- सीएसआईआर नेट परीक्षा में नकल कराने वालों ने एनएसईआईटी कंपनी के सर्वर आॅपरेटर को दिया था लालच
- कई अन्य पर शिकंजे की तैयारी में एसटीएफ, फरार अभियुक्तों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सीएसआईआर नेट परीक्षा नकल कांड में शामिल 23 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सात को गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। इनमें एसटीएफ के छापे के दौरान मौके से गिरफ्तार किए गए टीसीएस के तीन कर्मचारियों के अलावा चार परीक्षार्थी भी शामिल हैं। एसटीएफ ने इस मामले में शनिवार को गिरफ्तार किए गए विनीत, अरुण, अंकुर, अंकित, ज्योति, मोनिका एवं तमन्ना को न्यायालय में पेश किया।
जहां से न्यायालय ने सातों आरोपियों को 14 दिन के न्याय हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया। एसटीएफ व जानी पुलिस ने गिरफ्तार लोगों को लेकर अदालत पहुंची तो वहां पहले से काफी भीड़ जमा हो गयी थी। अदालत में पेश करने और वहां से उन्हें जेल तक पहुंचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। अदालत में पेशी के वक्त परीक्षार्थियों के परिजन भी पहुंचे थे, लेकिन वो मीडिया से बचते रहे। सामने नहीं आए। जिस वक्त परीक्षार्थियों को अन्य आरोपियों के साथ जेल भेजा जा रहा था वो बुरी तरह से परेशान थी। जबकि दोनों युवतियों की आंखें नम थीं।
सुभारती यूनिवर्सिटी का आईटी मैनेजर निकला नकल कांड का मास्टर माइंड
सुभारती में करायी गई सीएसआईआर नेट परीक्षा में नकल का असली मास्टर माइंड सुभारती यूनिवर्सिटी का आईटी मैनेजर अरुण शर्मा निकला। एक झटके में अकूत संपत्ति कमाने के लिए ही उसने एनएसईआईटी कंपनी के सर्वर आपरेटर से संपर्क किया था और उसको भी मोटी रकम का लालच देकर अपने साथ साजिश में शामिल कर लिया। याद रहे कि सीएसआईआर नेट परीक्षा का आयोजन एनएसईआटी कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। लेकिन नकल माफियाओं ने उस कंपनी द्वारा तैयार किए गए परीक्षा सिक्योरिटी सिस्टम में सेंधमारी करने के लिए सर्वर आपरेटर से हाथ मिला लिया।
जिसके जिम्मे थी सिक्योरिटी वही गया बिक
पूछताछ में आरोपियों ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सुभारती स्थित 6 लैब में यह परीक्षा एनएसईआईटी कराई गई, जिसके लिए दो नोड सिस्टम तैयार किए, एक नोड से 3 लैब कनेक्ट की। कंपनी ने इसके लिए अंकुर सैनी व राहुल को निगरानी की जिम्मेदारी दी। इन्हें एक्जाम सॉफ्टवेयर को लैब के सिस्टम से रन कराने के लिए एक-एक बूटेविल पेन ड्राइव दी गयी। राहुल के जिम्मे 1,2,3 व अंकुर सैनी 4,5 व 6 लैब की जिम्मेदारी संभल रहा था।
हैकिंग के लिए तैयार किए गए सिस्टम में कंपनी के द्वारा दी गयी पेन ड्राईव की जरूरत थी। इसके लिए सुभारती के आईटी मैनेजर अरुण शर्मा ने एनएसईआईटी के सर्वर आपरेटर अंकुर सैनी को लालच देकर पेन ड्राइव हासिल की व राहुल की पेन ड्राइव चोरी से उसके नोड सिस्टम से निकाल दी। अंकुर सैनी के जिम्मे सिस्टम की सिक्योरिटी थी लेकिन अरुण शर्मा के हाथों उसने जमीर का सौदा कर लिया।
इंसानी दिमाग ने दे डाला मशीन को धोखा
कंपनी की दोनों पेन ड्राईव एक-एक कर सुभारती के आईटी मैनेजर ने तैयार किए गए अपने सीपीयू में लगायी और एनी डेस्क सॉफ्टवेयर के द्वारा अजय उर्फ बच्ची निवासी झज्जर हरियाणा ने इसक बूटेविल पेन ड्राईव में कोई अन्य फाइल इंस्टाल की, जिससे परीक्षार्थी के क्लाइंट कंप्यूटर की कनेक्ट डिस्प्ले को कंपनी का सर्वर ना पकड़ सके। या यूं कहें कि शातिर इंसानी दिमाग ने मशीन को धोखा दे डाला। अरुण शर्मा ने दोनों पेन ड्राइव निकाल कर अंकुर सैनी को वापस लैब-4 के मास्टम कंप्यूटर में लगाने को दे दी थीं व दूसरी पेन ड्राइव लैब-1 के मास्टर कंप्यूटर में लगा दी गई।
पुख्ता था चेकिंग से बचने का इंतजाम
परीक्षा के दौरान चेकिंग से बचने का भी पुख्ता इंतजाम किया गया था। चेकिंग होने की दशा में तय किया गया था कि अरुण शर्मा अपने साथियों के मोबाइल पर स्टार्ट या स्टॉप का मैसेज भेज देता था और कुछ देर के लिए काम बंद कर दिया जाता था। ऐसा इसलिए ताकि परीक्षार्थी पकडेÞ ना जा सकें। यह भी खुलासा हुआ है कि अरुण शर्मा को दीपक, अजय, मोनू, मनीष, अनिल राठी प्रति अभ्यार्थी पचास हजार रुपए देते थे। जिसमें से वह सुभारती के कंप्यूटर लैब असिटेंट विनीत कुमारव एनएसईआईटी कंपनी के सर्वर आपरेटर अंकुर सैनी को दस-दस हजार प्रति अभ्यार्थी दिया करता था। इन सभी के खिलाफ थाना जानी में आईटी समेत कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सुभारती ने अरुण शर्मा को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
नकल के लिए तैयार किया सीपीयू
एसटीएफ मेरठ यूनिट के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय के आईटी मैनेजर अरुण शर्मा ने अपने साथियों से मिलकर अनलाधिकृत रूप से अपने रूम में एक सीपीयू तैयार कर लिया, जिसे लैब व सर्वर के नेटवर्क से कनेक्ट कर रखा तथा तथा जिन अभ्यार्थियों की परीक्षा का प्रश्न पत्र हल कराना होता था उनकी परीक्षा के लिए आवंटित किए गए सिस्टम का आईपी एडेÑस लैब में मौजूद विनीत कुमार लैब असिस्टेंट सुभारती यूनिवर्सिटी व अकुंर सैनी सर्वर आॅपरेटर एनएसईआईटी कंपनी की मदद से पता करके परीक्षा केंद्र के बाहर बैठे अपने साथियों को बता देता था। जो सीपीयू तैयार किया गया था उसका एक्सेस भी रिमोट एक्सेस टूल एनीडेक्स के माध्यम से अजय उर्फ बच्ची को दे देता था। वो बाहर बैठकर एनीडेक्स की मदद से आईपी के जरिये तैयार किए गए सिस्टम के माध्यम से अभ्यार्थियों को प्रश्न पत्र हल कराते थे।
ये गए हैं जेल
- अरुण शर्मा पुत्र राजेन्द्र निवासी सैदगढ़ी थाना अहमदगढ़ बुलंदशहर (सुभारती आईटी मैनेजर)
- विनीत कुमार पुत्र टीका राम निवासी मवीमीरा थाना दौराला (सुभारती कंप्यूटर लैब सहायक)
- अंकुर सैनी पुत्र घनश्याम सैनी निवासी नूरनगर थाना ब्रह्मपुरी (एनएसईआईटी कंपनी का सर्वर आॅपरेटर)
- अंकित पुत्र अनिल निवासी डोकी थाना दादरी झज्जर हरियाणा (अभ्यार्थी)
- तमन्ना पुत्री विरेन्द्र पाल निवासी ओमेक्स सिटी रोहतक हरियाणा (अभ्यार्थी)
- मोनिका कुमारी पुत्री सत्यवीर सिंह निवासी ग्राम माइना थाना कोतवाली जनपद राहत (अभ्यार्थी)
- ज्योति पुत्री नरेश निवासी सांपला रोहतक (अभ्यार्थी)