जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए रात्रि कर्फ्यू लगाने पर दिल्ली सरकार तीन-चार दिनों में निर्णय ले सकती है। हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। यह जानकारी बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार की ओर से हाईकोर्ट में दी गई।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली तथा न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ के समक्ष दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी तथा वकील सत्यकाम ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। दिल्ली सरकार की ओर से यह जवाब कोर्ट की ओर से पूछे गए उस सवाल पर दिया है कि क्या दिल्ली सरकार रात्रि कर्फ्यू लगाने पर विचार कर रही है। इसकी अनुमति 25 नवंबर को जारी केंद्र के ताजा दिशा-निर्देशों में भी दी गई है।
खंडपीठ के समक्ष दिल्ली सरकार के वकीलों ने कहा कि सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। खंडपीठ ने पूछा कि क्या उतनी ही गंभीरता से विचार कर रहे हैं जितनी गंभीर कोविड-19 है? कोर्ट ने पूछा कि यह फैसला कितने दिनों में हो जाएगा। इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि तीन-चार दिनों में फैसला कर लिया जाएगा।
हाईकोर्ट ने यह सवाल अधिवक्ता राकेश मल्होत्रा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने कहा ताजा दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश हालात के अनुरूप निर्णय लेकर रात्रि कफ्यू समेत दूसरे प्रतिबंध लगा सकती हैं। केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता अनुराग अहलूवालिया ने कहा कि कंटनेमेंट जोन के बाहर लॉकडाउन करने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति लेनी होगी।
वहीं बाजारों को नियंत्रित तरीके से खोलने के मुद्दे पर दिल्ली सरकार ने कहा कि यह मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष विचाराधीन है और उसके निर्णय का इंतजार है। बाजार संगठनों व स्थानीय निवासियों से बैठक कर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सुझाव मांगे गए हैं। खंडपीठ ने इस पर कहा कि बैठक करने से गेंद इधर से उधर होती रहेगी जबकि दिल्ली सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।