Saturday, July 27, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutगंगा उफान पर, खादर में फिर बाढ़ का खतरा

गंगा उफान पर, खादर में फिर बाढ़ का खतरा

- Advertisement -
  • बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज बढ़कर हुआ 1 लाख 68 हजार क्यूसेक

जनवाणी संवाददाता |

हस्तिनापुर: पहाड़ी क्षेत्रों में रुक-रुक कर हो रही बरसात ने सोमवार को गंगा के जलस्तर में एक बार फिर से परिवर्तन कर दिया है। गंगा के जलस्तर में आये दिन होने वाली वृद्धि से गंगा किनारे बसे दर्जनों गांवों के लोगों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बाढ़ में सब कुछ गंवाने ग्रामीण प्रशासन से मिलने वाली सहायता पर नजर लगाए बैठे हुए हैं।
गंगा व सोती नदी के जलस्तर में शनिवार से फिर वृद्धि होने लगी थी।

गंगा नदी के जल स्तर में रविवार देर रात हुई वृद्धि से गंगा का पानी किनारे तोड़कर सड़कों और जंगलों में फैलना शुरू हो गया है। बिजनौर बैराज से लगातार बढ़ रहे डिस्जार्च से क्षे़त्र के लगभग बधुवा़, खेड़ीकलां, दुधली, भीकुंड, दुपडी चाव, हंसापुर, परसापुर, सिरर्जेपुर, गांवड़ी, मकदूमपुर, बंगाली बस्ती, बधुवी आदि दर्जनों गांवों के संपर्क मार्गों पर पानी भरा होने के कारण गांवों का संपर्क एक-दूसरे से कट गया है।

09 7

बिजनौर बैराज पर तैनात अवर अभियता पीयूष कुमार ने बताया कि सोमवार को बिजनौर बैराज से गंगा का चल रहा डिस्चार्ज बढ़कर 1 लाख 68 हजार क्यूसेक और हरिद्वार से 1 लाख 48 हजार हो गया है, जो खतरे के निशान के पास है। गंगा का जलस्तर कम होने के बाद भी खादर क्षेत्र के जो हालात है, उन्हे देखकर ग्रामीण भयभीत होने लगे हैं। गंगा किनारे बसे गांव के ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने आजतक गंगा का ऐसा रौद्र रूप नहीं देख है।

गंगा के जलस्तर में कमी होने के बाद भी बाढ़ का पानी उनके खेतों से निकलने के लिए तैयार ही नहीं है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि 17 से 20 जून के बीच पहाड़ी क्षेत्रों में जो जलप्रलय आई थी। उसमें बड़े-बडेÞ पत्थर और चिकनी मिट्टी गंगा की धारा में जमा हो गई थी। जिसके कारण गंगा का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसको लेकर खादर के ग्रामीण खौफ के साए में जी रहे है।

संक्रामण का मंडराया खतरा

गांवों में हफ्तों से बाढ़ का पानी भरा होने के कारण गांवों में मच्छरों की भरमार है। जिसके चलते गांवों में संक्रामण रोग फैलने शुरू हो गये हैं। दुधली, भीकुंड, लतीफपुर, गांवड़ी आदि गांवों के रहने वाले लोगों संतलाल, चुन्नु, चमन, रमेश, रतिभान आदि का कहना है कि सप्ताह से भी अधिक समय से गांव में पानी भरा होने के कारण गांव में दर्जनों लोग बुखार व उल्टी दस्त से पीड़ित है।

उमस भरी गर्मी से लोग हुए पसीना-पसीना

मोदीपुरम: गर्मी का रुख लगातार बढ़ रहा है। अभी उमस के साथ गर्मी का प्रकोप जारी है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो उनका कहना है कि अगस्त के महीने में उमस के साथ गर्मी बढ़ रही है। आई फ्लू के मरीजों की तादाद अधिक हो सकती है। अगस्त के महीने में बारिश लगभग 70 मिमी के आसपास अब तक हो चुकी है। जुलाई के महीने में पहले ही बारिश ने एक दशक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अब अगस्त के महीने में भी अच्छी बारिश हो रही है। जिसके चलते उमस का प्रकोप बन रहा है।

07 9

ऐसे में बेहद जरूरी है कि ऐसे मौसम में बेहद सावधानी बरतनी होगी। राजकीय मौसम वैधशाला पर सोमवार को दिन का अधिकतम तापमान 33.4 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 26.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 74 एवं न्यूनतम आर्द्रता 66 प्रतिशत दर्ज की गई। हवा का रुख शांत रहा, लेकिन बारिश का अभी भी रुख बना हुआ है। जिसके चलते लोगों को जहां गर्मी से राहत मिलेगी। कृषि विशेषज्ञ डा. यूपी शाही के अनुसार फिलहाल गर्मी के बढ़ने से परेशानी होगी।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments