Thursday, March 28, 2024
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सीवर लाइन चालू न होने से जलनिकासी बनी बड़ी समस्या

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वार्ड-84: पार्षद का रिपोर्ट कार्ड

  • नगर निगम के वार्ड-84 के वाशिंदों के पास पहचान के मूलभूत अभिलेख तक मौजूद नहीं

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अहमदनगर रोड स्थित वार्ड-84 में सीवर लाइन बिछाने के दौरान खोदे गए रास्तों को आज तक सही नहीं किया जा सका है। इतना ही नहीं, सीवर लाइन बिछ जाने के बावजूद इससे जलनिकासी शुरू नहीं की जा सकी है, जिसके कारण वार्डवासी अक्सर जलभराव की समस्या से जूझते रहते हैं। इस वार्ड की एक प्रमुख समस्या यह सामने आई है कि क्षेत्र के लोगों के पास अपनी आइडेंटी के लिए जरूरी अभिलेख अभी तक नहीं बन सके हैं। जिसके लिए वार्डवासी वृहद कैंप के आयोजन की मांग करते हैं।

मौजूद नगर निगम बोर्ड में आस मोहम्मद इस वार्ड का पार्षद के रूप में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जबकि आगामी चुनाव के लिए वे स्वयं शहजाद उर्फ गुड्डू को उम्मीदवार बनाकर चुनाव प्रचार तक शुरू कर चुके हैं। इन बदले राजनीतिक समीकरण के बीच शहजाद उर्फ गुड्डू, हाजी जाहिद अंसारी, मोहम्मद सलीम, साजिद आदि से चर्चा की गई। जिसमें शहजाद ने बताया कि वार्ड के अधिकतर लोग ऐसे हैं जिनके पास अपनी पहचान के लिए जरूरी बुनियादी अभिलेख आज तक मौजूद नहीं है।

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आधार कार्ड, वोटर कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र आदि के मामले में भी यहां के लोग अपडेट नहीं है। और जानकारी और जागरूकता के अभाव में दलालों से लेकर अधिकारियों तक के चक्कर काटने को मजबूर होते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि वार्ड के लोगों को बहुत सारी सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाना पड़ता है। शहजाद उर्फ गुड्डू का कहना है कि इस वार्ड में एक वृहद शिविर लगाए जाने की जरूरत है। वे अपने स्तर से इस बारे में प्रयास भी करते रहते हैं कि वार्ड के हर वोटर और उनके परिवार के सदस्यों को मूलभूत अभिलेख और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

वार्ड की 10 प्रमुख गलियां और इन से जुड़ी हुई करीब दो दर्जन उप गलियों में पानी की सप्लाई के लिए पंपों का प्रयोग किया जाता है। यहां गंगा जल परियोजना के लिए पाइप लाइन आज तक नहीं बिछाई जा सकी है। इसके अलावा किसी ओवरहेड टैंक से भी पाइप लाइन बिछाकर इस वार्ड में जलापूर्ति नहीं की जा रही है। वार्ड में सीवर लाइन बिछाने का काम कुछ अरसा पहले पूरा तो हो चुका है। जिसके लिए वार्ड की अधिकांश गलियों को खोद दिया गया,

लेकिन जल निगम के ठेकेदारों ने इन रास्तों को ठीक कराने का काम नहीं किया। दूसरी ओर इन सीवर लाइन को आज तक चालू नहीं किया जा सका है। जिसके कारण पूरे वार्ड की जल निकासी का पूरा भार नालियों पर ही रहता है। जिसका परिणाम आए दिन नालियों के चोक होने और गलियों में गन्दा पानी जमा होने के रूप में सामने आता है। बरसात के दौरान स्थिति और खराब हो जाती है, और पूरे क्षेत्र में जलभराव की नौबत आ जाती है।

वार्ड का तीन चौथाई हिस्सा स्ट्रीट लाइट से कवर किया जा चुका है, लेकिन शेष एक चौथाई इससे को कवर करने के लिए वहां के लोग बार-बार मांग करते रहते हैं। वार्ड में हालांकि एबीसी कंडक्टर से विद्युतीकरण किया जा चुका है। लेकिन दो खंभों के दरमियान फासला ज्यादा होने के कारण तार गलियों में झूलते रहते हैं। लोगों का कहना है कि खंभों के पास आकर इन तारों के बीच इतना खिंचाव बन जाता है कि ओवर लोडिंग के कारण कई बार एबीसी कंडक्टर का सिरा गर्म होकर गिरने की स्थिति में पहुंच जाता है।

जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। क्षेत्र में सफाई की स्थिति को लेकर लोग शिकायत करते हैं। उनका कहना है कि एक और जहां सफाई कर्मचारियों की संख्या कम है, वहीं आसपास के दूसरे वार्डों से यहां कूड़ा लाकर डाल ले जाता है। जिससे इस वार्ड के साथ-साथ आसपास के तीन चार वार्डों के कूड़े का भार यहां के सफाई कर्मचारियों पर और बढ़ जाता है।

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वैसे इस वार्ड में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था है, लेकिन वार्ड के लोगों की शिकायत है कि ट्राली में अगर टायर फट जाए, तो नगर निगम के अधिकारी 15 दिन टायर को बदलने में लगा देते हैं। यानी कोई तकनीकी व्यवधान आए तो उसके ठीक होने में कई दिन गुजर जाते है।

पार्षद का कथन

वार्ड-84 के पार्षद आस मोहम्मद का कहना है कि कुछ अरसा पहले वार्ड में जलनिकासी की समस्या गंभीर थी। लेकिन मुख्य रोड पर आरसीसी से नाला निर्माण होने के चलते चार वार्ड की जलनिकासी में सुधार हुआ है। जिसमें यह वार्ड-84 भी शामिल है। जलनिगम ने सीवर लाइन बिछा दी, लेकिन उसे कनेक्ट करके चालू नहीं किया गया है। इस बारे में वे कई बार जलनिगम के अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं।

जो इस अधूरे काम को पूरा कराने के लिए अब नया ठेका छोड़ने की बात कह रहे हैं। उन्होंने स्ट्रीट लाइट के लिए बेहतर प्रयास किया है, जिसका परिणाम है कि वार्ड का कोई पोल ऐसा नहीं है, जिस पर लाइट न लगी हो।गलियों के बाहर दूसरे वार्ड के लोग कूड़ा डाल जाते हैं। यह मुद्दा बोर्ड बैठक में यह मुद्दा उठाया गया है। साथ ही अधिकारियों से इस समस्या का निवारण करने की मांग उठाई गई है।

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