- पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार, इंजीनियरों को नहीं दिया जा रहा वेतन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पीएम आवास योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट हैं। इसमें तैनात इंजीनियरों ने गुरुवार को सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इंजीनियरों का आरोप है कि वाप्कोस कंपनी वेतन नहीं देकर लाभार्थियों से ही खर्चा निकालने की बात कहकर भ्रष्टाचार करा रही है। इंजीनियरों ने कंपनी मालिक से दो टूक कह दिया कि भ्रष्टाचार नहीं करेंगे, उन्हें वेतन चाहिए। तमाम इंजीनियर गुरुवार को डीएम आॅफिस पर पहुंचे और एक शिकायती पत्र डीएम आफिस में दिया।
दरअसल, इस मामले में वाप्कोस कंपनी पर भ्रष्टाचार की उंगली उठ रही है। वैसे तो पहले भी कई गंभीर आरोपों से कंपनी घिर चुके हैं। पहले भी इस कंपनी की जांच हुई, लेकिन जांच पर लीपापोती कर दी गई थी। इंजीनियरों ने इस बात के भी प्रमाण दिए हैं कि पूर्व में कंपनी ने सीमेंट से होने वाली दीवार की चिनाई को मिट्टी में करा दी। इसमें बड़ा भ्रष्टाचार हुआ। अब इसके सबूत डीएम आॅफिस में शिकायती पत्र के साथ इंजीनियरों ने दिये हैं।
इस शिकायत से हड़कंप मच गया है। डीएम ने इस पूरे प्रकरण की अपने स्तर से जांच करा रहे हैं। कंपनी के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, फिलहाल यह कहना मुश्किल हैं। अब देखना यह है कि इससे पहले भी कई कंपनियों को भ्रष्टाचार के मामले में ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है। इसमें डीएम क्या कदम उठाते हैं? यह कहना मुश्किल होगा। महत्वपूर्ण बात ये है कि डीएम को दिए गए शिकायती पत्र में 8634 ऐसे आवास परियोजना में दिये हैं, जो मिट्टी की चिनाई से बने हैं। कुछ के पूर्व से ही पक्के आवास बने हुए थे।
उनको भी भुगतान कर दिया गया है। कुछ ऐसे आवेदकों के आधार कार्ड बनवाए गए हैं, जो लाभार्थी नहीं थे, फिर भी लाभार्थी बना दिया गया। यही नहीं, महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि जिनका नाम डीपीआर में नहीं था, उनका नाम अलग से सूची में अटैचमेंट करा दिया गया। यही नहीं, योजना शहरी क्षेत्र की हैं, जबकि इसका लाभ नगर निगम सीमा से बाहर भी दे दिया गया, जिसके सबूत भी शिकायती पत्र के साथ-साथ इंजीनियरों ने सौंपे हैं।