Thursday, April 18, 2024
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आरोप: पीड़ित ने सोसल मीडिया पर बयां किया दर्द, जानिए

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परिजनों ने हिमालय हॉस्पिटल पर लगाया लापरवाही का आरोप

भामौरी गांव के राजेश्वर की अस्पताल में मौत

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: बुखार के इलाज के लिए भर्ती हुए अधेड़ की सही इलाज नहीं मिलने के कारण मौत हो गई। आरोप है कि अस्पताल में चिकित्सक ने अधेड़ को कोरोना के लक्षण की बात कहते हुए सरकारी अस्पतालों में इलाज की लापरवाही का भय दिखाया।

मामला हाथ से निकला तो परिजन उसे दूसरे अस्पताल ले गए। मगर इसके बाद भी परिजन अधेड़ को नहीं बचा सके। अस्पतालों के चक्कर काटने में अधेड़ की मौत हो गई। इतना ही नहीं मरने के बाद भी आराम नसीम नहीं हुआ। कोरोना के डर से ग्रामीणों ने कंधा देने तक से परहेज कर लिया।

परिवार के लोग जैसे-तैसे शव को श्मशान घाट लेकर गए और अंतिम संस्कार किया। अब मृतक के पुत्र ने सोशल मीडिया पर चिकित्सक की लापरवाही और समाज की बेरुखी को बयां करते हुए अपना दर्द लोगों के सामने रखा है। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने पर अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं।

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दरअसल सरधना के भामौरी गांव निवासी राजेश्वर राणा को बीती तीन अगस्त को हल्का बुखार आया था। राजेश्वर के पुत्र अभिषेक राणा के अनुसार पहले उन्होंने गांव में और फिर सरधना में क्लीनिक पर दवाई ली।

सुधार नहीं होने पर उन्होंने राजेश्वर को हिमालय हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सक ने उनमें कोरोना के लक्षण होना बताया।

आरोप है कि सरकारी अस्पताल में बुरा होने की बात कहते हुए वहीं पर इलाज कराने को परिवार से कहा गया। उन्होंने विश्वास किया और इलाज शुरू कराया।

पांच दिन बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ तो परिजन राजेश्वर को कंकरखेड़ा स्थित अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उन्होंने जांच कराई तो पता चला कि कोरोना तो नहीं है, लेकिन वह डेंगू की चपेट में हैं और प्लेट लेट्स भी काफी कम हो गई हैं।

उपचार के दौरान राजेश्वर की दो दिन पूर्व मौत हो गई। जिससे परिवार में कोहराम मच गया। परिजन शव को लेकर गांव पहुंचे। मगर परिवार के अनुसार ग्रामीणों ने भी शव को कंधा देने से परहेज कर लिया। सभी ने मुंह मोड़ लिया तो परिजन ही किसी तरह शव को श्मशान घाट लेकर पहुंचे और अंतिम संस्कार किया।

अब अभिषेक ने फेसबुक पर चिकित्सक की लापरवाही और समाज की बेरुखी से परिवार ने भी दर्द बयां किया। इतना ही नहीं उसने न्याय की गुहार भी लगाई है। सूचना वायरल होते ही अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं। अधिकारियों ने मामले की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।

कंधा देने कोई नहीं आया

राजेश्वर के पुत्र अभिषेक के अनुसार कोरोना के डर से अपनों ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया। गांव के लोगों ने कंधा देना भी जरूरी नहीं समझा। शव के पास कोई नहीं आया। उसने और उसके जीजा व दोस्त समेत चार लोग किसी तरह शव को श्मशान घाट लेकर पहुंचे और अंतिम संस्कार किया।

राजेश्वर का पहले नगर में एक क्लीनिक पर उपचार चल रहा था। वहां आक्सीजन टूटने के कारण चिकित्सक ने यहां अस्पताल में भेजा था। आॅक्सीजन नहीं रुकने के कारण हमने उन्हें आगे रेफर कर दिया था। यदि किसी जांच रिपोर्ट में गड़बड़ है तो यह लैब की गलती होगी। हमारे द्वारा सही इलाज किया गया है। हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।
-डा. ओमकार पुंडीर, संचालक हिमालय हॉस्पिटल

भामौरी गांव के एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। पता चला है कि राजेश्वर को बुखार की शिकायत थी।
-डा. राजेश कुमार, प्रभारी सीएचसी सरधना

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