Wednesday, September 18, 2024
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करेले की खेती में किसानों को मिलेगा ज्यादा मुनाफा

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किसान अधिक मुनाफा पाने के लिए अपने खेत में सीजन के अनुसार फसल को उगाते हैं, ज्यादातर यह देखा गया है कि गर्मियों के मौसम में बाजार में सब्जियों की मांग काफी अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि गर्मियों का सीजन ऐसा होता है कि इसमें सब्जियों की आवक बेहद कम हो जाती है, जिसका असर बाजार में देखने को मिलता है। मंडियों में सब्जियों के दाम काफी अधिक हो जाते हैं, ऐसी स्थिति में किसान अपने खेत में सब्जियों की खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए वह अपने खेत में भिंडी, तोरई, घीया, टिंडा, खीरा, ककड़ी और करेले की खेती कर सकते हैं।

किसान भाइयों के लिए करेले की खेती सबसे लाभदायक खेती में से एक है, क्योंकि इसकी खेती को एक साल में दो बार आसानी से किया जा सकता है।

करेले की सब्जी पर एक नजर

करेला अपने कड़वेपन और कुदरती गुणों के कारण बाजार में जाना जाता है। बता दें कि यह सब्जी स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद सब्जियों में से एक है। भारत में इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे कि- कारवेल्लक कारवेल्लिका करेल करेली तथा करेला आदि लेकिन इनमें से करेला नाम सबसे अधिक लोकप्रिय है।

जाल विधि का करें इस्तेमाल

करेले की खेती के लिए जाल विधि सबसे उत्तम मानी जाती है, क्योंकि इसकी विधि से करेले की फसल से अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। किसान इस विधि में अपने पूरे खेत में जाल बनाकर करेले की बेल को फैला देता है। इस विधि से फसल पशुओं के द्वारा नष्ट नहीं होती है और साथ ही बेल वाली सब्जी होने के कारण यह जाल में अच्छे से फैल जाती है। इस विधि की सबसे अच्छी खासियत यह है कि किसान इसे नीचे क्यारियों की खाली जगह पर धनिया और मैथी जैसी अतिरिक्त सब्जियों को उगा सकते हैं।

ग्रीनहाउस और पॉली हाउस विधि

इन दोनों विधि के द्वारा किसान किसी भी समय अपने खेत में करेले की खेती से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। देखा जाए तो आज के समय में ऐसी नई किस्में भी बाजार में मौजूद हैं। जिससे किसान सर्दी गर्मी और बारिश तीनों ही मौसम में उगा सकते हैं।

प्रमुख किस्में

फैजाबाद स्माल, सुपर कटाई, सफेद लांग, आॅल सीजन, जोनपुरी, झलारी, हिरकारी भाग्य सुरूचि, मेघा-एफ 1, वरून-1 पूनम, तीजारावी, अमन नं.- 24, नन्हा क्र.- 13, पूसा संकर 1, पीवीआईजी 1, आरएचबीबीजी 4, केबीजी 16, फैजाबादी बारह मासी, अर्का हरित, पूसा 2 मौसमी, कोयम्बटूर लौंग, सी 16, पूसा विशेष, कल्याणपुर बारह मासी, हिसार सेलेक्शन।

खेती के लिए उचित विधि

करेले की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को इसकी खेती बलुई दोमट मिट्टी में करनी चाहिए। इसके साथ ही अच्छे जल निकास वाली भूमि को चुनें। इस बात का भी ध्यान रखें कि खेत में जलभराव वाली स्थिति ना बने। ऐसा करने से करेले की खेती को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। करेले की खेती में बीज बुवाई का भी ध्यान रखें। इसके लिए खेत में बीजों को 2 से 3 इंच गहराई पर ही बुवाई करें और नालियों की दूरी लगभग 2 मीटर व पौधों की दूरी 70 सेंटीमीटर रखें।

करेले की खेती में लागत व मुनाफा

अगर आप अपने खेत के 1 एकड़ में करेले की खेती करना शुरू करते हैं तो आपको करीबन 30 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ेंगे। खेत में ऊपर बताई गई तकनीकों का इस्तेमाल करें तो आप प्रति एकड़ लगभग 3 लाख रुपए तक का मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं, आप अपनी लागत से 10 गुना अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ. रजनी सिंह सासोड़े, अनुप्रिया प्रहलाद , प्रथम कुमार सिंह, डॉ. प्रद्युम्न सिंह


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