- पिछले कुछ समय से 2000 का नोट बैंक में जमा करने के बाद नहीं दिया जा रहा था वापस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रिजर्व बैंक के इस ऐलान के बाद कि बाजार में 2000 का नोट चलन से बाहर कर दिया गया। इस ऐलान के बाद मार्केट में बेचैनी बढ़ गई। हालांकि पिछले कुछ समय से 2000 का नोट बैंक में जमा करने के बाद वापस नहीं दिया जा रहा था।
उसके बाद बैंक से वापस 2000 का नोट नहीं दिया जा रहा था। मार्केट में 2000 की एक तरह से नोट बंदी को लेकर क्या उतार-चढ़ाव रहने वाला हैं। इसको लेकर कुछ बड़े बिजनेसमैन से और बिल्डरों से ‘जनवाणी’ ने बातचीत की। यहां प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश…
सरकार का यह निर्णय सही
शहर के बड़े बिल्डर एवं एपेक्स कंपनी के निदेशक अतुल गुप्ता का कहना है कि बाजार में 2000 के नोट का पहले ही चलन कम हो गया था। फिर सरकार का यह निर्णय सही है। 2000 के नोट का चालान बाजार से आउट होने पर ब्लैक मनी पर अंकुश निश्चित रूप से अकुंश लगेगा।
जिन नौकरशाहों ने 2000 के नोट का कलेक्शन करके छुपाया गया था। उनकी कमर तोड़ने वाला यह निर्णय साबित होगा। फिर आतंकी भी बड़े नोट को एकत्र करते हैं। उन पर भी निश्चित रूप से इसका फर्क पड़ेगा।
निर्णय स्वागत योग्य
एडको कंपनी के निदेशक वरुण अग्रवाल ने कहा कि रिजर्व बैंक का यह निर्णय स्वागत योग्य है। 2000 की नोट बंदी से ब्लैक मनी पर अंकुश लगेगा तथा मार्केट में काफी समय से 2000 के नोट फ्लो में नहीं था, जिसके चलते अवश्य ही नौकरशाहों ने और विपक्षी दलों के नेताओं ने 2000 नोट का कलेक्शन किया है।
काले धन पर लगेगी लगाम
ट्रांसपोर्टर अमित यादव का कहना है कि दो हजार का नोट बंद होने से अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बल्कि काले धन पर लगात जरुर लग जाएगी। वैसे भी 2000 के नोट के दर्शन बहुत दुर्लभ हो गए थे, लेकिन अचानक हुई इस घोषणा से लोगों को थोड़ी परेशानी तो होगी लेकिन ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा।
लैस इकोनामी की ओर बढ़ता कदम
व्यवसाय अनुज विज का कहना है कि अगर दो हजार के नोट को बंद किया गया है तो यह लैस इकोनामी की ओर बढ़ता हुआ कदम है। दो हजार का नोट बंद होने से अर्थव्यवस्था पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि काले धन पर जरुर रोक लग जाएगी। कुछ दिन तक लोगों को बैंक में नोट जमा करने में परेशानी हो सकती है लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।