- एग्जिट पोल आने के बाद किसानों की तनी भौंहे, किसान आज से डालेंगे डेरा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एग्जिट पोल आने के बाद किसानों की भौंहे तन गई हैं। मतगणना निष्पक्ष हो, इसको लेकर किसानों का मतगणना स्थल पर डेरा लगेगा। इसका आह्वान पहले ही भाकियू के राष्टÑीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत भी कर चुके हैं, जिसके बाद से ही ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की पंचायतों का सिलसिला चल रहा है। किसानों ने ट्रैक्टरों में डीजल भी फुल करा लिया हैं तथा बुधवार से किसान मतगणना स्थल पर डेरा लगाना आरंभ कर देंगे।
किसानों को प्रशासन पर कतई विश्वास नहीं है कि मतगणना निष्पक्ष होगी। क्योंकि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सरकारी सिस्टम की जो भूमिका रही, उससे विश्वास टूटा हैं, जिसके बाद ही किसानों का रैला मतगणना स्थल पर पहुंचेगा, जिसके बाद मतगणना के दौरान कोई ऊच-नीच होती है तो किसानों और प्रशासन के बीच टकराव के हालात पैदा हो सकते हैं, जिसके बाद कानून व्यवस्था बिगड़ सकती हैं। क्योंकि किसान इस मुद्दे पर किसी की सुन नहीं रहे हैं।
हालांकि डीएम के.बालाजी और एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने किसान नेताओं से बातचीत भी की, लेकिन किसान मतगणना स्थल पर जाने के लिए अडिग हैं। हालात टकराव के भी बन सकते हैं। अब प्रशासन किसानों से किस तरह से निपटेगा, अभी यह कहना मुश्किल होगा, लेकिन हालात टकराव के बनते हुए नजर आ रहे हैं। भाकियू के राष्टÑीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पश्चिमी यूपी के किसानों का पहले ही आह्वान कर मतगणना स्थल पर डेरा लगाने की बात कह चुके हैं। उनके इस आह्वान के बाद ही ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार किसानों की पंचायत हो रही हैं।
किसानों को प्रशासन पर कतई भरोसा नहीं हैं। पथौली, करनावल, रोहटा, भलसौना, सरूरपुर खुर्द, छुर, दौराला, चिदौड़ी, मवाना समेत कई स्थानों पर किसानों की पंचायत होने की सूचना मिली हैं। इन पंचायतों की खबर एलआईयू ने भी आला अफसरों को पहुंचा दी हैं। किसान, प्रशासन के लिए बड़ी मुसीबत भी बन सकते हैं। इसमें प्रशासन को किसानों से बातचीत के जरिये सौहार्द पूर्ण माहौल में ही बातचीत करनी होगी, तभी इस समस्या से निपटा जा सकता है।
9 और 10 को मतगणना स्थल पर किसान लाएंगे पंचायत
भाकियू के राष्ष्टÑीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान के बाद किसानों ने मतगणना स्थल के लिए कमर कस ली हैं। किसानों की मंगलवार को पंचायत हुई, जिसमें निर्णय लिया गया कि मतगणना स्थल पर किसान पहुंचेंगे। मतगणना में विलंब व धांधली की तो सीधे किसानों ने प्रशासन से निपटने का ऐलान कर दिया हैं। किसानों के तेवर उग्र दिखाई देने लगे हैं। प्रशासन की निष्पक्षता को लेकर किसानों को भरोसा नहीं हैं। जैसे-जैसे विधानसभा प्रत्याशियों की वोट खुलने का समय आया रहा है, उसी तरह किसान सर्तक हो रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आह्वान पर 9 और 10 मार्च को मतगणना स्थल पर पहुंचने का आह्वान किया गया था। इसी को लेकर भारतीय किसान यूनियन नेता राजकुमार करनावल ने कहा कि 9 और 10 तारीख को किसान गन्ने की तोल व छ़ोल बंद करके मतगणना स्थल पर पहुंचेंगे।
कंकरखेड़ा स्थित कपिल मलिक के आवास पर किसानों की मीटिंग हुई, जिसमें कहा कि अब किसान एग्जिट पोल के बहकावे में नहीं आएगा, जो भी परिणाम 10 तारीख को आएंगे, उन पर भरोसा नहीं करें। उन्होंने कहा कि वह नहीं भूले हैं कि किसानों पर झूठे आरोप लगाए गए थे। वह वादे भी नहीं भूले हैं कि किसानों की दोगुनी आय करेंगे। उन्होंने कहा कि मतगणना स्थल पर किसान भारी संख्या में पहुंचे। इसकी तमाम तैयारी किसानों ने कर ली हैं।
एग्जिट पोल मानसिक दबाव बनाने का तरीका: जयंत सिंह
राष्टÑीय लोकदल राष्टÑीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने ट्यूटर पर ट्यूट करते हुए कहा कि जब तक ईवीएम खुल नहीं जाती, किसी को भी नतीजे पता नहीं चल सकते। एग्जिट पाल की एक प्रक्रिया होती हैं,
पोलिंग बूथों पर किसी एक्जिट पोल के व्यक्ति को नहीं देखा गया, पता नहीं उनको डाटा कहां से मिला हैं। ये एक नजरिया है और मैं इसमें सहमत नहीं हूं। ये मानसिक दबाव बनाने का तरीका हैं।