Saturday, July 27, 2024
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हनीट्रैप में फंस रहे युवा, लूटा रहे पैसे

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  • ठगी के बाद शिकायत करने से भी कतराते हैं पीड़ित
  • 65 दिन में साइबर सेल में पहुंचे है 16 केस

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मौजूदा दौर में अपराधी भी आधुनिक हो गए हैं। साइबर ठग फोन से लेकर सोशल मीडिया तक को हथियार बनाकर ठगी को अंजाम दें रहे हैं। इन साइबर ठगों का निशाना वह लोग होते हैं जो सतर्क नहीं रहते हैं। महिलाओं का गैंग फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर मैसेंजर के माध्यम से हनीट्रैप करके ठगी कर रहा है।

शहर से लेकर गांव-देहात तक नए-नए तरीकों से साइबर ठग आम इंसान की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं। आसपास के जनपदों में भी साइबर अपराध में अब हनीट्रैप के मामले सामने आ रहे हैं। महिलाओं का गैंग फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर मैसेंजर के माध्यम से हनीट्रैप के जरिए ठगी कर रहे हैं। साइबर सेल इकाई की तरफ से लगातार आम लोगों को हनीट्रैप और अन्य माध्यमों से लूटे जा रहे पैसे को लेकर अलर्ट किया जा रहा हैं। इसके बावजूद साइबर अपराध में कमी नहीं आ रही हैं।

साइबर ठगों ने बिछाया हनीट्रैप का जाल

साइबर क्राइम में महिलाएं फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर उस फेसबुक आईडी पर किसी अन्य महिला का फोटो लगाकर मैसेंजर के माध्यम से युवाओं को मैसेज भेजती है। इसके बाद युवाओं को अपने प्रेमजाल में फंसाने का नाटक करने के बाद उनसे अश्लील बातें करती हैं। जिसके बाद स्क्रीन रिकॉर्डर के माध्यम से उन बातों को रिकॉर्ड कर उनके परिवार के सदस्यों को भेजने की धमकी देकर उनसे पैसे ऐंठती है।

65 दिन में साइबर सेल में पहुंचे है 16 केस

साइबर सेल प्रभारी की मानें तो एक जनवरी से अब तक हनीट्रैप के 16 केस आ चुके है। यही नहीं कुछ लोग तो ऐसे है जो ठगी का शिकार होने के बाद शर्म के मारे शिकायत करने से भी कतराते हैं। ऐसे में युवाओं को अनजान लोगों से सचेत रहने की जरुरत हैं। हालांकि साइबर सेल की टीम हनीट्रैप से जुड़े लोगों को ट्रेस करने का भरसक प्रयास करती है और ठगी के शिकार लोगों के पैसे भी रिफंड करा रही है।

अनजान लोगों को आॅडियो-वीडियो कॉल न करें

साइबर एक्सपर्ट बताते है कि सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें। नेट बैंकिंग का पासवर्ड मजबूत रखें, उसे नियमित अंतराल पर बदलते रहें7 साइबर कैफे या किसी अन्य व्यक्ति के कंप्यूटर पर नेट बैंकिंग से बचें। ईमेल या मैसेज में आए लिंक पर क्लिक कर बैंक की वेबसाइट ना खोलें। हमेशा ब्राउजर के एड्रेस बार में जाकर बैंकिंग डोमेन नेम को टाइप करें। कंप्यूटर में हमेशा ओरिजिनल एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।

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