- सादुल्लापुर बांगर में दिखा तेंदुआ, किया गीदड़ का शिकार, ग्रामीणों ने दी वनाधिकारी को सूचना
जनवाणी संवाददाता |
किठौर: सादुल्लापुर बांगर में तेंदुए की दस्तक से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। ग्रामीणों ने वनाधिकारियों को सूचना देते हुए तेंदुए से निजात दिलाने की गुहार लगाई है। सादुल्लापुर-शाहजहांपुर संपर्क मार्ग पर स्क्रेप की पटरी किनारे जन्म सिंह का लीची का बाग है। जो महलवाला के गंगादास ने खरीद रखा है। बुधवार दोपहर शाहजहांपुर निवासी मजदूर इस बाग की धुलाई कर रहे थे।
तभी उन्हें अद्भुत जानवर दिखा। जिससे सहमे मजदूर ट्रैक्टर-टैंकर छोड़कर भाग गए। काफी देर बाद वापस लौटने पर उन्हें बाग में मृत गीदड़ पड़ा मिला। गुरुवार रात सिंचाई करने गए निरंजन के बेटों सोनू व दलमीत को भी गांव के निकट स्थित अपने चारे के खेत में अद्भुत जानवर बैठा दिखा। तुरंत गांव लौटे दोनों भाइयों ने ग्रामींणों को जानकारी दी।
ग्रामीणों ने वनकर्मियों को अवगत कराते हुए अद्भुत जानवर को पकड़ने की गुहार की। शुक्रवार को सादुल्लापुर पहुंचे वनकर्मियों राजेश्वर और दीपक ने पदचिह्न देख तेंदुए की आशंका जताई है। वनकर्मी राजेश्वर ने इस एरिया में तेंदुआ होने की पुष्टि करते हुए ग्रामींणों को रात में शीघ्र पैट्रोलिंग कराने का आश्वासन दिया है।
पहले भी दिखे तेंदुए
किठौर में करीब 10 वर्ष से लगातार तेंदुए दिखाई दे रहे हैं। जड़ौदा के ढाकों से 10 वर्ष पूर्व तेंदुआ पकड़ा गया था। फतेहपुर, सादुल्लापुर, असीलपुर, भड़ौली के जंगलों में तीन साल पहले कई तेंदुए दिखे। जिन्हें पकड़ने के लिए वन विभाग ने अभियान तो चलाया लेकिन संसाधनों के अभाव में सफलता न मिली।
शरणस्थली बना किठौर
वन्यजीव विशेषज्ञ जीएस खुशारिया की मानें तो फलपट्टी होने के कारण यह क्षेत्र तेंदुए की शरणस्थली बन चुका है। वजह बागों में गीदड़, बंदर, सेह जैसे जानवर फल खाने पहुंचते हैं। तेंदुआ इनका आसानी से शिकार कर लेता है। इसके साथ यहां रजवाहों, नहर, स्क्रेप से पीने को पानी मिल जाता है।