Tuesday, April 16, 2024
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ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह, शहर में दिखे कम वोटर

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  • ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर हुई वोटिंग, शहरी इलाकों में अधिकांश समय बूथ सूने रहे

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: इसे शहरी वोटरों की उदासीनता नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे जब मेयर सीट के लिये साढ़े बारह लाख से अधिक मतदाताओं को अपने पसंद का मेयर चुनना था, उस वक्त सिर्फ 574589 मतदाता ही घर से वोट डालने निकले। यानि 683283 मतदाताओं ने वोट डालना जरुरी नहीं समझा।

वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 352999 मतदाताओं को अपने पसंद के चेयरमैन और पार्षदों को चुनना था लेकिन घर से बाहर निकलने की जरुरत सिर्फ 230973 मतदाताओं ने ही समझी। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्र के सिवालखास, खरखौदा, हर्रा, खिवाई और किठौर में 70 फीसदी से अधिक मतदान हुआ जबकि शहरी क्षेत्र में 45.68 फीसदी मतदाता ही वोट डालने आए।

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नगर निगम मेरठ के चुनाव की बात करें तो शहर में 663400 पुरुष और 594472 महिलाओं को वोट डालने का अधिकार हासिल था। यानि शहर में 1257872 वोटरों को अपने पसंद का मेयर और 90 वार्डों में पार्षद चुनना था। सुबह सात बजे से शुरु हुए मतदान की रफ्तार काफी धीमी रही।

नौ बजे तक 9.80 प्रतिशत, 11 बजे तक 16.44 प्रतिशत,1 बजे तक 25.59 प्रतिशत,3 बजे तक 34.35 प्रतिशत, 5 बजे तक 41.61 प्रतिशत और शाम छह बजे मतदान समाप्ति तक 45.68 प्रतिशत मतदाता ही वोट डालने आए। अगर शहरी बूथों की हालत पर नजर डालें तो पता चलेगा कि सबसे ज्यादा सुबह नौ बजे तक 123271 वोटर अपने मतों का प्रयोग कर चुके थे।

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एक बजे तक 206748 वोट, तीन बजे तक 432110 वोट, पांच बजे तक 523364 और शाम छह बजे तक 574589 वोट पड़े थे। अगर दिन भर के बूथ औसत पर नजर डालें तो दोपहर एक बजे से लेकर तीन बजे तक 110264 वोट पड़े थे। आखिरी घंटे में सिर्फ 51225 वोट ही डाले जा सके जो पूरे दिन में सबसे कम मतदान औसत माना जा रहा है। अगर ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो सिवालखास में 73.30 प्रतिशत,किठौर 74.53 प्रतिशत, हर्रा में 77.94 प्रतिशत,खिवाई 73.89 प्रतिशत लोगों ने वोट डालने में रुचि दिखाई।

इसके अलावा सरधना 61.07, मवाना 57.53,करनावल 67.52,परीक्षितगढ़ 65.34, लावड़ 65.27, हस्तिनापुर 61.48, बहसूमा 68.52, दौराला 65.82, फलावदा 67.25 और शाहजहांपुर में 63.23 प्रतिशत वोट डाले गए। ग्रामीण क्षेत्र के बूथों पर दिन भर मतदाताओं की लाइनें देखी गई जबकि शहरी क्षेत्र में साकेत, जीआईसी, शास्त्रीनगर आदि तमाम बूथों पर मतदान का औसत बीस से पच्चीस फीसदी भी नहीं रहा। जबकि मुस्लिम इलाके के बूथों में महिला और पुरुष मतदाता पूरे दिन देखे गए।

महिलाओं की भूमिका भी अहम रही चुनाव में

लोकतंत्र के इस महापर्व में नारी शक्ति ने भी बढ़ चढ़कर जिम्मेदारी निभाई। विकास के नाम पर शहर की सरकार बनाने में खूब ईवीएम मशीन का बटन दबाया। सुबह से ही बूथों पर महिलाओं व युवतियों की लंबी लाइन लगनी शुरू हो गई थी। महिलाएं घर का कामकाज छोड़कर जहां बूथों पर वोट डालने पहुंच रही थी, वहीं शाम तक भी महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। नारी शक्ति का जोश और उत्साह देखते ही बन रहा था।

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निकाय चुनाव की वोटिंग के साथ ही शहर में मेयर पद के 16 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम मशीन में बंद हो गया। महीनों से प्रत्याशी जनता के दरबार में पहुंच रह थे। वोटिंग प्रतिशत तो कम रहा, लेकिन नारी शक्ति का अहम प्रतिशत इसमें रहा। क्योंकि सुबह से शाम तक नारी शक्ति ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने में कसर नहीं छोड़ी है। लोकतंत्र के इस महापर्व में महिलाओं व युवतियों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर शहर की सरकार को चुनने का काम किया है।

शहर का प्रतिनिधित्व अपनी पसंद के प्रत्याशी के हाथों में देने के लिए सुबह से ही बूथों पर महिलाओं की लाइन लगनी शुरू हो गई थी। सुबह सात बजे जैसे ही मतदान शुरू हुआ तो महिलाओं की लाइन लंबी थी। पुरुषों की लाइन के सापेक्ष महिलाओं की लाइन लंबी थी। जिस भी बूथ पर चुनाव था,

वहां पुरुषों की संख्या मिले या न मिले, लेकिन महिलाओं की लाइन जरूर देखने को मिली हैं। न जाति धर्म की सोच न ही किसी के बहकावे में आना, बस इन्हें तो अपने एकाधिकार का प्रयोग करने का जुनून है। तभी तो महिलाओं व युवतियों की लंबी- लंबी लाइन मतदान केंद्रों पर देखने को मिली है।

मतदान का प्रतिशत रहा इस बार कम

दौराला-लावड़: निकाय चुनाव के दूसरे चरण में सुबह से ही धीमी गति से मतदान हुआ। जिस, कारण इस बार मतदान का प्रतिशत कम रहा। लावड़ व दौराला में मतदान का प्रतिशत घटा। मतदान का प्रतिशत घटने से प्रत्याशियों की आकंडेबाजी भी उलझकर रह गई है। दौराला में एक बूथ पर समय अवधि खत्म होने के बाद भी मतदान हुआ। मतदाताओं के गेट के अंदर होने के चलते मतदान कराया गया।

लावड़ की बात करें तो इस बार 20627 मतदाताओं के हाथों में प्रत्याशियों की किस्मत थी। सुबह के समय में बूथों पर भारी संख्या में मतदाताओं की भीड़ उमड़ी। परंतु, समय बढ़ने पर भीड़ हल्की होती रही। जिस, कारण मतदान का प्रतिशत कम रहा। 13464 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। लावड़ में 64.27 प्रतिशत मतदान रहा। वहीं, दौराला में सुबह से ही सुस्त चाल दिखाई दी।

दौराला में 19905 मतदाताओं में से 13102 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदाताओं की भीड़ तो बूथों पर उमड़ी, लेकिन धीमी गति से मतदान होने के कारण मतदाताओं को लंबा इंतजार करना पड़ा। यहीं, कारण रहा कि हरिजन धर्मशाला में छह बजे के बाद भी लगभग 100 मतदाता अंदर रह गए। जिस, कारण 7:45 तक यहां चुनाव होता रहा। दौराला में 65.82 प्रतिशत मतदान हुआ।

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मतदान समाप्त होने के बाद प्रत्याशी अपने अपने आंकड़े जोड़ते नजर आए। मतदाताओं के चुप्पी साधे रहने के चलते अभी सभी अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे है। परंतु, अंतिम परिणाम 13 मई को देखने को मिलेगा। किसके सिर ताज सजेगा और किसके आंकड़े गलत साबित होंगे।

दावे फेल, मतपेटी में बंद हुई प्रत्याशियों की किस्मत

निकाय चुनाव के दूसरे चरण में 11 मई को हुए मतदान में वोटिंग से पहले सभी प्रत्याशियों ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया हुआ था और रोड शो के बहाने शक्ति प्रदर्शन भी किया था। कस्बे में जगह-जगह चर्चाएं है कि कस्बे में मुकाबला त्रिकोणीय होगा, लेकिन आंकड़ों के अनुसार मुकाबला सीधे दो प्रत्याशियों के बीच नजर आ रहा है। वोटिंग के बाद कुछ प्रत्याशियों के चेहरे मुरझाए हुए नजर आए। वोटिंग के बाद सभी प्रत्याशियों के समर्थक गुणा भाग लगाकर अपने प्रत्याशी की जीत का दावा कर रहे हैं। इस दौरान पुरुष सहित महिलाओं में भी मतदान को लेकर काफी उत्साह दिखाई दिया।

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