- जगह-जगह सड़कों पर भी बना दी डेयरियां, लिसाड़ी क्षेत्र, शास्त्रीनगर में नाले में बहाया जा रहा गोबर
- गोबर से अटा भूमिया के पुल के पास नाला नगर निगम ने नहीं की सफाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: डेयरियोें को शहर से बाहर करने की बात कई बार की जाती रही है, लेकिन अभी तक यह मुमकिन नहीं हो पाया है। शहर के हालात इन डेयरियों के कारण बदतर हो चुके हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारी आंखे मूंदे बैठे हैं। विभाग की ओर से जेलचुंगी, गढ़ रोड आदि जगहों पर तो अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन मुस्लिम क्षेत्र में डेयरियों के कारण हालात खराब हैं। यहां कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। यहां गोबर से नाले चोक हो चुके हैं, लेकिन कोई कुछ करने को तैयार नहीं है।
शहर में लिसाड़ी गेट कमेला रोड, शास्त्रीनगर आरटीओ पुल के पास सेक्टर-12, के ब्लॉक शास्त्रीनगर समेत कई जगहों पर खुलेआम सड़कों पर पशुओं को बांधकर डेयरियां संचालित की जा रही है। इन डेयरियों की संख्या शहर में भर में हजारों में है। नगर निगम की ओर से कई बार डेयरियों को शहर से बाहर करने की योजना बनाई गई, लेकिन हर बार यह योजना फेल होती नजर आई है। डेयरियों ने शहर को नरक बनाकर रख दिया है। लोग सड़कों पर ही पशुओं को बांधकर डेयरियां संचालित कर रहे हैं और गोबर को नाले में बहा रहे हैं।
कमेला रोड पर नहीं रोकथाम गोबर बह रहा नाले में
लिसाड़ी क्षेत्र के कमेला रोड पर नाले के किनारे 100 से भी अधिक डेयरियां संचालित की जा रही है। यहां हापुड़ रोड से लेकर भूमिया के पुल तक की बात करें तो 100-100 मीटर में ही कई-कई डेयरियां है। लोग यहां नाले के किनारे की पशुओं को बांधकर दूध निकालते हैं, हालात तो और भी बदतर तब हो जाते हैं। जब डेयरी संचालक पशुओं के गोबर को नाले में ही बहा देते हैं। यहां नाले के ऊपर पहाड़-सा बन गया है। जिससे जो चाहे वहां खड़ हो सकता है। नाला कूड़े और गोबर से अटा पड़ा है। जिसके चलते यहां समस्या और भी अधिक बढ़ गई है।
शास्त्रीनगर आरटीओ रोड पर भी यही हाल
आरटीओ रोड सेक्टर-12 में भी यही हाल है। यहां लोग घरों से पशुओं को लाकर शाम के समय नाले के किनारे लाकर बांध देते हैं और यहीं पर दूध निकाला जाता है। जाकिर कालोनी समेत आसपास के कई एरियों से लोग यहां आकर पशुओं को बांधते हैं और अवैध रूप से डेयरी संचालित करते हैं। डेयरी संचालक यहां पशुओं के गोबर को यहां नालों में बहा देते हैं। यह हाल भूमिया के पुल से लेकर यहां शास्त्रीनगर के नाले तक है। इस बीच में असंख्य डेयरी संचालित हो रही है, लेकिन नगर निगम न तो इनके खिलाफ कोई कार्रवाई करता है न जुर्माना लगाता है। जबकि अधिकारी जेलचुंगी रोड, दिल्ली रोड समेत कई एरियों में चालान काटते हैं, लेकिन मुस्लिम क्षेत्र की अनदेखी की जाती है। जिससे वहां हालात बद से बदतर हो रहे हैं।
नालों में गोबर से चोक हुए नाले
हर साल नगर निगम नालों की सफाई पर लाखों रुपये खर्च करता है। डेयरी संचालक नालों को चोक करते हैं और नगर निगम रुपये खर्च कर उसे साफ करता है। हाल ही की बात करें तो यहां भूमिया के पुल से लेकर कमेला रोड तक जाने वाले नाले में गोबर गिरने से नाला चोक हो चुका है। नाले में आराम से लोग चल फिर सकते हैं। जब गोबर जमा होगा तो पानी का बहाव नाले में कैसे होगा।
नाले के हालातों को लेकर कई बार नगर निगम अधिकारियों से शिकायत की जाती रही है, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। नगर निगम को इसकी याद सिर्फ बरसात के समय आयेगी, जब लाखों रुपये का बजट बनाकर नाले की सफाई में लगाया जायेगा। अगर निगम के अधिकारी समय पर जाग जाएं तो अभी यह हालात सुधर सकते हैं।