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जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिले में स्थित नजूल की जमीनों पर कथित भूमाफियाओं द्वारा कब्जा किए जाने की शिकायतें लगातार मिलने की बात कही जा रही है मगर, प्रशासन से जिस प्रकार की कार्रवाई की उम्मीद जिले की जनता को है वह प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं दे रहा है। इस पूरे मामले में राजस्व महकमे से लेकर पुलिस प्रशासन के साथ एमडीए की भी भूमिका भूमाफियाओं संग संदिग्ध मालूम पड़ रही है।
अब यह विचारणीय सवाल है कि जिलाधिकारी समूचे नजूल की की भूमि की खोजबीन कराते हुए जांच कराएंगे अथवा नहीं।
हालांकि यह दावा किया जा रहा है कि यदि जिलाधिकारी कमर कसकर कुछ कथित भूमाफियाओं के विरूद्ध अभियान ईमानदारी से चला दें तो बहुत बड़े खुलासे हो
सकते हैं।
हालांकि आज गुरूवार को इसी क्रम में जिलाधिकारी दीपक मीणा ने एक बड़ा हिम्मत भरा औरा सराहनीय कदम उठाते हुए सूरज कुंड रोड पर स्थित नजूल की भूमि में किए गए निर्माण को आज डीएम दीपक मीणा के निर्देशन में बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया। मेरठ विकास प्राधिकरण इंजीनियरों की टीम भी तोड़फोड़ के दौरान मौजूद रही।
डीएम दीपक मीणा को सामाजिक संस्था की तरफ से एक शिकायत दी गई थी कि सूरज कुंड रोड पर नजूल की भूमि है जिसमें अवैध निर्माण कर दिया गया है। इसकी जांच के आदेश डीएम ने तहसीलदार को दिए थे जिसमें तहसीलदार की रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार को मेरठ विकास प्राधिकरण इंजीनियरों की टीम बुलडोजर लेकर सूरज कुंड रोड पर पहुंची, जहां पर बुलडोजर चला दिया।
यह बुलडोजर चलाने की कार्रवाई अग्रवाल डेयरी के सामने हुई। करीब ढाई 100 वर्ग मीटर भूमि नजूल की बताया गया था। इसमें अवैध कॉन्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा था। प्रशासन और मेरठ विकास प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने यह बड़ी कार्रवाई की है। तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में पुलिस फोर्स भी लगाया गया था तथा मजिस्ट्रेट की भी तैनाती इस दौरान मौके पर मौजूद रही।
अब यह अभियान जिलाधिकारी जारी रखें ताकि जिले के अंदर सक्रिय कई कथित भूमाफियाओं पर शिकंजा कसा जा सकेगा। अब यह देखना बाकी है कि जिलाधिकारी कार्रवाई किस भूमाफिया पर करेंगे।
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