- राजधानी में ‘एक शाम शहीदों के नाम’ सीआरपीएफ का ग्रैंड बैंड डिस्प्ले
जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: देश के सबसे बड़े सूबे की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार की शाम उन वीर शहीदों की स्मृति के नाम रही जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस गौरवपूर्ण कार्यक्रम में देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए समर्पित केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के ग्रैंड बैंड ने गौरवान्वित और भावविभोर करने वाली प्रस्तुतियों के माध्यम शहीदों को नमन किया। आयोजन में बोलते हुए मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि देश ही नहीं विश्व के सबसे बड़े आंतरिक सुरक्षा बल पर हम सबको गर्व है।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा ‘एक शाम शहीदों के नाम’ आयोजन की शुरुआत ब्रॉसबैंड की प्रस्तुति ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ से की, इसके बाद कांस्टेबल रुपा ने एकल साँग ‘तेरी मिट्टी’ को भावपूर्ण तरीके से पेश किया।
अगली प्रस्तुति फिर से ब्रासबैण्ड की ओर से थी ‘ कदम-कदम बढाये जा’, इस मनमोहनी धुन ने उपस्थित सभी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में आईजी सेंट्रल सेक्टर सीआरपीएफ प्रकाश डी ने मुख्य अतिथि, राजधानी लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया का स्वागत किया। मेयर संयुक्ता भाटिया आयोजन में पूरे समय उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में एक लघु फ़िल्म के माध्यम से दिखाया गया कि कैसे अपनी स्थापना के बाद सीआरपीएफ की पहली बटालियन ने पहली चुनौती के रूप में उत्तरपूर्व भारत मे नागा विद्रोह का मुकाबला किया। इसके बाद जब अलगाववादी पंजाब में अशांति को फैला चुके थे, तब सीआरपीएफ ने ही वह स्थिति नियन्त्रित की। इतना ही नहीं सीआरपीएफ ने पड़ोसी देशों में जाकर भी देश का मान बढ़ाया।
बल ने श्रीलंका में देश का शौर्य प्रदर्शित किया। जब तारीख इतिहास लिखेगी तब संसद और रामजन्मभूमि पर हुए आतंकी हमले नाकाम किये। आज सीआरपीएफ विश्व की सबसे बड़ी अर्धसैनिक बल के रूप में जनतंत्र की परम सैन्य शक्ति बन चुकी है। 1 बटालियन से शुरू होने वाली सीआरपीएफ आज 243 बटालियन तक पहुंच चुकी है।
निष्ठा के साथ सेवा ही सीआरपीएफ का उद्देश्य: आईजी सीआरपीएफ
एक शाम शहीदों के नाम’ के आयोजन में बोलते हुए मध्य सेक्टर सीआरपीएफ के मुखिया आईजी प्रकाश डी ने कहा कि यह गर्व की बात है कि सीआरपीएफ देश का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा आंतरिक सुरक्षा बल है। 28 दिसंबर 1949 को नीमच राजस्थान में एक बटालियन से शुरू हुआ यह बल आज 243 बटालियन तक बढ़ चुका है। इसमें 6 महिला बटालियन हैं। 15 बटालियन आरएएफ है।
प्रधानमंत्री को छोड़कर देश के लगभग सभी वीवीआईपी की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के पास ही है। सीआरपीएफ की कोबरा फोर्स देश की आंतरिक सुरक्षा के हर खतरे को समाप्त करने के लिए सदैव मुस्तैद है। वर्तमान यह बल देश के नक्सल इलाकों में उनकी समाप्ति के लिए कमर कसे हुए है। सीआरपीएफ का उद्देश्य निष्ठापूर्वक सेवा है। इस बल के 2100 से ज्यादा जवान जिन्हें देश की सेवा में प्राण आहूत कर दिए, हमने उन्ही की याद में यह ‘एक शाम शहीदों के नाम’ आयोजन रखा है।