Saturday, July 27, 2024
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सड़क के गड्ढे ने ले ली जान, आयोग सख्त

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  • उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने 15 फरवरी तक प्रशासन से मांगी रिपोर्ट

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जिलों में सड़कों पर बने गड्ढे कैसे लोगों की जानें ले रहे हैं इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने डीएम को चिट्ठी भेज नाराजगी व्यक्त की और प्रशासन ने 15 फरवरी तक इस पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है। हालांकि इस बात को लेकर भी कुछ असमंजस था कि जिस सड़क पर गड्ढों की रिपोर्ट आयोग ने मांगी है वो पीडब्ल्यूडी की है अथवा सिंचाई विभाग की। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि यह सड़क सिंचाई विभाग की है।

क्या है पूरा मामला

बाफर-कलंजरी मार्ग पर रजवाहे के पास सड़क क्षतिग्रस्त है और इसमें गड्ढे हैं। पिछले साल 14 दिसम्बर को 30 वर्षीय नीरज अपनी बाइक से इस मार्ग से होकर गुजर रहे थे, लेकिन आरोप है कि गड्ढों के कारण वो बाइक सहित इसमें गिर पड़े जिस कारण उनकी मौत हो गईथी। इस घटना की शिकायत गाजियाबाद निवासी राजहंस बंसल ने उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग से की थी।

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आयोग से की गई शिकायत में इस घटना का मुख्य कारण संबंधित विभाग की घोर लापरवाही बताते हुए पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग की गई थी। दलील दी गई है कि यदि संबंधित विभाग के लोक सेवक इस सड़क के रखरखाव पर ध्यान देते तो दुर्घटना न होती और न ही एक युवक की जान जाती।

गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हो

आयोग से मांग की गई है कि इस घटना में संबंधित विभाग के लोक सेवकों की लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तथा उनकी जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। यह भी मांग की गई है कि लापरवाही बरतने वाले लोक सेवकों के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश प्रशासन को दिए जाएं।

आयोग का रुख बेहद सख्त

आयोग ने जो पत्र जिलाधिकारी को भेजा है उसमें सख्त भाषा का प्रयोग किया गया है। चेयरमेन जस्टिस बीके नारायणा के पत्र में साफ कहा गया है कि इस मामले में आयोग के आदेश के अनुपालन में रिपोर्ट 15 फरवरी तक अवश्य उपलब्ध कराएं। पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि आयोग के आदेश के अपेक्षानुरूप कार्रवाई नहीं की गई तो आयोग द्वारा विचारोपरान्त यथोचित आदेश पारित कर दिए जाएंगे।

मामला संज्ञान में नहीं: प्रसाद

पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। उन्होंने कहा कि आयोग के हवाले से जो पत्र जिलाधिकार कार्यालय से भेजा गया है वो उसे अवश्य दिखवाएंगे। उधर, पीडब्ल्यूडी के जेई केपी भारती का कहना है कि जिस स्थान पर दुर्घटना हुई है वो हिस्सा सिंचाई विभाग के अंडर में है।

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