- मेडा सचिव ने अवर अभियंता की लगाई क्लास
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: घाट रोड पर अवैध कॉलोनी को लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों ने ध्वस्तीकरण के आदेश सरकारी दस्तावेजों में तो कर दिए, लेकिन मौके पर ध्वस्तीकरण नहीं किया गया, जिसको लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव सीपी तिवारी खास नाराज हो गए। जब उनके संज्ञान में आया कि और अभियंता के स्तर पर इसमें घालमेल किया जा रहा है, अब इस मामले में मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव ने और अभियंता से यह पूछ ही लिया है कि जब ध्वस्तीकरण के आदेश है तो फिर टाल मटोल क्यों किया जा रहा है? इसको लेकर अवर अभियंता मोनू घाट की कॉलोनी को बचाने में जुटे हैं।
दरअसल, घाट रोड पर मोनू की तीन से चार बड़ी कॉलोनी विकसित की जा रही है। यह सभी अवैध है और आर-जोन में बनी है। इनका नक्शा पास मेरठ विकास प्राधिकरण से हुआ होता तो करोड़ों का राजस्व प्राधिकरण के खाते में जमा कराया जाता, लेकिन यहां पर तो फूटी कोड़ी भी प्राधिकरण के खाते में जमा नहीं हुई। अवैध कालोनी विकसित करने से मेडा को नुकसान हुआ अवर अभियंताओं की बल्ले-बल्ले हो गई। यही वजह है कि एक के बाद एक कई अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है।
मोनू घाट की अवैध कॉलोनी को लेकर पहले भी शिकायत हुई थी, लेकिन शिकायत पर कितना अमल अवर अभियंता करते हैं वह भी विचारणीय है। क्योंकि ध्वस्तीकरण के आदेश तो सरकारी दावस्तावेज में कर रखे हैं, लेकिन कॉलोनी अभी तक नहीं तोड़ी गई। तोड़ी भी जाती है तो खानापूर्ति का काम किया जाता है, क्योंकि अवर अभियंता की सेटिंग का खेल जो चल रहा है। सेटिंग के खेल किसी का संज्ञान विकास प्राधिकरण के सचिव सीपी तिवारी को लगी तो उन्होंने आवारा अभियंता पवन शर्मा से पूछ लिया कि जब तोड़ने के आदेश है तो फिर क्यों बचाया जा रहा है?
अवैध कॉलोनी हर जोन में तोड़ी जा रही है फिर मोनू घाट की क्यों नहीं तोड़ी जा रही है? इसको लेकर अवर अभियंता ने अपनी सफाई भी दी, लेकिन सचिव ने एक नहीं सुनी। इसमें कार्रवाई होनी चाहिए। अवैध कॉलोनी पर वैसे तो शिंकजा कसा हुआ है, लेकिन फिर भी व्यापक स्तर पर अवैध कॉलोनी में काम कैसे चल रहा है?