जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में तालिबान के आतंक की वजह से जहां लोगों में दहशत का माहौल है वहीं अब यहां दूसरी बार आए भूकंप ने लोगों को डराना शुरू कर दिया है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार अफगानिस्तान में गुरुवार सुबह 11 बजकर 22 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए।
रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 रही। ये झटके अफगानिस्तान के बजारक के 38 किमी उत्तरपूर्व में महसूस किए गए और इसकी गहराई 92 किमी रही। जानकारी मिलने तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।
मंगलवार को भी महसूस किए गए थे भूकंप के झटके
इससे पहले, मंगलवार सुबह भी अफगानिस्तान के फैजाबाद में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान भी भूकंप की तीव्रता 4.5 रही और ये स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 6.08 बजे महसूस किया गया। फैजाबाद के दक्षिणपूर्व में 83 दूर इसका केंद्र रहा था।
जानिए क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं।
ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है।
जानिए भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है। अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।