Saturday, July 27, 2024
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सिंचाई विभाग की लापरवाही से फिर टूट सकती है रजवाहों की पटरी

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  • सिंचाई विभाग के रजवाहा एवं माइनरों में हजारों की संख्या में दबे हैं अवैध कुलाबे

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सिंचाई विभाग की लापरवाही से करीब डेढ़ माह पूर्व पूठरी गांव निवासी 30 वर्षीय बाइक सवार युवक की जान जाने के बाद भी सिंचाई विभाग की नींद नहीं टूट सकी। सिंचाई विभाग की इस लापरवाही के चलते किसी बडेÞ हादसे को होने से इंकार नहीं किया जा सकता। सिंचाई विभाग के रजवाहा एवं माइनरों में हजारों की संख्या में अवैध कुलाबे दबे हैं। पटरी में अवैध कुलाबा दबाये जाने व उसके उखाडेÞ जाने के चलते पटरी अक्सर कमजोर हो जाती है। जिसका कटान बढ़ने के कारण रजवाहों में पानी की मात्रा अधिक होते ही कटान बढ़ जाता है।

जनपद में जहां एक तरफ सिंचाई विभाग की मजबूत सेटिंग या फिर लापरवाही के चलते रजवाहा एवं माइनर पर अवैध पुलिया निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है। लोगों की शिकायत के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों की नींद तो टूटी, लेकिन उसका ठीकरा अपने विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के सिर न फोड़कर मेरठ विकास प्राधिकारण एवं नगर निगम के सिर फोड़ दिया। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता खंड गंगनहर एनके लांबा ने सिंचाई विभाग के माइनर व रजवाहा पर अवैध पुलिया निर्माण की रोक के लिये पत्र लिखा।

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उनके द्वारा उन लापरवाह अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया। जिनके क्षेत्र में उनके कार्यकाल में रजवाहा एवं माइनरों पर अवैध पुलिया निर्माण कार्य हो गया। वहीं, दूसरी ओर मुजफ्फरनगर जनपद में बीते सप्ताह रजवाहा राइट जोली पर अवैध कुलाबा हटवाने के लिये अभियान चलाया गया। जिसमें सहायक अभियंता सिंचाई प्रवीण कुमार ने बताया कि उनके द्वारा 58 अवैध कुलाबे हटवाये गये हैं।

उन्होंने बताया कि अवैध कुलाबों के कारण रजवाहा एवं माइनर की पटरी कमजोर हो जाती है, जिसके चलते वह टूट जाती है। जनपद में सिंचाई विभाग या तो नींद में है फिर अवैध कुलाबों से होने वाली मोटी कमाई के चलते लापरवाही बरत रहा है। यह सिंचाई विभाग की छोटी सी लापरवाही किसे बडेÞ हादसे को भी अंजाम दे सकती है।

मुजफ्फरनगर में तो सिंचाई विभाग ने अभियान चलाकर 58 अवैध कुलाबे उखड़वाये हैं, लेकिन जनपद में सिंचाई विभाग के रजवाहा एवं माइनरों में दबे अवैध कुलाबों को उखड़वाने के लिये फिलहाल कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है।
-एनके लांबा, अधिशासी अभियंता खंड गंगनहर।

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