- पीटी उषा से पहले सभी प्रेसिडेंट पुरुष ही थे
- एशियन टूर्नामेंट में भारत को दिलाए हैं 18 गोल्ड
नई दिल्ली, वार्ता: दिग्गज एथलीट पीटी ऊषा सोमवार को इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) की पहली महिला अध्यक्ष बन गईं। आईओए के इलेक्शन में 58 साल की ऊषा के अलावा किसी दूसरे कैंडिडेट ने नॉमिनेशन नहीं किया था। चुनाव में एकमात्र उम्मीदवार होने के चलते 10 दिसंबर 2022 को नतीजों से पहले ही वह आईओए की प्रेसिडेंट बन गईं।
नेशनल राइफल एसोसिएशन आॅफ इंडिया के अजय पटेल सीनियर वाइस प्रेसिडेंट चुने गए हैं। इस पद के लिए भी पटेल के अलावा कोई दूसरा कैंडिडेट नहीं था।
ऊषा आईओए की 16वीं अध्यक्ष हैं। वो एक्टिंग प्रेसिडेंट आदिल सुमरीवाला की जगह लेंगी। दिसंबर 2017 से मई 2022 तक नरेंद्र बत्रा प्रेसिडेंट रहे। इसके बाद 25 मई को अनिल खन्ना एक्टिंग प्रेसिडेंट बनाए गए। 21 अगस्त को उनकी जगह सुमरीवाला ने ली। अब ऊषा फुलटाइम आईओए प्रेसिडेंट बन गई हैं। आईओए के प्रेसिडेंट के लिए नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 27 नवंबर थी। इलेक्शन आॅफिसर उमेश सिन्हा ने कहा कि 27 नवंबर तक अलग-अलग पदों के लिए 24 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा। हालांकि, अध्यक्ष पद के लिए ऊषा के अलावा किसी ने भी नामांकन नहीं किया। ऊषा ने 26 नवंबर को नॉमिनेशन किया था।
इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की थी। गृह राज्य मंत्री और पूर्व खेल मंत्री किरण रिजिजू ने ऊषा को अध्यक्ष बनने पर बधाई दी। सोशल मीडिया पोस्ट में कहा- भारत की लेजेंडरी गोल्डन गर्ल पीटी ऊषा को आईओए अध्यक्ष बनने पर बधाई। आईओए का सदस्य बनने वाले बाकी स्पोर्टिंग हीरोज को भी बधाई। देश को उन पर गर्व है। ऊषा 1984 के दौरान लॉस एंजिल्स में आयोजित ओलंपिक्स के दौरान चर्चा में आई थीं। उन्होंने 400 मीटर हर्डल में चौथा स्थान हासिल किया था।
उनके और तीसरे नंबर पर रहीं एथलीट के बीच महज 1/100 सेकेंड का अंतर था। 1984 के ओलिंपिक में मेडल न जीतने की निराशा के बाद गोल्डन गर्ल ने 1985 के जकार्ता एशियन गेम्स में 5 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता। 1986 के सियोल एशियन गेम्स में 4 गोल्ड और एक सिल्वर जीता। 1983 से 1989 के दौरान एशियन ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में उन्होंने कुल 13 गोल्ड जीते। करियर खत्म करने तक एशियन गेम्स में 4 और एशियाई चैंपियनशिप में 14 गोल्ड जीत चुकी थीं।
नीचे के ग्राफिक में देखें जकार्ता एशियन गेम्स के दौरान उनका प्रदर्शन…
- 1985 में मिला था पद्मश्री
केरल के कोझीकोडे की रहने वालीं ऊषा को उनके प्रदर्शन के आधार पर 1985 में भारत सरकार ने चौथा सबसे बड़ा सिविलियन अवॉर्ड पद्मश्री दिया था। 6 जुलाई 2022 को राज्यसभा सदस्य बनीं