Saturday, July 27, 2024
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प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला पब्लिक के हाथ

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  • 503 पोलिंग स्टेशन आफर, 7000 से अधिक मतदान कर्मी कराएंगे मतदान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेयर और पार्षद पद के प्रत्याशियों की धड़कन बढ़ गई हैं। देर रात तक प्रत्याशी डोर-टू-डोर भी दस्तक देने पहुंचे। मेयर पद के प्रत्याशियों ने अपने बस्ते बांटे, जो बूथों पर पार्टी कार्यकर्ता तैनात रहेंगे। एक तरह से प्रत्याशियों की कीसमत का फैसला जनता जर्नादन के हाथ में रहेगा। जनता किसे वोट देंगी? ये फैसला आज जनता करेगी। अब तक प्रत्याशियों के दावे-प्रतिदावे किये जा रहे थे।

मेयर पद के लिए 16 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, इनमें भाजपा से हरिकांत अहलूवालिया, सपा से सीमा प्रधान, बसपा से हशमत मलिक, आम आदमी पार्टी से ऋचा सिंह और औवेसी की पार्टी से अनस, कांग्रेस से नसीम कुरैशी आदि मुख्य रूप से चुनाव मैदान में हैं। इन प्रत्याशियों के बीच ही चुनाव होगा। इनमें से जनता किसे पंसद करती हैं? उसका चयन पब्लिक करने जा रही हैं।

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जनता का फैसला कुछ भी हो, लेकिन पार्टी प्रत्याशियों की धनकड़ बढ़ गयी हैं। क्योंकि मेयर पद का चुनाव बेहद प्रतिष्ठा पूर्ण हैं। भाजपा प्रत्याशी हरिकांत अहलूवालिया के पक्ष में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी, राज्यमंत्री दिनेश खटीक, डा. सोमेन्द्र तोमर, सांसद राजेन्द्र अग्रवाल व एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज ने मोर्चा संभाला हुआ था। अब फैसला जनता के हाथ हैं।

सपा प्रत्याशी सीमा प्रधान के पक्ष में सपा के राष्ष्टÑीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी शहर में रोड शो करके गए हैं। सपा प्रत्याशी सीमा प्रधान को कुछ विधायकों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा था। मेरठ में मेयर का पद बेहद महत्वपूर्ण पद है। दो बार बसपा इस पद पर काबिज रह चुकी हैं। इस बार भी बसपा अपना भाग्य हशमत मलिक के रूप में अपना रहा ही हैं।

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जनता का फैसला किस करवट बैठता हैं, यह कहना अभी मुश्किल होगा, लेकिन इतना अवश्य है कि चुनाव बड़ा संघर्ष पूर्ण रहने वाला हैं। बूथों पर पोलिंग पार्टियां रात में ही पहुंच गई। पोलिंग टीम को बूथ पर ही पूरी व्यवस्था प्रशासन की तरफ से की गई हैं। बूथ पर पुलिस भी रात्रि में ही पहुंच गई। सेक्टर व जोनल मस्जिटेÑट भी रात्रि में ही ड्यूटी चेक करने पहुंच गए थे।

आला अफसरों की अलग से गाड़ी भी उपलब्ध कराई गयी हैं, जो सेक्टर में तमाम बूथों पर पहुंचकर निष्पक्ष मतदान करायेंगे। दूसरे चरण में गुरुवार सुबह आठ बजे से मतदान होगा। जिसके लिए 503 पोलिंग स्टेशन और 1480 बूथों पर सात हजार से अधिक मतदान अधिकारी तैनात किए गए हैं। जनपद में 332 पदों में से तीन पार्षद निर्विरोध हो गए हैं। अब 329 पदों के लिए 1704 उम्मीदवार मैदान में हैं।

नगर निगम में महापौर पद पर 15, पार्षद पद के लिए 90 में से 87 वार्डों पर 522, दोनों नगर पालिकाओं (मवाना व सरधना) में अध्यक्ष पद पर 27, सदस्य पद पर 237, नगर पंचायत में अध्यक्ष पद पर 141 और सदस्य पद पर 763 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।

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सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि 316 वार्ड, 503 पोलिंग स्टेशन, 1480 बूथों पर 16 लाख 57 हजार 440 मतदाता वोट करेंगे। नगर निगम का मतदान ईवीएम से और नगर पालिका-नगर पंचायत में बैलेट पेपर से मतदान होगा। इसके लिए 57 निर्वाचन अधिकारी, 89 सहायक निर्वाचन अधिकारी, 38 जोनल मजिस्ट्रेट और 154 सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।

यहां कर सकते हैं शिकायत

अगर मतदाता को कोई भी चुनाव से संबंधित शिकायत है तो उसके लिए कंट्रोल रूम में तीन शिफ्ट में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यह कंट्रोल रूम 13 मई 2023 तक जारी रहेगा। फोन नंबर 0121-2991191 और 0121-2664133 है। इसके अलावा नगर निगम से संबंधित शिकायत प्रेक्षक सुधीर महादेव बोबडे से प्रवास कक्ष सं.-04 सकिेट हाउस में की जा सकती है।

जहां पर 3 से 5 बजे तक मिलने का समय दिया गया है। दूरभाष नंबर-0121-2991176, 6397332747 पर कॉल कर सकते हैं। वहीं, नगर पालिका और नगर पंचायत से संबंधित शिकायत डॉ. कंचन सरन के प्रवास कक्ष सं.-08 सर्किट हाउस मेरठ में की जा सकती है। उनका दूरभाष संख्या 0121-2991175 और मोबाइल नम्बर 6397355159 है।

नगर निकाय चुनाव में पुलिस का रहेंगा सख्त पहरा

नगर निकाय चुनाव में गुरुवार को मतदान पुलिस के पहरे में होगा। इसके लिए प्रशासन ने चार कंपनी पीएसी कई सीओ व चार एएसपी के साथ 9 हजार सिपाही तीन हजार होमगार्ड पूरे जिले में तैनात किया है। वहीं पुलिस की सहायता के लिए पांच जनपद के होमगार्ड भी निगरानी रखेंगे। नगर निकाय चुनाव शांतिपूर्ण सम्पन्न हो जायें। इसके लिए प्रशासन ने हर स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है।

जिले में चुनाव के लिए चार कंपनी पीएसी, एक एसएसवी, 11 सीओ, चार एडिशनल एसपी को लगाया गया है। वहीं 700 महिला अंडर ट्रेनिंग एसआई, 200 अंडरट्रेनिंग एसआई, 9 हजार सिपाही, तीन हजार होमगार्ड, यूपी 112 डायल की सभी गाड़ियां, पांच जिलों के अलग-अलग होमगार्ड, जीआरपी मुरादाबाद, आगरा, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर भी तैनात रहेगी। इसके अलावा चुनाव में गड़बड़ी या हिंसा फैलाने के लिए अतिसंवेदनशील स्थानों पर पुलिस की पिकेट तैनात रहेगी।

मतदान दिवस पर रहेगा सार्वजनिक अवकाश

जिला मजिस्ट्रेट, जिला निर्वाचन अधिकारी (न.नि.) दीपक मीणा ने बताया कि नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन-2023 को सकुशल सम्पन्न कराये जाने के लिए जनपद मेरठ में स्थित दुकानों, कारखानों एवं वाणिज्य अधिष्ठानों में मतदान दिवस आज बंदी दिवस सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।

डीएम-एसएसपी ने विद्यालयों में बनाए गए मतदान केंद्रों का किया निरीक्षण

जिलाधिकारी दीपक मीणा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रोहित सिंह सजवाण ने अधिकारियों की टीम के साथ विभिन्न मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। मतदान केंद्र उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रहलादनगर, मदरसा फलाहे-आम, जूनियर हाईस्कूल, हरमिलाप मिशन इंटर कॉलेज प्रह्लाद नगर, एम जावेद अकेडमी, इंडियन पब्लिक जूनियर हाईस्कूल बुनकर नगर तथा धर्मशाला पंडित प्रसादी लाल पदमपुरा का निरीक्षण किया गया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को मतदान केंद्रों पर सभी मूलभूत सुविधाओं को पूर्ण करने के निर्देश दिये।

सामान्य रूप से होगा निगम और नगर बस सेवा का संचालन

मतदान के दिन गुरुवार को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और महानगर बस सेवाओं का संचालन सामान्य रूप से किया जाएगा। हालांकि इस बीच सवारियों की संख्या कम रहने का अनुमान है। आरएम केके शर्मा ने बताया कि परिक्षेत्र में उन सभी मार्गों पर बसों का संचालन सामान्य रूप से कराने की व्यवस्था की गई है, जिनमें निकाय चुनाव गुरुवार को होने वाले हैं। आरएम के अनुसार इस दौरान दोपहर तक हालांकि यात्री कब निकलेंगे ऐसी संभावनाएं जताई जा रही है।

इसको देखते हुए चालकों परिचालकों और बस संचालन प्रभारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि खाली बसों को मार्ग पर न दौड़ाया जाए। बल्कि लोड फैक्टर के लिए निर्धारित मानक को दृष्टिगत रखते हुए संचालन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बताया कि गुरुवार को महानगर बसों की सेवाएं भी सामान्य रूप से चलाने का प्रयास किया जाएगा। इस बीच यात्रियों की संख्या के अनुसार टाइम टेबल में थोड़ा थोड़ा बहुत परिवर्तन किया जा सकता है।

भामाशाह पार्क से पोलिंग बूथों के लिये रवाना हुई पोलिंग पार्टिंयां

जनपद में 11 मई को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के लिये बुधवार को पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्रों के लिये रवाना कराया गया। भामाशाह पार्क में पोलिंग पार्टियों को ईवीएम एव अन्य मतदान सामग्री उपलब्ध कराई गई। इस दौरान पीठाशीन अधिकारी एवं अन्य मतदान अधिकारियों ने मतदान संबधी सामग्री को प्राप्त किया। वहीं, ईवीएम को भी चेक किया कि कहीं ईवीएम में कोई गड़डबड़ी तो नहीं है।

भामाशाह पार्क में विशाल पंडाल तैयार किया गया था ताकि पोलिंग पार्टियां उसमें बैठकर जो मतदान संबंधी सामग्री मिली उसे चेक किया। भामाशाह (विक्टोरिया) पार्क में सुबह सवेरे से ही पालिंग पार्टियां पहुंचनी शुरू हो गई थी और मतदान संबंधी सामंग्री प्राप्त कर ली, लेकिन मैदान में बस कुछ इस तरह से खड़ी हुई थी कि वह अपने नंबर पर ही निकल सकती थी। ऐसा नहीं था कि जिन पोलिंग पार्टियों ने मतदान सामग्री प्राप्त करके चेक कर लिया और वह चाह कर भी अपने वाहनों में बैठकर निकल नहीं सकती थी।

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बुधवार को तेज धूप के कारण पंडाल में गर्मी में पोलिंग पार्टियों में शामिल अधिकारी एवं कर्मचारी गर्मी से बेहाल दिखे। विशाल टेंट तो लगाया गया, लेकिन गर्मी का मौसम देखते हुये उसमें पंखे आदि की व्यवस्था दिखाई नहीं दी। भामाशाह पार्क पहुंचकर डीएम दीपक मीणा, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण व सीडीओ शशांक चौधरी ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होने पोलिंग पार्टियों को मतदान संबंधी सामग्री प्राप्त करने से लेकर पोलिंग बूथ तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो उसके लिये भी संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिये।

कुछ पीटाशीन अधिकारी एवं अन्य अधिकारी जिनकी चुनाव में ड्यूटी लगी थी। वह नहीं पहुंच सके, जिसके चलते रिजर्व में जो अधिकारी एवं कर्मचारी थे उनकी ड्यूटी लगाई गई। दोपहर के बाद पोलिंग पार्टियां मतदान केंद्रों के लिये रवाना होनी शुरू हुई। शाम करीब पांच बजे तक रवाना हुई। करीब एक हजार से अधिक पोलिंग पार्टियां मतदान केंद्रों के लिये रवाना हुई।

अधिकतर बसों की फिटनेस खराब

अधिकतर देखा गया है जिन बसों की फिटनेस खराब होती है। उन पर आरटीओ का चाबुक चल जाता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा भी देखने में आता है कि जब कोई सरकार का काम हो तो उसमें फिटनेस या वाहन के कागज आदि नहीं देखे जाते हैं। बस सरकार का काम होना चाहिए।

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ऐसा ही बुधवार को भामाशाह पार्क में देखने को मिला। जिसमें कुछ बसों की फिटनेस बेहद खराब थी। उसके बावजूद उन बसों में पोलिंग पार्टियों को रवाना कर दिया गया। जिन बसों की फिटनेस खराब है, यदि उनमें कोई हादसा हो जाये तो इसका कौन जिम्मेदार होगा? यह एक बड़ा सवाल है।

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