Home Uttar Pradesh News Meerut गुपचुप टोल एक्सटेंशन की तैयारी

गुपचुप टोल एक्सटेंशन की तैयारी

0
गुपचुप टोल एक्सटेंशन की तैयारी
  • टोल ठेके को लेकर जताई जा रही है टकराव की आशंका, कैंट विधायक को झटके की तैयारी
  • ठेकेदार से बकाये की रिकवरी पर कैंट प्रशासन की चुप्पी
  • ठेकेदार ने मांगी सात माह के लिए एक्सटेंशन, बोर्ड में रखा जाएगा प्रस्ताव

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: 7 दिसंबर को टोल ठेका खत्म नहीं होने जा रहा है बल्कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो इसको और सात माह के लिए एक्सटेंशन दे दिया जाएगा। हालांकि इसको लेकर टकराव के भी आसार की आशंका जतायी जा रही है। वहीं दूसरी ओर टोल ठेके की समयावधि को बढ़ाया जाने को कैंट विधायक को एक बडे झटके के रूप में देखा जा रहा है।

रंगीन होगी दीपावली

टोल ठेके के एक्सटेंशन की भनक लगते ही ठेकेदार से सौदेबाजी की बात भी सुनने में आ रही है। बोर्ड के कुछ भाजपाई मैंबर इसमें आगे बताए जा रहे हैं। यदि सब कुछ तय शुदा योजना के अनुसार हुआ है सब ओर से सहमति बन गयी तो फिर सभी की दीपावली का रंगीन होना फिर तय है। इसके लिए हाथ पांव मारने शुरू कर दिए गए हैं।

रिकवरी पर चुप्पी

टोल ठेकेदार को एक्सटेंशन की जहां तैयारी की जा रही है वहीं दूसरी ओर उस पर बकाया बताया जा रहा करीब 2.80 करोड़ की रिकवरी पर चुप्पी साध ली गयी है। यह राशि लॉकडाउन की अवधि की है।

पेमेंट पर कलम फिरवाने का प्रयास

इतना ही नहीं ठेके की अवधि को बढ़ाने की कोशिशों के अलावा 2.80 करोड़ की बकाया रकम पर भी कलम फिरवाने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए आवेदन किया गया है। इस आवेदन के साथ हाईवे अथारिटी व रोडवेज अधिकारियों से कुछ पत्र हासिल कर लिए गए हैं। जिनको आधार बनाकर पूरी रकम या फिर कम से कम आधी रकम माफ कराने का प्रयास है। बताया जाता है कि इसका रास्ता बोर्ड के रेवेन्यू के मठाधीशों ने दिखाया है।

ठेका निरस्त का प्रावधान

टोल ठेके में प्रावधान है कि यदि ठेकेदार नियमित रूप से तय की गयी रकम लगातार सात दिन तक नहीं जमा कराते हैं तो उक्त ठेके को निरस्त करने का अधिकारी कैंट प्रशासन को है। इसका उल्लेख ठेके की शर्तों में भी किया गया है। लेकिन रेवेन्यू सेक्शन को बोर्ड के खजाने से ज्यादा ठेकेदार की चिंता अधिक नजर आती है।

मोर्चा खोलने की तैयारी

वहीं दूसरी ओर अब ठेके को लेकर टकराव की आशंका भी नजर आने लगी है। ठेकेदार से हमदर्दी रखने वालों ने प्रचारित करना शुरू कर दिया है कि यदि ठेका नहीं छोड़ा गया तो वेतन के लाले पड़ जाएंगे। इसके लिए सफाई व अन्य कर्मचारियों को आगे कर मोर्चा खोले जाने की तैयारी है।

मुसीबत बनेगा मुद्दा

नया ठेका छोड़ने के बजाए यदि वर्तमान ठेके की अवधि को बढ़ाया जाता है तो यह कैंट विधायक को झटका देने की तैयारियों के तौर पर देखा जा सकता है। जानकारों का मानना है कि विधायक मवाना रोड, दिल्ली रोड और रुड़की रोड के टोल पाइंट हटाने की मांग कर रहे हैं। पीडब्ल्यूडी व प्रदेश सरकार उनके साथ है। नया ठेका छोडेÞ जाने की स्थिति में यह मुददा कैंट प्रशासन व बोर्ड के भाजपाई खेमे के लिए मुसीबत बनेगा। इससे बचने के लिए ही एक्सटेंशन दिए जाने का फार्मूले पर काम किया जा रहा है।

5.11 करोड़ प्रतिदिन का नया ठेका

वहीं दूसरी ओर यदि नया ठेका छोड़ा जाता है तो इसमें कैंट बोर्ड को सालाना करीब 18.5 करोड़ की आमदनी होगी। खजाने की जो स्थिति फिलहाल बनी हुई है उसको देखते हुए बोर्ड के भाजपाई सदस्य भी विधायक की नाराजगी के इतर चाहते हैं कि सभी प्वाइंटों को ठेके में शामिल किया जाए। जबकि विधायक इस मामले में जनहित को तरजीह दे रहे हैं।

बोर्ड बैठक का इंतजार

कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल का कहना है कि बोर्ड की बैठक का इंतजार किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी की सड़क पर कैंट बोर्ड ठेका नहीं छोड़ सकता है। मवाना रोड, दिल्ली रोड व रुड़की रोड पर ठेका जनहित में नहीं। वह स्वयं भी जनहित के साथ हैं।

रेवेन्यू सेक्शन व प्रवक्ता काट रहे कन्नी

टोल ठेके पर एक्सटेंशन पर जब कैंट बोर्ड के रेवेन्यू सेक्शन हैड किरनबाला व ओएस जयपाल तोमर से पूछा गया तो उनसे बात नहीं हो सकी। कई बार प्रयास किए जाने के बाद भी काल को रिसीव नहीं किया गया। जिसकी वजह से बोर्ड प्रशासन का पक्ष नहीं पता किया जा सका।