचीत हुई कि अचानक निगम वसूली को लेकर बैकफुट पर आ गया।
खुद ही सख्ती का ड्रामा किया, फिर खुद ही दो दिन की मोहलत दे दी। जो आईआईएमटी में ड्रामा चला, उसको लेकर निगम अफसरों पर अंगुली उठ रही हैं। इसके अलावा टीम ने बीएसए कार्यालय पर चले आ रहे 3 से 4 करोड़ के भुगतान न होने पर सील की कार्रवाई के लिए पहुंचे। लेकिन, बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी ने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर गृहकर का भुगतान जल्द करने का आश्वासन दिया है। निगम टीम ने बताया कि एनएच-58 स्थित सैनी होटल पर 1 लाख एवं बच्चा पार्क स्थित एक्साइज विभाग पर 50 लाख का बकाया बताया है।
जहां विभाग ने चेतावनी देते हुए जल्द भुगताने की बात कही है। वहीं निगम के अधिकारियों का दावा है कि बाकी बकायेदारों के खिलाफ आज भी अभियान जारी रहेगा। उनका यह भी कहना है कि जब तक निगम का सभी बकाया भुगतान नहीं होता है, तब तक टीम द्वारा सील की कार्रवाई जारी रहेगी। टीम ने एनएच-58 स्थित ज्ञान भारती इंजीनियरिंग कालेज पर छापेमारी करते हुए बताया कि कालेज पर निगम का करीब 50 लाख रुपये का बकाया चला आ रहा है। बीते दो से तीन माह पहले कालेज ने निगम के दबाव के चलते 10 लाख रुपये का चेक दिया था।
जो बाउंस हो गया है। उसके बाद कार्रवाई के डर से कालेज ने निगम को 5 लाख रुपये का डीडी सौंपा, लेकिन, बकाया करीब 45 लाख रुपये का अभी तक भुगतान नहीं किया है। इसके चलते विभागीय कार्रवाई की जा रही है। वहीं टीम ने कालेज के मुख्यद्वार सील लगाते हुए कार्रवाई की है। फिलहाल कालेज ने टीम को दो से तीन दिन के अंदर भुगतान करने की मोहलत मांगी है। इसके बाद टीम ने मानी और अन्य प्रतिष्ठानों की ओर चल दी।