Saturday, July 27, 2024
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अखलाक परिवार के निर्णय से परिणाम होंगे अप्रत्याशित

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  • शाहिद के बसपा प्रत्याशी हशमत को समर्थन देने से सपा की बढ़ी बेचैनी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: लंबे समय से शांत चल रहे पूर्व सांसद शाहिद अखलाक अचानक निकाय चुनाव में सक्रिय हो गए। पहले दिन अखलाक परिवार ने बसपा प्रत्याशी हशमत मलिक को समर्थन देने का ऐलान किया हैं, जिसके बाद अप्रत्याशित परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। शाहिद अखलाक और उनके समर्थकों के बसपा के साथ जुड़ने से फिर बसपा का वजन बढ़ गया हैं। एक बार शाहिद अखलाक मेयर रहे तथा एक बार सांसद भी रह चुके हैं।

उनके परिवार का राजनीति में अपना वजूद हैं। छह वर्ष से शाहिद अखलाक किसी भी दल के साथ नहीं थे। राजनीति से दूरी बनाकर चल रहे थे, लेकिन अचानक उनके निर्णय से मेरठ की सियासत में हलचल पैदा हो गयी हैं। बसपा प्रत्याशी को समर्थन देने से जिस बसपा को कमजोर मानकर चल रहे थे, उसका वजन अचानक बढ़ गया हैं।

अब बसपा की मुस्लिम वोटों में भारी सेंधमारी हो सकती हैं, जो सपा के लिए बड़ी चुनौती बन सकता हैं। शाहिद अखलाक के बसपा के पाले में चले जाने के बाद सपा में खलबली मची हुई हैं, परिणाम अप्रत्याशित भी हो सकते हैं, जो सपा को बड़ा झटका हो सकता हैं।

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स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच चल रही चुनावी जंग में बहुजन समाज पार्टी भी तीसरे खिलाड़ी के रुप में उस वक्त मैदान में मजबूती से आ गई जब पूर्व सांसद और पूर्व मेयर शाहिद अखलाक ने खुलकर बसपा प्रत्याशी हशमत मलिक का साथ देने की घोषणा कर दी। दो दिनों से पूर्व मेयर के घर में चल रही बैठकों ने चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।

बसपा के टिकट पर सांसद और मेयर बनने वाले शाहिद अखलाक पूरे चुनाव खामोश रहे लेकिन तीन दिन पहले चुनावी मैदान में उतर गए और बसपा प्रत्याशी हशमत मलिक को खुलकर समर्थन देते हुए कहा कि अखलाक परिवार के मलिक बिरादरी से पच्चीस साल से अधिक समय के राजनीतिक संबंध हैं। इस कारण अखलाक परिवार अपने समर्थकों के साथ बसपा प्रत्याशी का समर्थन कर रहा है।

इससे मेयर का चुनाव आमने सामने के बजाय त्रिकोणीय हो गया है। इस चुनाव में रही सही कसर औवेसी की पार्टी पूरा कर रही है। मेरठ में मलिक बिरादरी के लोगों की संख्या काफी ज्यादा है और अगर इस नये गठजोड़ ने असर दिखाया तो चुनावी परिणाम कितना प्रभावी होगा, इसका पता तो मतगणना के बाद पता चलेगा।

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