- दिनभर कोहरे जैसा असर होने से कम हुआ तापमान
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: दिनभर कोहरे जैसे असर होने के चलते सर्दी का असर ज्यादा रहा। कोहर के चलते धूप कम दिखी। जिस कारण से दिन में भी शहरवासी ठिठुरते हुए नजर आए। अभी कोहरे के साथ ठंड परेशान करेगी और तापमान में गिरावट आएगी। वेस्ट यूपी में सर्दी का असर तेजी से बढ़ता जा रहा है। बढ़ती ठंड के चलते दिन का तापमान 20 डिग्री से नीचे आ गया। दो दिन से लगातार तापमान गिरने के कारण मौसम ठंडा बना हुआ है।
सुबह के समय कोहरा इतना ज्यादा था कि थोड़ी दूरी पर भी कुछ नहीं दिख रहा था। कोहरे के ज्यादा होने के चलते वाहन चालकों को भी लाइट का प्रयोग करना पड़ रहा था। मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापतान 19.8 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमापन 9.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। अधिकतम आर्द्रता 98 व न्यूनतम 70 प्रतिशत दर्ज की गई।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगकी विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि मंगलवार को ठंड का असर अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा रहा। अभी कड़ाके की ठंड का दौर बना रहेगा, दिन का तापमान कम हो रहा है और रात का बढ़ रहा है। दो तीन नि में रात के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी।
मेरठ का एक्यूआई 240
मंगलवार को एनसीआर में प्रदूषण का असर कहीं पर ज्यादा तो कहीं पर कम रहा। मेरठ का एक्यूआई 240, बागपत में 212, गाजियाबाद में 305, मुजफ्फरनगर में 352, जयभीमनगर में 236, गंगानगर में 245, पल्लवपुरम में 243 दर्ज किया गया। अभी प्रदूषण में भी उतार-चढ़ाव का दौर बना रहेगा।
ऐसे मौसम में बच्चों और बुजुर्गों को बचाए
वर्तमान मौसम में छोटे बच्चे और बुजुर्गों को ठंड से बचाने की जरूरत है। ऐसे में दोनों को ही निमोनिया का असर तेजी से बढ़ता है। प्रदूषण के साथ ठंड और कोहरा दोनों के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। ऐसे में हीट स्ट्रोक और डायरिया और हार्ट अटैक जैसी बीमारी बढ़ती है। ऐसे मौसम में जरूरतमंद लोग ही घर से बाहर निकले और घर में भी रहे तो गर्म कपड़े पहनकर रहे।
कड़ाके की ठंड से बाजारों में पसरा सन्नाटा
सरधना: ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को भी सुन कर देने वाली ठंड ने लोगों का बुरा हाल कर दिया। कड़ाके की ठंड के चलते दिनभर में कुछ ही देर के लिए सूर्य दर्शन हो सके। वहीं ठंड का असर बाजारों में भी देखने को मिला। दिन ढलते ही नगर के बाजारों में सन्नाटा पसर गया। वहीं नगर पालिका द्वारा अभी तक अलाव जलवाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है।
मंगलवार को भी घने कोहरे के साथ कड़ाके की ठंड ने खूब सितम ढहाया। बाहर बजे तक आसमान पर कोहरे की चादर छाई रही। सुन कर देने वाली ठंड ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। आसमान पर धुंध छाया रहा। जिससे पूरे दिन कुछ ही देर के लिए सूर्य दर्शन हो सके। ठंड का असर बाजारों में भी देखने को मिला। बाजारों में चहल पहल काफी कम रही।
लोग जरूरी काम के लिए ही घरों से बाहर निकले। ठंड के बचने के लिए लोग तरह तरह के जतन करते नजर आए। दिन ढलते ही नगर के बाजारों में सन्नाटा पसर गया। वहीं पालिका प्रशासन को अभी तक ठंड नहीं लगी है। शायद इसलिए नगर में पालिका ने अलाव की व्यवस्था नहीं की है।
नए साल में बढ़ेगी कड़ाके की ठंड
दिसंबर के महीने में धीरे-धीरे सर्दी का एहसास बढ़ रहा है। कड़ाके की ठंड़ के साथ घने कोहरे का भी असर शुरु हो गया है। अब शीतलहर की संभावना भी बढ़ गई है। मौसम के लिहाज से इस समय उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार शीतलहर की चपेट में आ चुका है। जम्मू कश्मीर में नए साल का स्वागत बारिश और बर्फबारी से होने की उम्मीद है।
एक से तीन जनवरी तक प्रदेश में बादल छाए रहने की संभावना व्यक्त की गई है। कुछ स्थानों पर बारिश के साथ बर्फबारी होगी। अभी कश्मीर में शीतलहर के साथ अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान से नीचे ल रहा है। श्रीनगर में तापमान माइनस 2.8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। जाहिर है कि यह तापमान जब कम होगा तो उसका असर पूरे भारत पर दिखाई देगा और देश के कई प्रदेश शीत लहर की चपेट में होंगे।
घने कोहरे का दिखा असर
पश्चिम उत्तर प्रदेश में तथा आसपास के इलाकों में सुबह से शाम तक घने कोहरे का प्रकोप देखा गया है। आज पूरे दिन सड़कों पर दृष्ट कम होने के कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सुबह के वक्त दृष्टता लगभग न के बराबर थी। जिस कारण सड़कों पर वाहन रेंगते हुए नजर आए।
शीत लहर फसलों को भी पहुंचा सकती है नुकसान
घने कोहरे और शीतलहर के लगातार बढ़ने के कारण फसलों और सब्जियों को भी काफी नुकसान हो सकता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के कृषि वैज्ञानिक डा. आरएस सेंगर ने बताया कि इसलिए किसान भाइयों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। जब उनको लगता है कि आज रात में पाला पड़ सकता है। उसी दिन से पहले से ही खेत में सिंचाई करके रखें। जिससे पाले से फसल को बचाया जा सके।
किसान पराली से ढके फसल को
जिस दिन आसमान साफ चटक दिन में धूप दिखाई देगी तो समझे कि उसके अगले दिन रात में पाल पढ़ने की संभावना अधिक होती है ऐसी स्थिति में सब्जियों तथा अपनी फसलों में हल्की सिंचाई कर ले साथ ही जिन लोगों ने फलदार तथा अन्य छोटे पेड़ अपने खेतों में लगा रखे हैं तो उनको पराली से ढकने की व्यवस्था करें जिससे पहले से वह अपने पौधों को बचा जा सके।