Tuesday, April 16, 2024
- Advertisement -
HomeDelhi NCRआंदोलन: 73वें दिन भी गाजीपुर प्रदर्शन स्थल पर किसानों के हौसले बुलंद

आंदोलन: 73वें दिन भी गाजीपुर प्रदर्शन स्थल पर किसानों के हौसले बुलंद

- Advertisement -

जनवाणी संवाददाता |

गाजीपुर बॉर्डर: गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन में 73वें दिन शनिवार को भी किसानों में भरपूर जोश देखने को मिला। तेज धूप होने के पश्चात भी प्रदर्शन स्थल पर भारी संख्या में महिलाओं के साथ साथ पुरुष प्रदर्शनकारी किसान मौजूद उपस्थित रहे। एवं विभिन्न वक्ताओं की बातों को सुनते रहे।

प्रदर्शनकारियों को संबोंधित कर रहे विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन प्रत्येक गांव प्रत्येक किसान से जुड़ा हुआ है। इसलिए जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, तब तक हम इस स्थल से नहीं उठेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द इसका समाधान निकालते हुए इस कानून को वापस ले। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी किसानों से जुड़े मुद्दों पर सरकार पहले बात करे उसक बाद ही इस तरह के कानून बनाएं।

48 4

इस कानून से मिलेगा जमाखोरी को बढ़ावा

हर बार देखा जाता है कि जमाखोरी के बाद सब्जियों के दाम में उछाल आता है। हालांकि अभी कानून के तहत जमाखोरों पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन इस कानून के तहत जमाखोरी करने वालों का बचाव हो जाएगा और वह अनाज की जमाखोरी करते हुए आम जनता को मनचाहे रेट पर बेंचेगे। जिससे किसानों के साथ-साथ आम जनता को परेशानियों का सामना करना पडेगा।

सरकार को अगर किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है तो किसानों से मन की बात की तरह कार्यक्रम आयोजित कर वार्ता करे। उसके पश्चात किसानों के सुझावों के अनुसार कार्य करते हुए किसानों के हितों के लिए कदम उठाएं। लेकिन उसके लिए सरकार को किसानों से बात करनी आवश्यक है।

क्योंकि जिसकी आर्थिक स्थिति सुधारनी है अगर उसको ही ऐसे गतिविधि का पता ना हो तो फिर ऐसे कानून का क्या फाएदा। इसलिए सरकार इस कानून को जल्द से जल्द वापस लेते हुए किसानों हितों का भरपूर ध्यान रखे। अन्यथा यह आंदोलन इसी प्रकार शांति पूर्ण तरीके से चलता रहेगा। किसान कभी भी अंशाति वाला रास्ता नहीं अपनाता।

हम भी किसान पुत्र, इसलिए दे रहे समर्थन: पूर्व सैनिक

43 4

हम भी किसानों के पुत्र हैं, ऐसे में जब हमारे माता-पिता ही बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो हम अपने घर में कैसे रह सकते हैं। यह बात शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में जनवाणी टीवी से पर चर्चा करते हुए दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले पूर्व सैनिकों ने कही। उन्होंने जनवाणी टीवी से खास बातचीत करते हुए कहा कि जब किसान इन कानून से संतुष्ट नहीं है तो सरकार क्यों इस कानून किसानों को देना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द किसानों की मांगों को मानते इस कानून को वापस लेना चाहिए। जिससे यह प्रदर्शन समाप्त हो और सभी किसान अपने घर जाए।

तीन साल को ठंडे बस्ते में कानून डाले सरकार

पूर्व सैनिकों ने कहा कि अगर सरकार इस कानून को निरस्त नहीं करना चाहती। सरकार इस बिल को डेढ़ साल के लिए विराम लगा सकती है तो फिर तीन साल के लिए ठंडे बस्ते में डाल दे। जिसके पश्चात 2024 के लोकसभा चुनाव में किसानों के बीच जाकर चुनावी मेनिफेस्टो में इस मुद्दे को शामिल करते हुए चुनाव लड़े। उसके पश्चात किसानों का जो मत होगा उसके अनुरूप सरकार आगे की कार्रवाई करे।

47 4

उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दों पर सरकार को जनता से बात करने के पश्चात ही कोई कानून पास करना चाहिए। बता दें कि गाजियाबाद गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को पूर्व सैनिक के वेटिरेशन एसोएिसशन के पदाधिकारियों द्वारा भी समर्थन दिया जा रहा है। जिसमें वह एक तंबू लगाकर धरना प्रदर्शन में ही शामिल रहते है। इस एसोएिसशन में बीएसएफ, सेना एवं अन्य फोर्स के पूर्व सैनिक शामिल हैं।

आइ लव किसान के बैज बने आकर्षण का केंद्र

46 5

21वीं सदी के दौर में कोई भी कार्यक्रम हो या फिर आंदोलन हो उसके लिए प्रचार-प्रसार की आवश्यकता होती है। क्योंकि बिना प्रचार- प्रसार के कोई भी कार्य विशाल रुप में आयोजित हो पाना संभव नहीं। इसी तरीके से गाजीपुर बॉर्डर पर 73वें दिन से चल रहे किसानों के प्रदर्शन को विराट रूप से संचालित किया जा रहा है। जिसमें प्रदर्शनकारियों में जोश भरने के लिए मंच व सांउड का बेहतर उपयोग किया जा रहा है।

वहीं, प्रदर्शन स्थल के आसपास क्षेत्र भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद और कानून वापस लो के समर्थन के पोस्टरों से भरा हुआ है। वहीं दूसरी ओर आइ लव किसान, भारतीय किसान यूनियन, तिरंगे में बनी हुई टोपिया एवं अनेक प्रकार की सामग्री की जमकर बिक्री हो रही।

जिसमें कि प्रदर्शन में प्रतिभागिता कर रहे युवाओं के साथ-साथ बुजुर्ग किसानों में विभिन्न बैज की तरफ आकर्षण देखा जा रहा है। हर कोई बैज को लगाकर प्रदर्शन में अपनी सहभागिता निभा रहा है । इतना हीं नहीं सभी तरह के वाहनों के लिए भी विशेष तरह के स्टीकर बने हुए है। जिनको लगाकर हर कोई किसानों के प्रति अपने स्नेह को जताकर समर्थन कर रहा है।

हर वर्ग के लोग कर रहे लंगर में सेवा

45 4

गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के 73वें दिन भी किसानों में भरपूर जोश देखने को मिल रहा है। जिसमें एक तरफ प्रदर्शन स्थल पर किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर किसान भूखे न रहे, उसके लिए विभिन्न लंगर का भी आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सेवादार प्रतिदिन आकर अपनी सहभागिता निभा रहे हैं।

बुजुर्गों के साथ बच्चे भी कर रहे कार्य

इतना ही नहीं लंगर सेवा में भारतीय संस्कृति का भी बेहतर सहयोग देखने को मिल रहा है। इसमें तीन पीढ़ियां के लोग एक साथ लंगर सेवा में किसानों को समय पर भोजन उपलब्ध कराने की लिए सेवा भाव से लगे हुए हैं। इसी तरह के एक लंगर में जनवाणी टीवी ने निरीक्षण किया। लंगर में छोटे-छोटे बच्चे एवं उनकी माताएं अपने परिवार के साथ भोजन से संबंधित सामाग्री को तैयार करने में लगी हुई थी।

जनवाणी टीम ने जब उनके बात की तो बच्चों ने बताया कि वह पहले तो हर रोज आकर अपने माता-पिता के साथ सुबह से शाम तक कार्य में हाथ बटाते थे, लेकिन अब स्कूल खुल गए है। ऐसे में वह दो से तीन घंटे आकर यहां अपनी सहभागिता निभाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हे अच्छा लगता है। इन लंगर में जहां किसानों को पर्याप्त मात्रा में स्नेह के साथ लंगर कराया जाता है। वहीं गरीब वर्ग के लोग भी प्रतिदिन इन लंगर के माध्यम से अपने जीवन को यापन कर रहे हैं। हालांकि लंगर में लगे बुजुर्गों ने कहा कि अब सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए।

फूलों के पौधे को लेकर खड़े बॉर्डर पर किसान

44 3

गाजीपुर बॉर्डर के समीप दिल्ली की तरफ जाने वाले रास्ते पर जिला प्रशासन द्वारा चार से पांच चरणों में क्रमबद्ध तरीके से बैरिकेंडिग की है। जिसमें प्रत्येक बैरिकेडिंग के खाली स्थान पर जवानों की टीम को तैनात किया है। ताकि प्रदर्शन कर रहे किसानों का कारवां दिल्ली की तरफ न बढ़े। इतना हीं नहीं गाजीपुर बॉर्डर पर किलो से रास्ते को बंद भी किया था। हालांकि आलोचना होने के पश्चात कुछ स्थानों से नुकीली कीलो को हटा लिया गया।

इसके पश्चात किसानों द्वारा उन कीलों के स्थान पर किसानों ने स्थान पर मिट्टी डालकर पौधों को लगाया। इसी क्रम में शनिवार को गाजीपुर बॉर्डर पर जहां पर पुलिस प्रशासन द्वारा बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी एवं भारी मात्रा में फोर्स मौजूद है। उस स्थान पर किसान फूलों का पौधा लेकर हाथ में खड़े हुए है। जब जनवाणी की टीम ने किसानों पौधे को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि जवान भी हमारी संतान है।

एक तरफ हम अपने खेती को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे है। वहीं हमारी संतान फोर्स के जवान अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। इसलिए वह यहां पर फूलों का पौधा लेकर खड़े है। जिससे अगर जवानो का कारवां किसानों के प्रदर्शन की तरफ आएगा तो उन सभी का सम्मान करते हुए फूलों के पौधे उपहार स्वरूप देंगे। उन्होंने कहा कि उनका प्रदर्शन पूर्ण रूप से शांतिप्रिय है।

ऐसे में वह इस बात का विशेष ख्याल रखते है। उन्होंने कहा कि वह प्रदर्शन के दौरान असमाजिक लोगों का भी भरपुर ध्यान रखते हैं। जिससे किसानों की छवि को कोई असामाजिक तत्व धूमिल न कर सके। उन्होंने कहा कि इतने दिन से सरकार से किसान कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अब सरकार को किसानों की मांग को पूरी कर देना चाहिए।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments